पुणे: यहां की एक अदालत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को समन जारी किया है. अदालत ने उन्हें दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर के पोते द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में 23 अक्टूबर को अदालत में पेश होने को कहा है. सत्यकी सावरकर का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील संग्राम कोल्हटकर के अनुसार शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेता ने पिछले साल ब्रिटेन की यात्रा के दौरान हिंदुत्व विचारक के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
राहुल गांधी के बयानों के बाद अप्रैल 2023 में विनायक सावरकर के एक भाई के पोते सत्यकी सावरकर ने राहुल गांधी द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों के संबंध में पुणे के मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज कराई. कथित तौर पर ये टिप्पणियां 5 मार्च, 2023 को लंदन में एक सभा के दौरान की गई थी.
शिकायत के अनुसार राहुल गांधी ने सावरकर की प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए जानबूझकर उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए. इससे उन्हें और उनके परिवार को मानसिक कष्ट हुआ. इस वर्ष की शुरुआत में अदालत ने पुणे पुलिस को सीआरपीसी की धारा 202 के तहत मानहानि की शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया था.
इससे पहले गुरुवार को सावरकर के पोते और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव द्वारा वीर सावरकर की विचारधारा पर दिए गए बयान और उनके चितपावन ब्राह्मण होने के बावजूद 'गोमांस खाने' के दावे के बाद कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया था. वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा कि सावरकर को बदनाम करना कांग्रेस की रणनीति थी, खासकर तब जब चुनाव नजदीक हों.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए हिंदू समाज को विभिन्न जातियों में बांटना चाहती है और यह अंग्रेजों की 'फूट डालो और राज करो' की नीति थी. रंजीत सावरकर ने यह भी कहा कि वीर सावरकर द्वारा 'गोमांस खाने' के दावे झूठे हैं और वह गुंडू राव के बयान के लिए उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर करेंगे.
उन्होंने कहा, 'यह कांग्रेस की रणनीति है कि सावरकर को बार-बार बदनाम किया जाए, खासकर तब जब चुनाव हों. पहले राहुल गांधी ऐसा कर रहे थे और अब उनके नेता बयान दे रहे हैं. कांग्रेस ने अब अपना असली चेहरा दिखा दिया है.' उन्होंने कहा, 'कांग्रेस हिंदू समाज को जातियों में बांटकर चुनाव जीतना चाहती है. यह अंग्रेजों की बांटो और राज करो की नीति की तरह है.'
उन्होंने कहा, 'सावरकर के गोमांस खाने और गोहत्या का समर्थन करने संबंधी बयान झूठा है. मराठी में लिखे उनके मूल लेख का मतलब था कि गाय बहुत उपयोगी हैं और इसीलिए उन्हें देवता के रूप में माना जाता है. वह गौ रक्षा सम्मेलन के अध्यक्ष भी थे. मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने जा रहा हूं.'