नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए लाओस पहुंचे, जहां उन्होंने नवरात्री के मौके पर आयोजित रामलीला का भी आनंद लिया. इस संबंध में विदेश मंत्रालय का ने कहा कि लाओस में रामलीला का आयोजन दोनों देशों के बीच पौराणिक सभ्यता और सदियों पुरानी विरासत को दर्शाता है.
शिखर सम्मेलन में शामिल ने होने के लिए लाओस पहुंचे पीएम मोदी रॉयल थिएटर ऑफ लुआंग प्रबांग पहुंचे, जहां रामलीला का आयोजन हो रहा था. इस दौरान प्रधानमंत्री ने भी इसका आनंद लिया. बता दें कि यहां रामायण के एक एपिसोड, फलक-फलाम का आयोजन किया गया था, जिसे लाओस में 'फरा लक फरा राम' के नाम से जाना जाता है.
बौद्ध बहुसंख्यक देश है लाओस
लाओस एक बौद्ध बहुसंख्यक देश है, जहां हिंदू आबादी को लेकर कोई आधिकारिक डेटा नहीं है. प्रोग्राम खत्म होने के बाद पीएम मोदी ने रामलीला के कलाकारों से मुलाकात की और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई. रॉयल थिएटर ऑफ लुआंग प्रबांग में पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और अन्य लोग भी रामलीला देखने पहुंचे थे.
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि लाओस में भारतीय सभ्यता और परंपरा से जुड़े कई चीजों का लंबे समय से पालन और संरक्षण किया जा रहा है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक रामायण से पहले पीएम मोदी ने वियंतियाने श्री साकेत मंदिर में बैद्ध संतों के साथ एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया.
पीएम मोदी ने शेयर किया वीडियो
इस बीच पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसका एक वीडियो भी शेयर किया है. इस वीडियो को पोस्ट करते हुए पीएम ने लिखा, "लाओ पीडीआर में आज की प्रमुख घटनाएं, जहां मैंने विश्व नेताओं से मुलाकात की, एक विशेष रामायण कार्यक्रम देखा और भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की."
लाओस में किस-किस धर्म को फॉलो करते हैं लोग?
दक्षिण पूर्वी एशियाई देश लाओस में रहने वाले ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म का पालन करते हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 2023 में लाओस की आबादी कुल 79 लाख थी. रिपोर्ट में के अनुसार साल 2015 में लाओस में 64.7 फीसदी लोग बौद्ध धर्मे को मानने वाले थे. वहीं, देश में 1.7 फीसदी ईसाई धर्म के मानने वाले हैं और 31.4 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनके धर्म के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसके अलावा यहां 2.2 फीसदी लोग अन्य धर्मों के मानने वाले भी हैं.
पीएम मोदी 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. लाओस वर्तमान में आसियान की अध्यक्षता कर रहा है. बता दें कि दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) की स्थापना 1967 में हुई थी. इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, भारत, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और ब्रुनेई दारस्सलाम शामिल हैं. वहीं, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान के 10 सदस्य देश और आठ साझेदार देश हैं.
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