नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘सभी देशवासी 78वें स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं, यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लहराते हुए तिरंगे को देखना, चाहे वह लाल किले पर हो, राज्यों की राजधानियों में हो या हमारे आस-पास हो - हमारे हृदय को उत्साह और रोमांच से भर देता है.
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या, राष्ट्रपति का देश के नाम संबोधन
राष्ट्रपति ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि, आज के युवा हमारी स्वतंत्रता की शताब्दी तक के 'अमृत काल' को यानी आज से लगभग एक चौथाई सदी के कालखंड को स्वरूप प्रदान करेंगे. उनकी ऊर्जा और उत्साह के बल पर ही हमारा देश नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा. रोजगार और कौशल के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के माध्यम से पांच वर्षों में चार करोड़ दस लाख युवाओं को लाभ मिलेगा। सरकार की एक नई पहल से पांच वर्षों में एक करोड़ युवा अग्रणी कंपनियों में इंटर्नशिप करेंगे. ये सभी कदम, विकसित भारत के निर्माण में आधारभूत योगदान देंगे.
महिलाओं के लिए केंद्र की योजनाएं
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, महिलाओं को केंद्र में रखकर कई तरह की विशेष सरकारी योजनाएं भी बनाई गई हैं. नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं का वास्तविक सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है.
अंतरिक्ष के क्षेत्र में देश ने प्रगति की है
राष्ट्रपति ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, हाल के वर्षों में, भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है. आप सभी के साथ, मैं भी अगले साल होने वाले गगनयान मिशन के शुभारंभ की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रही हूं. इस मिशन के तहत, भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान में, भारतीय अंतरिक्ष टीम को, अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा.
पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की सराहना
पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, खेल जगत भी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमारे देश ने पिछले दशक में बहुत प्रगति की है. सरकार ने खेल के बुनियादी ढांचे के विकास को समुचित प्राथमिकता दी है और इसके परिणाम सामने आ रहे हैं. हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय दल ने अपना उत्कृष्ट प्रयास किया. मैं खिलाड़ियों की निष्ठा और परिश्रम की सराहना करती हूं। उन्होंने युवाओं में प्रेरणा का संचार किया है.
सामाजिक न्याय सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
राष्ट्रपति ने कहा कि, सामाजिक न्याय सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, समावेश की भावना भारत में सामाजिक जीवन के हर पहलू में व्याप्त है और "समावेश के साधन के रूप में सकारात्मक कार्रवाई को मजबूत किया जाना चाहिए." उन्होंने कहा, "इसने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और समाज के अन्य वंचित वर्गों के कल्याण के लिए कई अभूतपूर्व पहल की हैं." सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान है. सरकार द्वारा वित्त पोषित उच्च शिक्षा संस्थानों में कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण का भी प्रावधान है."
देश की अर्थव्यवस्था पर उन्होंने कहा कि, भारत 2021 से 2024 तक सालाना 8 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर के साथ सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा है."इससे न केवल लोगों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है. जहां तक उन लोगों की बात है जो गरीबी से पीड़ित हैं, उन्हें न केवल सहायता प्रदान करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं."