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कांग्रेस, NC और CPIM ने चुनाव के ऐलान का किया स्वागत, PDP ने कसा तंज, फारूक अब्दुल्ला लड़ेंगे इलेक्शन - Jammu Kashmir

Jammu Kashmir Assembly Elections: चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों ने इलेक्शन कमीशन के फैसले का स्वागत किया है.

जम्मू कश्मीर चुनाव की तारीखों पर नेताओं की प्रतिक्रिया
जम्मू कश्मीर चुनाव की तारीखों पर नेताओं की प्रतिक्रिया (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 16, 2024, 5:49 PM IST

श्रीनगर:चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाने की घोषणा कर दी है. इलेक्शन कमीशन के चुनाव की तारिखों के ऐलान के बाद जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. केवल पीडीपी ने इस बड़ी घोषणा पर चुटकी ली है.

एक रिपोर्ट (ETV Bharat)

वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि तीन चरणों में चुनाव कराना राजनीतिक दलों के लिए एक नया अनुभव होगा, क्योंकि 1987 के बाद इतने कम समय में चुनाव कराए जा रहे हैं.

उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में मीडियाकर्मियों से कहा, "नेशनल कॉन्फ्रेंस पहले से ही चुनाव के मोड में है और हम चुनाव के लिए अपनी गतिविधियां बढ़ाएंगे. मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष, स्वतंत्र और सुरक्षित माहौल में ये चुनाव कराएगा." उन्होंने यह भी कहा कि वह चुनाव आयोग से आग्रह करेंगे कि वह पिछले 24 घंटों में उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादलों पर ध्यान दे.

लोकतंत्र में विश्वास मजबूत हुआ
वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता नासिर असलम वानी ने कहा कि इस घोषणा से लोगों का चुनाव आयोग और लोकतंत्र में विश्वास मजबूत हुआ है. वानी ने ईटीवी भारत से कहा, "यह अच्छी बात है कि चुनाव आयोग ने तीन चरणों में चुनाव कराने की घोषणा की है और 2018 के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास एक निर्वाचित सरकार होगी जो उनके मुद्दों का समाधान करेगी."

फारूक अब्दुल्ला लड़ेंगे चुनाव
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का कहना है, "मैं ये चुनाव लड़ूंगा, उमर अब्दुल्ला चुनाव नहीं लड़ेंगे. जब राज्य का दर्जा मिल जाएगा तो मैं पद छोड़ दूंगा और उमर अब्दुल्ला उस सीट से चुनाव लड़ेंगे." उन्होंने कहा कि हम राज्य का दर्जा चाहते हैं, सिर्फ नेशनल कॉन्फ्रेंस ही नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियां इसे चाहती हैं. भारत सरकार का वादा है कि कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा.

पीडीपी का तंज
पीडीपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, जो कभी विशेष दर्जे वाला एक शक्तिशाली राज्य था, अब एक नगरपालिका बनकर रह गया है, और भविष्य की कोई भी सरकार एलजी के कार्यालय की दया पर निर्भर होगी. पीडीपी प्रवक्ता मोहित भान ने कहा, "यह लोकतंत्र नहीं है, यह एक मजाक है. पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना पहला कदम होना चाहिए, न कि घमंड करने की बात. जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी गरिमा वापस पाने के हकदार हैं."

कांग्रेस ने किया स्वागत
इस मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष जी एन मोंगा ने कहा कि 10 साल के लंबे अंतराल के बाद विधानसभा चुनाव होना एक स्वागत योग्य कदम है. मोंगा ने ईटीवी भारत से कहा, "चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से होने चाहिए और सभी उम्मीदवारों को समान सुरक्षा दी जानी चाहिए, जैसा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने वादा किया है."

सीपीआईएम नेता और पूर्व विधायक एम वाई तारिगामी ने कहा कि ईसीआई की घोषणा से मतदाताओं में लोकतंत्र के प्रति विश्वास पैदा हुआ है. तारिगामी ने ईटीवी भारत से कहा कि देरी के बावजूद, यह ईसीआई की एक स्वागत योग्य घोषणा है क्योंकि इससे लोगों में आखिरकार विश्वास पैदा हुआ है."

बता दें कि ईसीआई ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव की घोषणा की. चुनाव का पहला चरण 18 सितंबर को शुरू होगा, दूसरा चरण 25 सितंबर को और तीसरा और अंतिम चरण 1 अक्टूबर को होगा. मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी.

इल्तिजा मुफ़्ती ने जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का आह्वान किया

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की सलाहकार पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ़्ती ने हाल ही में घोषित चुनावों से पहले प्रशासन के आचरण की आलोचना की. पार्टी के कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इल्तिजा ने चुनाव की घोषणा का स्वागत किया, लेकिन प्रक्रिया के समय और निष्पक्षता को लेकर चिंता व्यक्त की.

इल्तिजा ने क्षेत्र में चुनाव कराने में हो रही लंबी देरी पर प्रकाश डालते हुए कहा, "भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, फिर भी यहां छह साल से चुनाव नहीं हुए हैं. हम इस कदम का स्वागत करते हैं, लेकिन यह छह साल पहले हो जाना चाहिए था." इल्तिजा ने हाल की प्रशासनिक कार्रवाइयों का हवाला देते हुए आगामी चुनावों की निष्पक्षता पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, "हमारी चिंता यह है कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराए जाएं. चुनाव की तारीख की घोषणा से ठीक पहले, एलजी के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा अचानक और मनमाने ढंग से लगभग 150-200 तबादले किए गए. यहां प्रशासन का व्यवहार पूर्वाग्रह और पक्षपात से भरा हुआ है, वे भाजपा का पक्ष लेते हैं.

इल्तिजा ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर.आर. स्वैन की राजनीतिक बयानबाजी के लिए आलोचना की, जिसके बारे में उन्होंने तर्क दिया कि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है. उन्होंने चुनावों को किसी भी राजनीतिक प्रभाव, खासकर भाजपा से मुक्त रखने का आह्वान किया.

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