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SC ने अग्रिम जमानत मांगने पहुंचे याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी का दिया आदेश, 2 लाख रुपये जुर्माना लगाया - SUPREME COURT

सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. साथ ही उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 23, 2025, 9:29 PM IST

Updated : Jan 23, 2025, 10:39 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत मांगने पहुंचे एक व्यक्ति पर कोर्ट ने न सिर्फ 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, बल्कि अमृतसर पुलिस कमिश्वर को 3 दिन के अंदर उसकी गिरफ्तारी का आदेश भी दे दिया.

यह मामला न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ के समक्ष आया. पीठ ने 22 जनवरी को पारित आदेश में कहा, "हमें नहीं पता कि अमृतसर के पुलिस आयुक्त ने 11 दिसंबर, 2024 को हाई कोर्ट के निर्देशानुसार कोई हलफनामा दायर किया है या नहीं. लेकिन यह सच है कि पहली जमानत याचिका और दूसरी जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी याचिकाकर्ता को हिरासत में नहीं लिया गया है. इस प्रकार, याचिकाकर्ता सर्वविदित कारणों से प्रक्रियात्मक कानून का अनुचित लाभ उठाने का इरादा रखता है."

शीर्ष अदालत ने 2 लाख रुपये की लागत के साथ एक व्यक्ति प्रतीक अरोड़ा द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया, और निर्देश दिया कि इसे याचिकाकर्ता द्वारा पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के पास जमा किया जाना चाहिए और एक सप्ताह के भीतर इसका सबूत दाखिल किया जाना चाहिए.

पीठ ने अपने आदेश में कहा, "हम अमृतसर के पुलिस आयुक्त को याचिकाकर्ता को तीन दिनों के भीतर गिरफ्तार करने और चौथे दिन इस न्यायालय की रजिस्ट्री के समक्ष एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं. इस तरह के हलफनामे दाखिल करने पर, मामले को 29 जनवरी, 2025 को पीठ के समक्ष आदेश के लिए रखा जाए."

शीर्ष अदालत ने कहा कि 30 सितंबर, 2024 को यह महसूस करने के बाद कि उच्च न्यायालय उसे अग्रिम जमानत देने के लिए उत्सुक नहीं है, याचिकाकर्ता ने अपना आवेदन वापस ले लिया. बाद में, याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के समक्ष एक और याचिका दायर की, जिसमें उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया.

उच्च न्यायालय ने कहा था कि वर्तमान मामले में प्राथमिकी 25 जून, 2023 को दर्ज की गई थी और उसके बाद 1 वर्ष से अधिक समय तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. यह न्यायालय याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देने के लिए इच्छुक नहीं था और इसे 30 सितंबर 2024 को वापस ले लिया गया. अब लगभग 03 महीने की अवधि बीत चुकी है, लेकिन पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार करने या उसे घोषित अपराधी घोषित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने वर्तमान मामले में आरोपी के साथ मिलीभगत की है. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 11 दिसंबर, 2024 को पारित आदेश में कहा, जबकि मामले को 19 दिसंबर, 2024 को सूचीबद्ध किया गया. लेकिन जब मामला सूचीबद्ध हुआ तो याचिकाकर्ता ने आवेदन वापस ले लिया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने जोरदार ढंग से तर्क दिया कि अग्रिम जमानत के लिए दूसरे आवेदन पर उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता को अवसर दिए बिना ही विवादित आदेश पारित किया गया है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया. आदेश में कहा गया है कि यह रकम वह पंजाब स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी को जमा करवाए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अमृतसर के पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है कि वह 3 दिन के भीतर याचिकाकर्ता को गिरफ्तार कर लें. कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है.

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Last Updated : Jan 23, 2025, 10:39 PM IST

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