नई दिल्ली:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं. ममता ने आरोप लगाया कि, उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया. वहीं, पीएमओ में पूर्व राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने नीति आयोग को राजनीतिक संस्था में बदलने के लिए पीएम मोदी की आलोचना की. बैठक में बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने पर ममता की नाराजगी का उन्होंने समर्थन किया.
ममता का आरोप, 'मुझे बोलने का मौका नहीं दिया'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल हुईं. टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने नीति आयोग की बैठक बीच में ही छोड़ दी. उन्होंने आरोप लगाया कि, अन्य मुख्यमंत्रियों की तुलना में उन्हें बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया. उन्होंने इसको लेकर केंद्र पर हमला बोला.
कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया
वहीं, धन के वितरण में केंद्र की कथित पक्षपातपूर्ण भूमिका के विरोध में कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के सीएम के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया. वहीं, चव्हाण ने ईटीवी भारत को बताया, 'पीएम मोदी आर्थिक नीति निर्माण में योजना के महत्व को नहीं समझते हैं. उन्होंने पूर्ववर्ती योजना आयोग को नीति आयोग में बदल दिया जो अब एक राजनीतिक निकाय के रूप में कार्य करता है. हमें नहीं पता कि नीति आयोग किस तरह का काम करता है. उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री केवल राजनीतिक लाभ के लिए 'टीम इंडिया' और '2047 तक विकसित देश' जैसे नारों का उपयोग करते हैं.
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है
ममता ने आरोप है कि उन्हें नीति आयोग की बैठक में बोलने का मौका नहीं दिया गया. पृथ्वीराज चव्हाण ने ममता के विरोध को सही ठहराते हुए इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि आखिरकार यह मुख्यमंत्रियों की बैठक थी और उन्हें अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति दी जानी चाहिए थी. चव्हाण ने आगे कहा कि, ममता प्रधानमंत्री की आलोचना करने के लिए वहां नहीं थीं. केंद्र उनके विचारों से सहमत था या नहीं यह अलग बात है लेकिन ऐसे निकायों के कामकाज में लोकतंत्र होना चाहिए था.