नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट काफी चर्चाओं में रही. चुनाव की घोषणा से लेकर नतीजे आने तक अमेठी सबसे ज्यादा सुर्खियों रहा. वजह है राहुल गांधी और स्मृति ईरानी. पिछली बार इस सीट पर स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को शिकस्त दी थी. हालांकि, इस बार उन्होंने अमेठी से चुनाव न लड़ने का फैसला किया. इसके चलते चुनाव के दौरान वे पूर्व केंद्रीय मंत्री के निशाने पर रहे.
लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद हालात बिल्कुल बदल गए हैं. 2019 में स्मृति ईरानी से हारने वाले राहुल गांधी ने इस बार जबरदस्त वापसी की और एक नहीं 2-2 सीट पर विजयी हुए. उन्होंने केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली सीट से जीत हासिल की. हालांकि, उन्होंने वायनाड से इस्तीफा दे दिया. इतना ही नहीं वह लोकसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. इसके चलते अब वह कम से कम सैलरी के मामले में स्मृति ईरानी पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं.
नेता विपक्ष बनते ही राहुल गांधी न सिर्फ लोकसभा में विपक्ष की कमान संभालेंगे, बल्कि उन्हें कई सुविधाओं और ज्यादा सैलरी भी मिलेगी. बता दें कि राहुल गांधी जब सिर्फ सांसद थे तो उन्हें हर महीने 1 लाख रुपये सैलरी मिलती थी. इसके साथ 45 हजार का भत्ता भी दिया जाता था, लेकिन अब नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सभी सुविधाओं को मिला दें तो उन्हें करीब साढ़े तीन लाख रु. प्रति माह मिलेगा.
वहीं, अगर बात करें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री समृति ईरानी की तो इस बार उन्हें कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा से हार का सामना करना पड़ा. चुनाव हारने के साथ ही स्मृति ईरानी को न सिर्फ सासंदी और केंद्रीय मंत्री का पद गंवाना पड़ा, बल्कि अब उन्हें केवल सांसदों को मिलने वाली पेंशन ही दी जाएगी.