अयोध्या राम मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ के बीच से संवाददाता प्रतिमा तिवारी की रिपोर्ट. अयोध्या: 'चारिउ चरन धर्म जग माही, पूरी रहा सपनेहुं अघ नाहीं। राम भगति रत नर अरु नारी, सकल परम गति के अधिकारी।' अयोध्या में रौनक लौट आई है. हर ओर जय श्री राम का जयघोष सुनाई पड़ रहा है. आज अयोध्या त्रेतायुग वाली ही लग रही है. राम नाम की धुन में रमे रामभक्त मंदिर में पहुंचे हुए हैं. माहौल ऐसा कि इस दिन का इंतजार हर कोई कर रहा था.
उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, मणिपुर, पंजाब, गुजरात... देश के कई राज्यों से श्रद्धालु राममंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे हुए हैं. मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 की रात 3 बजे से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. गेट खुलते ही हर कोई राम की ओर दौड़ पड़ा. अभी मंदिर के कपाट दर्शन के लिए बंद कर दिए गए हैं. दोपहर 2 बजे फिर से दर्शन शुरू हो सकेगा.
'हमारे राम महल में विराजमान हो गए हैं. अब दर्शन नहीं करेंगे तब कब करेंगे.' अयोध्या में राम मंदिर के बाहर दर्शन के लिए इंतजार में खड़े श्रद्धालुओं का यही कहना है. कहेंगे भी क्यों नहीं. शताब्दियों बाद तो ये अवसर आया है. जब हमारे राम को देखने से कोई रोकने वाला नहीं है. सुबह 3 बजे से लोग गेट पर खड़े हुए थे. गेट खुलते ही लोग भगवान के दर्शन के लिए पहले पहुंचना चाह रहे थे.
हजारों की संख्या में पहुंची भीड़ को रोकने के लिए और सुरक्षा के लिए रैपिड एक्शन फोर्स सहित अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती है. मंदिर परिसर में तलाशी क्षेत्र भी बनाया गया है. हालांकि भीड़ के चलते लोगों की तलाशी सुबह नहीं की जा सकी है. मंदिर में लोगों के मोबाइल फोन और जूते जमा कराने के लिए काउंटर बनाए गए हैं. मगर समस्या ये है कि आज पहला दिन है और भक्तों की संख्या हजारों में है.
अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली सुबह उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़. मंदिर में जाने के लिए भीड़ में खड़े रौनक मणिपुर से आए हैं. वह कहते हैं, 'रातभर हम लोग गेट के बाहर ही खड़े रहे हैं. हमें पता था आज भी अधिक होगी. इसीलिए हम लोग पहले से ही लाइन में खड़े हो गए थे.' ठंडी हवा और होकरे के नीचे खड़े ये लोग जय श्रीराम का जय घोष करते हुए मंदिर के गर्भगृह की ओर बढ़ रहे हैं. हमने जब आस-पास के लोगों से पूछा कि कहां-कहां से आए हैं तो जवाब में चारो ओर से नाम आए, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, मणिपुर, पंजाब, गुजरात. यानी राम सबके हैं.
व्यवस्था चाक-चौबंद, सड़कों पर सिर्फ रामभक्त: अयोध्या की सड़कों का आलम यह है कि हर ओर जाम की स्थिति है. राम की पैड़ी से हनुमानगढ़ी की ओर या फिर चौक की तरफ से हनुमानगढ़ी की ओर आने का रास्तों पर पुलिस की व्यवस्था चाक चौबंद है. मंदिर के रास्तों पर आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. बीती रात से ही कुछ रास्तों पर डायवर्जन है. हालांकि रामपथ पर राममंदिर के आस-पास गाड़ियां अभी भी नहीं चलने दी जा रही हैं. सड़कों पर सिर्फ श्रद्धालु ही दिखाई पड़ रहे हैं. पूरी सड़कें सिर्फ रामभक्तों की भीड़ से भरी हुई हैं. भगवामय हुई अयोध्या में गजब का माहौल है. आज ऐसा लग रहा है कि धर्म की स्थापना रामनगरी में एक बार फिर चरम पर है. अयोध्या राममय हो गई है.
त्रेतायुग जैसी लग रही अयोध्या:'राम राज बैठें त्रैलोका, हरषित भए गए सब सोका। बयरु न कर काहू सन कोई, राम प्रताप बिषमता खोई।' राजा राम की सुबह आज पहले जैसी नहीं थी. आज तो बकायदा उनकी आरती उनके महल में की गई. एक ओर जहां नई और बड़ी विग्रह विराजमान है. वहीं ठीक नीचे रामलला की चल विग्रह भी है. सुबह 4 बजे भोग लगाकर और आरती कर भगवान श्री राम को जगाया गया. उनसे कहा गया, 'हे परमेश्वर आप उठ जाइए. सुबह हो गई है. आपके जगने के बाद ही तीनों लोक के प्राणी जगेंगे और आपके बाद ही जीवन प्रारंभ करेंगे.' रामलला अपने महल में हैं और अब उनकी तीन आरतियां और पांच भोग के साथ सेवा की जाएगी. पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि अब त्रेतायुग का समय लग रहा है.
दोपहर 2 बजे खुलेंगे मंदिर के कपाट:श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट के मुताबिक, राम मंदिर में दर्शन के लिए समय निर्धारित किया गया है. सुबह और शाम दो समयों के लिए भक्तों को दर्शन का मौका मिलेगा. सुबह और शाम मिलाकर कुल 9:30 घंटे मंदिर को दर्शन के लिए खोला जाएगा. सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन होंगे. आज सुबह 4 बजे रामलला को जगाया गया. इसके बाद भक्तों को दर्शन करने का मौका मिला. फिलहाल मंदिर के कपाट दर्शन के लिए बंद कर दिए गए हैं. शेड्यूल के मुताबिक अब दोपहर दो बजे ही भक्तों को दर्शन करने का मौका मिलेगा. शाम 7 बजे तक मंदिर के कपाट खुले रहेंगे.
रामलला का हुआ नामकरण:बता दें कि सोमवार की दोपहर 12:29 बजे अभिजित मुहूर्त में रामलला की मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा के पूरे पूजन में शामिल रहे. पूजन की एक-एक प्रक्रिया का विधिवत अर्चन किया. स्वर्ण आभूषणों से सुसज्जित रामलला की मूर्ति आकर्षित करने वाली रही. गर्भगृह में रामलला विराजमान के पूजन के साथ रजत चल प्रतिमा की भी प्रतिष्ठा हुई. इस बीच श्यामवर्णी रामलला का नामकरण भी हुआ. अब रामलला बालक राम के रूप में जाने जाएंगे.
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