बालोतरा.बालोतरा जेल में एक कैदी के खुदकुशी का मामला सामने आया है. पुलिस ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. वहीं, कोर्ट के आदेश पर आरोपी को 3 मार्च को जेल भेज दिया गया था. इसी बीच बैरक में शुक्रवार को आरोपी कैदी ने खुदकुशी कर ली. सूचना मिलने पर बालोतरा एसडीएम, न्यायिक मजिस्ट्रेट समेत अन्य आलाधिकारी मौके पर पहुंचे. बालोतरा उपखंड अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि सूचना के बाद वो जले पहुंचे. साथ ही मौके पर सिवाना न्यायिक मजिस्ट्रेट भी पहुंचे थे, जिन्होंने जेल प्रबंधन व आलाधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ली.
उन्होंने बताया कि पॉक्सो एक्ट मामले में गिरफ्तार बाड़मेर निवासी चेनाराम प्रजापत पुत्र जेठाराम प्रजापत को 3 मार्च को बालोतरा जेल भेज दिया गया था. इसके बाद चेनाराम ने शुक्रवार रात को बैरक में खुदकुशी कर ली. घटना का पता शनिवार सुबह 7 बजे लगा. जेल में गश्त के दौरान चेनाराम बैरक में मृत मिला. उसके बाद इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई, जिसके बाद बालोतरा एसडीएम मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
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तीन दिन पहले हुई थी गिरफ्तारी :दरअसल, बाड़मेर जिले के रीको थाने में चेनाराम के खिलाफ जुलाई 2023 में पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज हुआ था. इसके बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था. तीन दिन पहले पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था और फिर उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे जेल भेज दिया गया था.
मृतक के भाई ने लगाया हत्या का आरोप :मृतक के भाई भवराराम ने कहा कि उसकी शुक्रवार सुबह ही उसके भाई चेनाराम से जेल में मुलाकात हुई थी. उसने बताया था कि उसे वहां कोई तकलीफ नहीं है. मगर शुक्रवार सुबह पुलिसवालों ने सूचना दी कि उसके भाई ने जेल में खुदकुशी कर ली है. ऐसे में उन्हें लगता है कि उनके भाई चेनाराम ने सुसाइड नहीं किया, बल्कि उसकी हत्या की गई है.
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पूर्व एमएलए ने उठाया जेल प्रशासन पर सवाल : घटना को लेकर पूर्व विधायक मदन प्रजापत ने जेल प्रशासन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई जेल में सुरक्षित नहीं है तो फिर कहां सुरक्षित रहेगा. जेल के अंदर मफलर कहां से आया और वहां सुरक्षा गार्डों की मौजूदगी में इस घटना का होना ही कई सवालों को जन्म देता है. उन्होंने कहा कि वहां एक नहीं, बल्कि करीब 100 कैदी बंद हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मृतक गरीब परिवार से था. ऐसे में परिजनों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए और पुलिस अपने स्तर पर इस पूरे मामले की जांच करे, ताकि परिवार को न्याय मिल सके.