लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ ने इस पूरे लीक कांड के मास्टरमाइंड रवि अत्री को गिरफ्तार कर लिया है. रवि अत्री ने ही राजीव नयन मिश्रा के साथ मिलकर यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने की योजना बनाई थी. एक एक कर सभी साथियों को इकट्ठा कर गुजरात के अहमदाबाद स्थित ट्रांसपोर्ट कंपनी से पेपर लीक करवाया था. एसटीएफ अब तक इस मामले में राजीव नयन मिश्रा, पेपर बॉक्स का सील खोलने वाले डॉक्टर शुभम मंडल समेत ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुकी है.
विगत 17 और 18 फरवरी को यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी. दोनों ही दिन के दूसरी पाली के पेपर के उत्तर सुबह ही टेलीग्राम में वायरल होने लगे थे. जिसके बाद हंगामा बढ़ता देख सरकार ने पेपर रद्द कर जांच एसटीएफ को सौंपी थी. एसटीएफ ने इस मामले में टीएस आई एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारी अभिषेक शुक्ला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही पेपर लीक करने में अहम भूमिका निभाने वाले राजीव नयन मिश्रा, ट्रांसपोर्ट कंपनी में रखे पेपर बॉक्स का सील खोलने वाले बिहार के डॉक्टर शुभम मंडल और पेपर पढ़ाने वाले कोचिंग संचालकों को गिरफ्तार कर चुकी है. इस मामले में मास्टरमाइंड रवि अत्री की पहचान की जा रही है, जिसे नोएडा के खुर्जा बस अड्डे से गिरफ्तार किया गया है.
पहले बना सॉल्वर, फिर एमबीबीएस में लिया एडमिशन:गिरफ्तार रवि अत्री ने पूछताछ में बताया, कि वर्ष 2006 में श्रीराम इण्टर कॉलेज थोरा, गौतमबुद्धनगर से इण्टर की परीक्षा पास करने के बाद वर्ष 2007 में ऐलन कोचिंग सेंटर, कोटा, राजस्थान में मेडिकल की तैयारी करने के लिये गया था. वहीं पर परीक्षा माफियाओं के सम्पर्क में आकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सॉल्वर बनकर बैठने लगा. वर्ष 2012 में एचपीएमटी की परीक्षा पास करने के बाद इसका पीजीआईएमएस, रोहतक, हरियाणा में एडमिशन हो गया और वर्ष 2018 में तृतीय वर्ष पास किया और चौथे वर्ष की परीक्षा नहीं दी. वर्ष 2012 में नीट पीजी की परीक्षा का पेपर लीक मामले में दरियागंज क्राईम ब्रान्च दिल्ली से जेल गया था. तथा वर्ष 2012 में ही एसबीआई की परीक्षा का पेपर आउट कराने में शाहबाद डेरी, दिल्ली से जेल गया था. इसके अलावा वर्ष 2015 में एआईपीएमटी का पेपर आउट कराने में थाना पीजीआईएमएस रोहतक, हरियाणा से अपने साथियों के साथ जेल गया था.
ट्रांसपोर्ट कंपनी कर्मचारियों पर लुटाता था पैसे, समय आने पर लेता था काम:एडीजी लॉ एंड आर्डर अमिताभ यश ने बताया कि, पूछताछ और जांच के दौरान रवि अत्री और यूपी पुलिस पेपर लीक से जुड़े कई तथ्य सामने आए है. रवि अत्री को पता था कि, टीसीआई, गति, ब्लू-डाट जैसी ट्रांसपोर्ट कम्पनी से परीक्षा के पेपर आता है. ऐसे में उसने ऐसी कंपनियों में काम करने वाले कई लोगों से दोस्ती की और उनसे मुलाकातें करने लगा. इसी में एक टीएसआई एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट कंपनी अहमदाबाद में काम करने वाले अभिषेक शुक्ला हुई थी. उसने भरोसा जीतने के लिए अभिषेक को हर माह 25-30 हजार रुपये दिए. करीब 15 लाख रुपये तक देने के बाद रवि अत्री ने अभिषेक शुक्ला को बताये रखा था कि, ट्रांसपोर्ट कंपनी में पेपर आते है, तो उसमें कॉन्फिडेंशियल मटेरियल लिखा रहता है. बॉक्स पर भी स्टील की टेप और कॉन्फिडेंशियल की मोहर लगी रहती है. ऐसे में यदि इस तरह कोई बॉक्स आता है तो उसे जानकारी देने की बात कही थी.
एसटीएफ के मुताबिक, आरओ एआरओ और यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा की तारीख पास आने पर रवि अत्री गुजरात के अहमदाबाद पहुंच गया था. इसके बाद उसे टीसीआई कंपनी में काम करने वाले अभिषेक शुक्ला, शिवम गिरी और रोहित पांडे ने कंपनी में यूपी पुलिस से जुड़े पेपर आने को बात बताई थी. बॉक्स की फोटो देखने के बाद रवि अत्री ने राजीव नयन मिश्रा को पूरी बात बताई और फिर बॉक्स खोलने में एक्सपर्ट को बुलाने के लिए कहा गया. राजीव बिहार के रहने वाले डॉक्टर शुभम मंडल को लेकर गुजरात पहुंचा, जहां उसने सील को बिना तोड़े खोल दिया और पेपर लीक कर दिए.