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प्राण प्रतिष्ठा के लिए 5वें दिन का अनुष्ठान पूरा: रामलला के विग्रह को शर्कराधिवास और फलाधिवास में रखा गया, वास्तु पूजा संपन्न - रामलला शर्कराधिवास फलाधिवास

रामनगरी में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसके लिए छह दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार से चल रहा है. आज अनुष्ठान का पांचवां दिन (Ram Mandir Pran Pratishtha fifth day Day) है. सुबह से अनुष्ठान की शुरुआत हुई, जो शाम तक चली.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 20, 2024, 7:17 AM IST

Updated : Jan 23, 2024, 5:42 PM IST

अयोध्या :रामनगरी में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर मंगलवार से अनुष्ठान चल रहा है. आज शनिवार को पांचवें दिन का अनुष्ठान पूरा हो गया. राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आज सुबह नौ बजे से शुरू हुआ था, जो शाम तक चला. रामलला का शर्कराधिवास और फलाधिवास में रखा गया. सुबह रामलला को शक्कर में रखा गया. इसके बाद फल में निवास कराया गया. इसके बाद 81 कलशों में एकत्रित विविध औषधियुक्त जल से स्नान कराया गया. फिर विग्रह को पुष्पाधिवास में रखकर अधिवास प्रक्रिया पूरी हुई. 21 जनवरी को भी विग्रह के अधिवास की प्रक्रिया जारी रहेगी. श्रीरामलला का पुराना विग्रह अभी पूर्ववत् विद्यमान है. उचित समय पर उसे पूरे धार्मिक विधि विधान के साथ मंदिर में विराजमान किया जाएगा.

18 जनवरी को रामलला की पूरी तस्वीर सामने आने पर भक्त भावविभोर हो गए थे. आज भी अनुष्ठान को लेकर पूरे शहर में तरह-तरह के धार्मिक आयोजन हुए. अहम बात ये है कि आज रामलला के लिए पाकिस्तान के हिंगलाज शक्तिपीठ का जल अयोध्या लाया गया. इसी कड़ी में 1,265 किलो लड्डू का प्रसाद हैदराबाद से कारसेवकपुरम में पहुंच चुका है. कश्मीर के मुसलमानों ने केसर सौंपा है. इसी कड़ी में तिरुपति बालाजी से 3 टन लड्डू आ रहा है. प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी को दोपहर बाद सरयू नदी से प्रारम्भ हुआ था. इसके बाद 17 जनवरी को श्रीरामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में आगमन हुआ था. प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में रामलला के विग्रह के अधिवास के साथ शनिवार को मुख्यतः वास्तु पूजा हुई. इस पूजा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से अनिल मिश्र सपरिवार और विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक एवं अन्य लोगों ने पूजा की.

मुख्य पुजारी बोले- मूर्ति की आंखों से पट्टी हटाना सही नहीं :सभी अनुष्ठान में मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्रा ही होंगे. इसके अतिरिक्त ट्रस्ट से जुड़े अन्य पदाधिकारी और 121 आचार्य होंगे. श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे. काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे. वहीं नेपाल से भी रामभक्तों का जत्था अयोध्या पहुंचा. गाया राम आएंगे. मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का बयान भी सामने आया है. उनका कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले मूर्ति की आंखें नहीं दिखानी चाहिए थी. अनुष्ठान के दौरान आंखों से कपड़ा नहीं हटा सकते हैं. इसकी जांच कराई जानी चाहिए. इसी कड़ी में अयोध्या में अलीगढ़ से 400 किलो वजन का ताला भी पहुंच गया. क्रेन की मदद से ताले के उतारा गया. वहीं कई राजनेताओं ने नई मूर्ति पर सवाल उठाए हैं. इस पर जगतगुरु रामभद्राचार्य ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ नहीं पता, विनाशकाले विपरीत बुद्धि.

अलग-अलग परंपराओं का होगा समायोजन :शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि अनुष्ठान का हिस्सा हैं.

कल हुआ था औषधाधिवास, केसराधिवास अनुष्ठान :मंगलवार को विवेक सृष्टि परिसर में प्रायश्चित और कर्म कुटी पूजन हुआ था. बुधवार को रामलला की मूर्ति का परिसर में भ्रमण कराया गया था. इसी के साथ रामलला मंदिर में प्रवेश कर गए थे. गुरुवार को रामलला को गर्भ गृह में विराजमान कराया गया था. इसी कड़ी में 19 जनवरी को सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास और घृताधिवास का अनुष्ठान हुआ था, जबकि शाम को धान्याधिवास संस्कार कराया गया. कल का दिन अहम रहा. कल रामलला की एक के बाद कई मनमोहक तस्वीरें सामने आईं थीं.

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Last Updated : Jan 23, 2024, 5:42 PM IST

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