नई दिल्ली :ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्कल बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी भरने से तीन स्टूडेंट की मौत हो गई. स्टूडेंट्स ने बताया कि लाइब्रेरी बेसमेंट में थी, यहां पर इलेक्ट्रिक वायर थे. इमरजेंसी एग्जिट की कोई व्यवस्था नहीं थी. पानी भरने के दौरान बिजली कट गई, जिसकी वजह से स्टूडेंट्स बाहर नहीं निकल सके और पानी में डूबने से उनकी मौत हो गई.
ओल्ड राजेंद्र नगर के ज्यादातर नई इमारतों में बेसमेंट में इस तरह की लाइब्रेरी चल रही हैं. जो डिजास्टर मनेजमेंट के मानकों को नहीं पूरा करती हैं. स्टूडेंट्स का कहना है कि पानी भरने या आग लगने की घटना होने पर निकलने तक का रास्ता नहीं है. ऐसे में आगे भी इस तरह की घटना हो सकती है. विरोध में स्टूडेंट्स प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
शनिवार को हुई थी भारी बारिश
शनिवार शाम को दिल्ली में तेज बारिश हुई. रात में राऊज आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में करीब 35 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे थे. बेसमेंट में अचानक पानी भर गया. पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट बाहर को भागे. ईटीवी भारत को स्टूडेंट्स ने बताया कि यहां पर बायोमेट्रिक डोर लगा हुआ था. पानी भरने के कारण बिजली गुल हो गई. इससे इलेक्ट्रिक डोर लॉक हो गया और स्टूडेंट्स फंस गए. कुछ को बाहर निकल लिया गया और तीन की मौत हो गई. नेशनल डिजास्टर जिसको फ़ोर्स (एनडीआरएफ), दिल्ली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट रात से ही पानी निकालने में लगा हुआ है. मामले में लाइब्रेरी संचालक पर एफआईआर हो गई है. लेकिन लाइब्रेरी संचालक व स्टाफ घटना के बाद से मौके पर कोई नहीं आया.
कोचिंग हादसे की बड़ी वजह (ETV Bharat) स्टूडेंट्स में आक्रोश कर रहे प्रदर्शन
घटना के बाद से स्टूडेंट्स में आक्रोश है. स्टडी सेंटर के पास एकत्र स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे हैं. जिन तीन स्टूडेंट्स की मौत हुई है, उनकी मौत का जिम्मेदार राव आईएएस को बता रहे हैं. स्टूडेंट्स न्याय की मांग कर रहे हैं.
स्टूडेंट्स ने बताया इस तरीके से चल रहीं दर्जनों मौत की लाइब्रेरी
ओल्ड राजेंद्र नगर में दर्जनों नई-नई इमारतें बनी है जिनके बेसमेंट में इस तरह की लाइब्रेरी चलती हैं. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहीं प्रिया ने बताया कि बेसमेंट में बिना अनुमति के लाइब्रेरी चल रही हैं. विद्यार्थियों से मनमानी फीस वसूली जाती है लेकिन यहां पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं. सभी लाइब्रेरी में सिर्फ एक ही बायोमेट्रिक दरवाजा है. एमरजैंसी एग्जिट की कोई व्यवस्था नहीं है. आग लगे या पानी भरने की स्थिति में आगे भी इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं. पुलिस, प्रशासन या सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है जबकि लाइब्रेरी संचालक स्टूडेंट की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
यहां 50 साल से जल भराव की है समस्या, फिर भी लोग बना रहे बेसमेंट
स्थानीय निवासी संदीप ने बताया कि यहां पर सड़क के नीचे नाला है. नाला आगे जाकर ऊंचाई पर है जिसकी वजह से पानी आगे नहीं निकल पाता है. जहां पर यह हादसा हुआ इसके आसपास की सड़क पर हर बार बारिश में भारी जल भराव हो जाता है. गाड़ियां पानी में डूब जाती हैं लोगों के घरों में पानी घुस आता है. ऐसी स्थिति होने के बावजूद भी इमारत में बेसमेंट बनाया जा रहा है. ऐसे में आगे भी इस तरीके के हाथ से हो सकते हैं.
3 से 4 हजार माह फीस देने के बाद भी सुरक्षा से खिलवाड़
छात्र अल्ताफ खान ने बताया कि यहां पर जितनी भी लाइब्रेरी बनी हुई है वहां पर इवेक्युएशन की व्यवस्था नहीं है. किसी भी लाइब्रेरी के पास किसी तरीके का सरकार से लाइसेंस नहीं लिया गया है. सुरक्षा मानक के जो मानक होने चाहिए वह बिल्कुल भी नहीं हैं. तीन से 4 हजार तक हर महीने हम लोग लाइब्रेरी की फीस देते हैं लेकिन हमारी सुरक्षा के साथ इस तरीके का खिलवाड़ किया जा रहा है. इस सरकार या प्रशासन गंभीरता से नहीं ले रही है.
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