रामनगर: नैनीताल जिले का रामनगर वन प्रभाग वन्यजीवों और पक्षियों की प्रजातियों के लिए देश-विदेश में विख्यात है. यहां पर 600 से ज्यादा प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं. यहां के जंगल भी वन्यजीवों के साथ ही कई दुर्लभ पक्षियों के लिए अनुकूल हैं. यही वजह है कि कई दुर्लभ प्रजाति के पक्षी यहां पर नजर आ जाते हैं. इसी कड़ी में गर्जिया मंदिर क्षेत्र में बहने वाली कोसी नदी में आइबिसबिल पक्षी नजर आया है. जिसके बाद वन विभाग और पक्षी प्रेमियों में भी खुशी की लहर है.
लंबी चोंच की वजह से खास पहचान रखता है यह पक्षी:रामनगर के पक्षी प्रेमी संजय छिम्वाल कहते हैं कि यह हिमालय का अनोखा पक्षी है. आइबिसबिल (Ibisbill Bird) देखने में काफी खूबसूरत होता है. यह दुर्लभ पक्षी है, जो खासकर हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है. इसकी लंबी, लाल, नीचे की ओर मुड़ी हुई चोंच इसे खास बनाता है. इसी से इसकी पहचान होती है. इसी चोंच की वजह से इसका नाम आइबिसबिल पड़ा है.
उन्होंने बताया कि यह पक्षी लगभग 40 सेंटीमीटर लंबा होता है. इसका शरीर ग्रे रंग का होता है और इसके सीने पर एक काली पट्टी होती है. आइबिसबिल पक्षी ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों, नदियों और झीलों के किनारे रहना पसंद करता है. यह पक्षी पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवों को खाकर अपना जीवन बिताता है. अपनी लंबी चोंच की मदद से यह पत्थरों के नीचे छिपे हुए कीड़ों को भी ढूंढ निकाल लेता है. आइबिसबिल पक्षी ऊंचाई पर घोंसला बनाता है. एक बार में मादा दो अंडे देती है.