रांची:विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े झारखंड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना सुर्खियों में है. आधी आबादी को हर माह एक हजार रुपए की गारंटी देने वाली इस योजना का क्रेज इस कदर है कि फॉर्म भरने के लिए होड़ मची हुई है. सर्वर लोड नहीं ले पा रहा है. सत्ता पक्ष इसमें जीत की गारंटी देख रहा है तो विपक्ष धोखा बता रहा है. लेकिन कुछ तकनीकी खामियों और राजनीतिक उठापटक से इतर इस योजना ने कुछ ऐसे सवाल खड़े कर दिए हैं, जिन्हें जानना और समझना जरूरी है.
सबसे पहले तो योजना के नाम पर गौर करने की जरूरत है. इसको मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना नाम दिया गया है. खोरठा भाषा के जानकार असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ निरंजन महतो के मुताबिक मंईयां शब्द का इस्तेमाल खोरठा भाषा में बच्चियों के लिए होता है. लेकिन एक उम्र सीमा के बाद यह शब्द पारिवारिक रिश्तों में इस्तेमाल होता है. मसलन, एक पिता के लिए उनकी बेटी हमेशा मंईयां (छोटी बच्ची) ही रहती है. चाहे उसकी उम्र कितनी भी क्यों ना हो जाए. इसी तरह बड़ा भाई या बड़ी बहन भी अपनी छोटी बहन के लिए प्यार-दुलार से मंईयां शब्द का इस्तेमाल करते हैं. गांव-घर के बूढ़े बुजुर्ग भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन योजना के लिहाज से देखें तो 50 साल तक उम्र की महिलाओं को मंईयां मानना अव्यावहारिक है.
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के संथाली भाषा विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डुमनी माई मुर्मू के मुताबिक मंईयां शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर कुंवारी या एक उम्र सीमा तक की बच्चियों के लिए ही होता है. परिवार के भीतर इस शब्द का दायरा अलग होता है. वह संबंधों पर आधारित होता है. इसलिए भाषाई तौर पर 50 साल तक की महिलाओं को मंईयां कहना तर्कसंगत नहीं है. इसको व्यवहारिक नहीं कहा जा सकता.
चंपाई की योजना हो गई हेमंत की योजना
भाषाओं के जानकारों के मंतव्य से साफ है कि महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के नामकरण में जल्दबाजी की है. योजना के नाम को लेकर जब सवाल उठा है तो यह भी जान लें कि आज की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना कुछ वक्त पहले मुख्यमंत्री बहन बेटी मई-कुई स्वावलंबन योजना के नाम से आई थी. इसकी शुरुआत पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने की थी. 1 जुलाई 2024 को संकल्प भी जारी हुआ था. लेकिन सीएम की कुर्सी बदलते ही योजना का नाम बदल गया. महज 27 दिन बाद यानी 29 जुलाई 2024 को चंपाई सोरेन की योजना को झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का नाम दे दिया गया है.