नई दिल्ली: नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने विमान संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विमानन मनोविज्ञान विकसित करने और सुदृढ़ तनाव और थकान प्रबंधन प्रणाली को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया. दिल्ली में ईटीवी भारत की संवाददाता सुरभि गुप्ता के साथ विशेष साक्षात्कार में उन्होंने विमानन क्षेत्र में दुर्घटनाओं को कम करने के लिए नागर विमानन मंत्रालय के प्रयासों पर चर्चा की.
दिल्ली में भारतीय विमानन अकादमी में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा आयोजित विमान दुर्घटनाओं में मानवीय कारकों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में बात करते हुए उन्होंने कहा, "हम मौजूदा हवाई जहाज दुर्घटनाओं पर चर्चा कर रहे हैं. मंत्रालय के पास विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो है. पहली बार उन्होंने हितधारकों के साथ संगोष्ठी आयोजित की, जिसमें यह चर्चा की गई कि दुर्घटनाएं क्यों होती हैं और उन्हें कैसे कम किया जा सकता है. हम सामूहिक रूप से इसे शून्य तक कम करना चाहते हैं."
केंद्रीय मंत्री नायडू ने कहा कि हमारे पास मंत्रालय की एक बेहतरीन टीम है. हम हमेशा इस लक्ष्य की ओर प्रयासरत रहते हैं. मेरा मानना है कि उद्योग के हितधारकों के साथ सेमिनार आयोजित करना, सभी को आमंत्रित करना, उनके साथ बैठना, इन मुद्दों पर चर्चा करना और दुनिया भर में क्या चल रहा है, इससे हमें अपने सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, इसलिए मेरा मानना है कि यह उस लक्ष्य की ओर बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है, और मैं वास्तव में प्रस्ताव कर रहा था कि इस तरह का सेमिनार हर साल आयोजित किया जाना चाहिए, जहां हम इन मुद्दों पर चर्चा करें.
नायडू ने प्रस्ताव दिया कि इस तरह के सेमिनार एक वार्षिक कार्यक्रम बन जाएं, जो वैश्विक रुझानों और दुर्घटनाओं को कम करने की रणनीतियों की पहचान करने के लिए हितधारकों के साथ चल रही चर्चाओं के लिए एक मंच के रूप में काम करें.
विमानन में कोहरे से संबंधित चुनौतियों से निपटना
सर्दियों के महीनों में कोहरे से उत्पन्न चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर, विशेष रूप से विमान के उड़ान भरने और लैंड करने में, नायडू ने बताया कि मंत्रालय ने सक्रिय उपाय लागू किए हैं. उन्होंने कहा, उस परिदृश्य के बारे में, हमने पहले ही इस पर विचार कर लिया है क्योंकि यह मुद्दा हर साल उठता है. इसलिए हम मौसम शुरू होने से पहले एक बैठक बुलाते हैं, जिसमें सभी हितधारकों को आमंत्रित किया जाता है ताकि स्थिति की निगरानी की जा सके और उसका पहले से समाधान किया जा सके.
नागर विमानन मंत्री नायडू ने उत्तर भारत में हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर सुधार पर भी प्रकाश डाला, जहां कोहरा आम समस्या है. उन्होंने कहा, हम अधिकांश हवाई अड्डों को श्रेणी-III (CAT-3) मानकों में परिवर्तित कर रहे हैं, जो विमानों को कोहरे की स्थिति में भी लैंड करने और उड़ान भरने की अनुमति देता है. हम अपने हवाई अड्डों को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं, और उत्तर भारत के अधिकांश हवाई अड्डों, जहां यह समस्या आम है, को CAD-3 हवाई अड्डों में बदला जा रहा है.