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80 से ज्यादा छात्राओं को होना पड़ा शर्मसार, स्कूल प्रिंसिपल की जलील हरकत के आगे बेबस हुईं लड़कियां - PRINCIPAL ORDER TO REMOVE SHIRTS

झारखंड के धनबाद जिले में पेन डे मना रहीं छात्राओं की प्रिंसिपल ने शर्ट उतरवा दी और उन्हें सिर्फ ब्लेजर में घर भेज दिया.

principal order to remove shirts
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 11, 2025, 4:16 PM IST

Updated : Jan 11, 2025, 4:28 PM IST

धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले के एक नामी निजी स्कूल में बोर्ड परीक्षा से पहले छात्राओं का स्कूल में आखिरी दिन था. छात्राएं स्कूल के इस आखिरी दिन को अपने दोस्तों के साथ यादगार बनाना चाहती थीं. लेकिन स्कूल प्रिंसिपल के एक कठोर आदेश ने उनके लिए इस दिन को जिंदगी भर के लिए एक ऐसा बुरा दिन बना दिया, जिसे वे शायद ही कभी भूल पाएं. घटना ऐसी है कि जो भी सुन रहा है प्रिंसिपल को खरी-खोटी सुना रहा है. अभिभावक आग-बबूला हैं. वे प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं.

जानकारी देती विधायक और डीसी (ETV BHARAT)

क्या है मामला?

दरअसल, गुरुवार को 10वीं की छात्राएं स्कूल के आखिरी दिन को यादगार बनाने के लिए पेन डे मना रही थीं. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनका ऐसा करना प्रिंसिपल को इतना नागवार गुजरेगा कि उनके साथ इतना बुरा और शर्मनाक व्यवहार किया जाएगा. बात सिर्फ इतनी थी कि पेन डे मना रही छात्राएं एक-दूसरे की शर्ट पर शुभकामनाएं लिख रही थीं. लेकिन यह बात स्कूल की प्रिंसिपल एम देवश्री को रास नहीं आई. जिसके बाद प्रिंसिपल ने पहले तो सभी छात्राओं की क्लास लगाई. इसके बाद उन्होंने करीब 80 से ज्यादा छात्राओं की शर्ट उतरवा दी.

इतना ही नहीं शर्ट उतरवाने के बाद किसी भी छात्रा को शर्ट पहनने की इजाजत नहीं दी गई. छात्राओं को सिर्फ ब्लेजर पहनने की इजाजत थी. छात्राओं को ब्लेजर पहनाकर ही घर भेज दिया गया. छात्राएं रोती रहीं और स्कूल प्रशासन से गुहार लगाती रहीं, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी. घर पहुंचकर छात्राएं रोती रहीं और रोते-रोते उन्होंने अपने माता-पिता को पूरी बात बताई. छात्राएं अब इस पेन डे को ट्रॉमेटिक डे बता रही हैं.

छात्राओं ने अपने माता-पिता को जैसे ही इस घटना की जानकारी दी, तो वे आग-बबूला हो गए. मानो उन्हें काटो तो खून नहीं. अभिभावक काफी गुस्से में आ गए. जिसके बाद वे आज डीसी ऑफिस पहुंचे. उन्होंने डीसी से स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

अभिभावक गुस्से में हैं, साथ ही उन्हें ग्लानि भी हो रही है कि उनकी बेटियों के साथ ऐसा कृत्य किया गया गया है. वे पूछ रहे हैं कि उनकी बेटियों ने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया था कि उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया. उनकी बेटियां जिस हालत में घर पहुंची थी वे उन्हें देख तक नहीं पा रहे थे. ऐसा करते हुए प्राचार्य को तनिक भी शर्म नहीं आई.

चिंता में अभिभावक

अभिभावक इस घटना से चिंता में भी हैं. उनका कहना है कि इस घटना से उनकी बेटियां परेशान हैं, वे आत्मग्लानि से भर गई हैं, अगर ऐसी स्थिति में उन्होंने कोई गलत कदम उठा लिया तो उनका क्या होगा और इस घटना का जिम्मेदार कौन होगा? क्या प्राचार्य को समझ नहीं थी कि ऐसे करने से छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

वे कह रहे हैं कि छात्राएं सिर्फ पेन डे मना रही थीं. अगर ऐसा करने पर स्कूल को कोई ऑब्जेक्शन था, तो सबसे पहले अभिभावक को सूचित करना था. हम अपने बच्चों को समझाते. उन्हें शर्ट उतरवाकर घर भेज दिया गया. क्या हमारी बच्चियों की कोई इज्जत नहीं है? बच्ची किस तरह से और कितनी शर्म से घर पहुंचीं है वे हम जानते हैं. ऐसी स्थिति में अगर प्रिंसिपल हमें बुलाती तो क्या हम भी अपनी बच्चियों को इस अवस्था में देख पाते? बच्चियां कोई गलत कदम उठा लेतीं तो? अभी उनकी दसवीं की परीक्षा है, वे पहले से ही मानसिक दबाव में हैं, इससे उन पर मेंटल प्रेशर और भी बढ़ गया है. हम दिन भर बच्चों को समझाते रह रहे हैं. अभिभावकों ने डीसी से प्रिसिंपल का रिजाइन और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है.

डीसी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय विधायक रागिनी सिंह भी अभिभावकों के साथ डीसी कार्यालय पहुंचीं. अभिभावकों और विधायक रागिनी सिंह ने डीसी माधवी मिश्रा से वार्ता की. अभिभावकों ने बताया कि डीसी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है. स्थानीय विधायक रागिनी सिंह ने कहा कि यह घटना पूरी तरह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है. डीसी ने कार्रवाई की बात कही है.

वहीं डीसी माधवी मिश्रा ने कहा कि अभी हमने अभिभावकों और कुछ बच्चियों से बात की. जिला प्रशासन ने इस मामले को पूरी गंभीरता से लिया है. इस मामले की जांच के लिए एक जांच कमेटी गठित कर दी गई है. जांच कमेटी स्कूल में जाकर पूरे मामले की जांच करेगी. उनकी रिपोर्ट के आधार पर हम उसपर कार्रवाई करेंगे. साथ ही अगर जरूरत पड़ेगी को एफआईआर भी दर्ज की जाएगी. जांच टीम में अनुमंडल पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, समाज कल्याण पदाधिकारी, एसडीपीओ और लोकल थाना प्रभारी को रखा गया है. ये वहां जाकर जांच रिपोर्ट देंगे.

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Last Updated : Jan 11, 2025, 4:28 PM IST

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