मुंबई:राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार गुट के एक नेता ने मंगलवार को कहा कि अजित पवार गुट को असली राकांपा घोषित करने का निर्वाचन आयोग का फैसला दबाव में लिया गया है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, 'यह लोकतंत्र की हत्या है. जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है.' देशमुख ने एक टेलीविजन चैनल से कहा कि निर्वाचन आयोग ने यह फैसला 'ऊपर से दबाव' के तहत दिया. उन्होंने इस संबंध में कुछ भी विस्तार से नहीं बताया.
वहीं, सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं और पवार फिर से पार्टी का निर्माण करेंगे. शरद पवार गुट के एक और नेता जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी. उधर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि वह उनके गुट को असली राकांपा घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को 'विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं.'
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि निर्वाचन आयोग के फैसले से साबित होता है कि पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता और निर्वाचित प्रतिनिधि अजित पवार के साथ हैं. निर्वाचन आयोग के मंगलवार के फैसले से अजित पवार और पार्टी के संस्थापक एवं उनके चाचा शरद पवार के बीच कई महीनों से जारी लड़ाई खत्म हो गई. आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को राकांपा का चुनाव चिह्न 'दीवार घड़ी' भी आवंटित किया.