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आम बजट पर सीएम हेमंत सोरेन की रही ऐसी प्रतिक्रिया, जेएमएम ने कहा- आम नहीं खास का है बजट जिसमें कुर्सी बचाने की है झलक - union budget 2024

Reaction on union budget 2024. केंद्रीय बजट में बिहार और आंध्र पदेश को मिले तोहफों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पार्टी ने कहा कि यह आम बजट नहीं बल्कि कुर्सी बचाने वाला बजट है. हेमंत सोरेन ने कुछ इस तरह की प्रतिक्रिया.

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सीएम हेमंत सोरेन (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 23, 2024, 8:25 PM IST

रांची: केंद्रीय बजट पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्रकारों के द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस संबंध में बताऊंगा थोड़ा सा जानकारी और आने दीजिए.पत्रकारों के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों को 40000 करोड़ रुपए किस हिसाब से दिए जा रहे हैं और उसके बदले में कितना ले रहे हैं यह उन्होंने नहीं बताया है. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के बाद मीडिया कर्मियों के द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा.

सीएम हेमंत सोरेन का बयान (ईटीवी भारत)

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह आम बजट नहीं बल्कि खास बजट है जिसमें प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाने वाली बजट की झलक दिखती है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह देश का बजट कतई नहीं है. इस बजट से यह पूरी तरह से प्रतीत हुआ कि केंद्र की सत्ता अपने स्थिरता के लिए इतनी डरी और सहमी हुई है कि उसे आंध्र प्रदेश को विशेष लाभ पहुंचाना है साथ-साथ बिहार को, थोड़ा बहुत ओडिशा के लिए और लगता है कि बांकी के 27 राज्य अब इस देश में नहीं हैं.

सुप्रियो ने कहा कि जिस प्रकार से मुद्दे विहीन होकर भारतीय जनता पार्टी ने केवल और केवल सांप्रदायिक बातें की उसी का यह झलक दिखता है. बजट को 09 वर्गों में बांटकर हाईलाइट किया गया है. सबसे ऊपर एग्रीकल्चर को रखा गया लेकिन 2019-20 फाइनेंशियल ईयर में एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए 6.5% बजट का हिस्सा हुआ करता था आज वह घटकर 3.9% पर आ गया.

एमएसपी की कोई चर्चा नहीं हुई जिससे पेट भरा जाता है. उस पर कोई बातें नहीं केवल फल और सब्जी पर बातें हुई. दूसरा बिंदु जो एपॉइंटमेंट का था यानी रोजगार का. कल हम लोगों ने देखा था कि आर्थिक सर्वेक्षण जब पेश हुआ तो देश का बेरोजगारी दर केंद्र सरकार ने 3.2% बताया लेकिन सरकार की संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इन इंडियन इकोनामी जो बैंक ऑफ इंडिया को भी रिपोर्ट करता है उसका आंकड़ा कुछ और था.

नई सरकारी नौकरी की कोई घोषणा नहीं

केंद्रीय बजट में नई सरकारी नौकरी की कोई घोषणा नहीं होने का आरोप लगाते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जो 30 लाख सरकारी पद खाली है उनकी नियुक्ति के संबंध में कोई बातें नहीं. बातें क्या हुई अगले 5 वर्षों तक एक करोड़ युवाओं को जो बड़ी प्राइवेट कंपनियां उसमें 5000 के वेतनमान पर अस्थायी नौकरी दी जाएगी. मतलब प्रतिवर्ष 20 लाख नौजवानों को ही 5000 की नौकरी होगी. इसमें आईआईटी से जो इंजीनियर है उनको भी 5000 की नौकरी मिलेगी और जो आईटीआई से पास हैं उनको भी पांच हजार की नौकरी दी जायेगी.

पर्यटन पर उसमें कितने रोजगार सृजन होगी उसकी कोई परिकल्पना नहीं. बजट की आलोचना करते हुए सुप्रियो ने कहा कि हम कह सकते हैं कि यह बजट ऐसा है कि किसी को यदि कैंसर हुआ है तो डॉक्टर बोलेगा उसमें बैंडेज लगा लो मतलब घाव ऐसा भयानक है जिसमें आदमी की जीवन लीला समाप्त हो सकती है उसको कहा जा रहा है कि तुम बैंडेज लगा लो उसकी सर्जरी नहीं है.

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