नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज और कल केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का दौरा करेंगे. प्रधानमंत्री आज लगभग 10:45 बजे केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) का दौरा करेंगे. शाम करीब 5:15 बजे प्रधानमंत्री तमिलनाडु के मदुरै में 'क्रिएटिंग द फ्यूचर - डिजिटल मोबिलिटी फॉर ऑटोमोटिव एमएसएमई एंटरप्रेन्योर्स' कार्यक्रम में शामिल होंगे.
पीएम मोदी कल लगभग 9:45 बजे प्रधानमंत्री तमिलनाडु के थूथुकुडी में लगभग 17,300 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. लगभग 4:30 बजे, प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के यवतमाल में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होंगे और यवतमाल (महाराष्ट्र) में 4900 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान पीएम किसान और अन्य योजनाओं के तहत लाभ भी जारी करेंगे.
तीन महत्वपूर्ण अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन :विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम की उनकी यात्रा के दौरान तीन महत्वपूर्ण अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा. इन परियोजनाओं में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी एकीकरण सुविधा (पीआईएफ); महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई 'सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट फेसिलिटी' और वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम में 'ट्राइसोनिक विंड टनल' शामिल हैं. ये तीन परियोजनाएं अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए विश्व स्तरीय तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगभग 1800 करोड़ रुपये की संचयी लागत पर विकसित की गई हैं.
पीएसएलवी एकीकरण सुविधा के लाभ:श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पीएसएलवी एकीकरण सुविधा (पीआईएफ) पीएसएलवी प्रक्षेपण की आवृत्ति को प्रति वर्ष 6 से 15 तक बढ़ाने में सहायता प्रदान करेगी. यह अत्याधुनिक सुविधा एसएसएलवी और निजी अंतरिक्ष कंपनियों की ओर से डिजाइन किए गए अन्य छोटे प्रक्षेपण वाहनों के प्रक्षेपण में भी मदद कर सकती है.
आईपीआरसी महेंद्रगिरि में नई 'सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट फेसिलिटी' सेमी क्रायोजेनिक इंजन और चरणों के विकास को सक्षम बनाएगी तथा वर्तमान लॉन्च वाहनों की पेलोड क्षमता को बढ़ाएगी. यह सुविधा 200 टन तक के क्षमता वाले इंजनों का परीक्षण करने के लिए तरल ऑक्सीजन और केरोसिन आपूर्ति प्रणालियों से सुसज्जित है.
वायुमंडलीय व्यवस्था में उड़ान के दौरान रॉकेटों और विमानों के लक्षण वर्णन के लिए एरोडाएनेमिक परीक्षण के लिए पवन सुरंगें आवश्यक हैं. वीएसएससी में जिस 'ट्राइसोनिक विंड टनल' का उद्घाटन किया जा रहा है वह एक जटिल तकनीकी प्रणाली है जो हमारी भविष्य की प्रौद्योगिकी विकास जरूरतों को पूरा करेगी. अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री गगनयान मिशन की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे और नामित अंतरिक्ष यात्री को 'अंतरिक्ष यात्री पंख' प्रदान करेंगे. गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है जिसके लिए विभिन्न इसरो केंद्रों पर व्यापक तैयारी चल रही है.
तमिलनाडु में प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के मदुरै में 'भविष्य का निर्माण-ऑटोमोटिव एमएसएमई उद्यमियों के लिए डिजिटल गतिशीलता' कार्यक्रम में भाग लेंगे. ऑटोमोटिव क्षेत्र में काम करने वाले हजारों सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) उद्यमियों को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग से जुड़े एमएसएमई को मदद और उत्थान के लिए डिजाइन की गई दो प्रमुख पहलों की भी शुरुआत करेंगे. इन पहलों में टीवीएस ओपन मोबिलिटी प्लेटफॉर्म और टीवीएस मोबिलिटी-सीआईआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शामिल हैं.
प्रधानमंत्री थूथुकुडी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला रखेंगे. यह कंटेनर टर्मिनल वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह को पूर्वी तट के लिए एक ट्रांसशिपमेंट हब में बदलने की दिशा में एक कदम है. इस परियोजना का उद्देश्य भारत की लंबी तटीय रेखा और अनुकूल भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाना और वैश्विक व्यापार क्षेत्र में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करना है. इस प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना से क्षेत्र में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
प्रधानमंत्री वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह को देश का पहला हरित हाइड्रोजन हब बंदरगाह बनाने के उद्देश्य से कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. इन परियोजनाओं में अलवणीकरण संयंत्र, हाइड्रोजन उत्पादन और बंकरिंग सुविधा आदि शामिल हैं. प्रधानमंत्री मोदी हरित नौका पहल के तहत भारत के पहले स्वदेशी हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग जहाज का भी शुभारंभ करेंगे.
इस जहाज का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में हुआ है. यह स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को अपनाने और शून्य कार्बन उत्सर्जन के प्रति देश की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में एक अग्रणी कदम है. साथ ही, प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान दस राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 75 प्रकाशस्तंभों में पर्यटक सुविधाएं भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे.