जबलपुर। एमपी के जबलपुर की युवा इंजीनियर अश्विनी कोष्टा पर पोर्शे कार चढ़ाकर उसे मारने वाले रईसजादे को जो सजा मिली है. उससे अश्विनी कोस्टा का परिवार सहमत नहीं है. मृतक युवती के परिवार का कहना है कि यह न्याय नहीं है. उनकी बेटी चली गई और आरोपी को केवल निबंध लिखने की सजा दी गई. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि बिगड़ैल शराबी लड़के के साथ उसके पिता को भी सजा होनी चाहिए. बता दें आरोपी नाबालिग के पिता को पांच दिन कस्टडी में लिया गया है.
नाबालिग ने पोर्शे कार से दो इंजीनियरों को कुचला
रविवार को एक नाबालिग रईसजादे ने पुणे में अपनी एक लग्जरी कार पोर्शे से बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मार दी थी. हादसे में जबलपुर की रहने वाली अश्वनी कोष्ठा और उसके एक साथी का निधन हो गया. दोनों ही मृतक एमपी के रहने वाले थे. घटना के बाद आरोपी नाबालिग लड़के को स्थानीय किशोर बाल न्यायालय में पेश किया गया था. जहां जज ने उसे बेहद हास्यासपद सजा सुनाई और मात्र 15 घंटे में जमानत भी दे दी. साथ ही कहा कि ट्रैफिक पुलिस के साथ निबंध लिखकर बताओ. इस बात से जबलपुर में अश्वनी के परिवारजन बेहद दुखी और गुस्सा हैं. वह सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
मां का रो-रो कर बुरा हाल
यहां जबलपुर के सैनिक सोसायटी में अश्विनी कोष्टा के घर में मातम पसरा हुआ है. अश्वनी कोष्टा की मां का रो-रो कर बुरा हाल है. अश्विनी की मां ममता कोष्टा बताती हैं कि 'उनकी बिटिया बहुत होनहार थी. उसके सपने बहुत बड़े थे. वह हमेशा जब भी कोई नया काम करती थी, तो घर में किसी को नहीं बताती थी. जब काम में सफलता पा लेती थी, तब सबको आश्चर्य चकित कर देती थी. अश्वनी की मां ममता का कहना है कि वह अपनी बिटिया को डोली में विदा करना चाहती थी, लेकिन उसे अर्थी में भेजना पड़ा.'
पिता ने कहा पुलिस की लापरवाही से गई बेटी की जान
अश्विनी कुष्ठा के पिता सुरेश कोष्टा का कहना है कि 'उनकी बिटिया की जान पुलिस की लापरवाही ने ली है. सड़कों पर खड़ी पुलिस केवल हेलमेट के चालान काटने में लगी रहती है. उसका ध्यान शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले लोगों पर नहीं होता. यदि किसी ट्रैफिक पुलिस ने उस गाड़ी को रोक लिया होता, तो शायद यह घटना नहीं घटती. सुरेश कोष्टा का कहना है कि आरोपी लड़के के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.'