रांची: राजनीति में न कोई किसी का सगा, न कोई किसी का दुश्मन, ये कहावत तो कई बार सुनी होगी. लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आता है, ये कहावत पूरी तरह से चरितार्थ होने लगती है. कुछ ऐसी ही बानगी अभी झारखंड में भी देखने मिल रही है. एक ओर चुनाव की तैयारियों चल रही हैं, तो दूसरी ओर इस्तीफा और पाला बदलने का दौर भी चल रहा है. टिकट की चाह में कई नेता एक पार्टी से दूसरी पार्टियों में शामिल हो रहे हैं. लगभग सभी पार्टियों में रिजाइन और ज्वाइंनिग की होड़ लगी हुई है.
झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान कई नेताओं ने अपनी मौजूदा पार्टियां से इस्तीफा दे दिया है. जिनमें कई ने दूसरी पार्टी का दामन भी थाम लिया है. वहीं कई इंतजार में हैं कि किस पार्टी में जाना उनके भविष्य के लिए सही रहेगा. अपनी पार्टी से इस्तीफा देने और दल बदलने वाले नेताओं की लिस्ट काफी लंबी है.
झामुमो के कद्दावर चंपाई सोरेन बने भाजपा के बड़े चेहरे
नेताओं के पाला बदलने का खेल सिर्फ चुनाव के समय नहीं होता. चुनाव को देखते हुए चुनाव के काफी पहले भी नेता पाला बदलते हुए देखे गए हैं. झारखंड के परिपेक्ष में चंपाई सोरेन का नाम इसमें प्रमुख है. पूर्व सीएम चंपाई सोरेन चुनाव के करीब तीन महीने पहले झामुमो को अलविदा कहकर भाजपा में शामिल हुए. सीएम हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी. इसके बाद से ही उनकी पार्टी छोड़ने की अटकलें चल रही थी. आखिरकार बीजेपी में शामिल होकर उन्होंने इन अटकलों पर विराम लगा दिया. फिलहाल इस चुनाव में वह बीजेपी के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं और सरायकेला सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं.
भाजपा के लोबिन
इस लिस्ट में झामुमो के कद्दावर नेता लोबिन हेंब्रम का नाम भी शामिल हैं. आदिवासी हितों की लड़ाई लड़ने वाले लोबिन झामुमो में रहते हुए भी हेमंत सरकार के खिलाफ काफी मुखर रहे. लोकसभा चुनाव में झामुमो प्रत्याशी विजय हांसदा के खिलाफ वे निर्दलीय चुनाव लड़ गए. जिसके बाद झामुमो ने उन्हें पार्टी से निलबिंत कर दिया. जिसके बाद उन्होंने झामुमो का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया.
अगला नाम सरयू राय का है. सरयू राय ने 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था. तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर वे जमशेदपुर पूर्वी के विधायक बने. बाद में उन्होंने अपनी पार्टी बनाई. जिसका नाम भारतीय जन मोर्चा रखा. लेकिन फिलहाल वे जदयू में शामिल हो गए हैं और चर्चा है कि जमशेदपुर पश्चिमी सीट से वे जदयू के उम्मीदवार होंगे.
विरोध के बावजूद कमलेश सिंह भाजपा में शामिल