पटना/दरभंगा :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के दरभंगा एम्स निर्माण का शिलान्यास किया. दरभंगा एम्स के साथ 12 हजार करोड़ से भी अधिक की योजनाओं की सौगात भी बिहार को दिया. जिसमें एम्स के निर्माण का शिलान्यास के अलावे अररिया-बहादुरगंज और बहादुरगंज-गलगलिया नव निर्मित सड़क का उद्घाटन भी शामिल है.
PM मोदी का दरभंगा दौरा : दरभंगा में तीसरे रेलवे स्टेशन का भी लोकार्पण प्रधानमंत्री ने किया. बिजली पानी जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया. मिथिलांचल और सीमांचल के इलाकों की कायाकल्प करने की तैयारी है. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे.
मिथिलांचल में विकास की बहार :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण का दरभंगा में शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे. मिथिलांचल के लोगों के लिए यह बड़ा तोहफा है. दरभंगा के सोभन बायपास में 188 एकड़ जमीन पर राज्य का दूसरा एम्स बनेगा.
1264 करोड़ की राशि खर्च होगी : 2019-20 में दरभंगा में एम्स की स्वीकृति प्रदान की गई थी. जमीन को लेकर हुए विवाद के कारण विलंब हुआ लेकिन अब डबल इंजन की सरकार में सभी बधाएं दूर हो गई हैं. 750 बेड वाले इस अस्पताल के लिए 1264 करोड़ की राशि खर्च होगी. संस्थान को नए स्वरुप में बनाने के लिए आईआईटी दिल्ली को जिम्मेदारी दी गई है.
सीमांचल की बदलेगी सूरत : इसके अलावा प्रधानमंत्री अररिया जिले की 1550 करोड़ से अधिक की सड़क योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. नेशनल हाईवे 327 पर बहादुरगंज से अरिया चार लाइन निर्मित सड़क का उद्घाटन किया. 45 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण पर 1439 करोड़ की राशि खर्च हुई है. बहादुरगंज से गलगलिया तक 49 किलोमीटर सड़क के निर्माण पर 1453 करोड़ की राशि खर्च हुई है. इन दोनों सड़कों की कुल लंबाई 94 किलोमीटर है और यह अररिया को बंगाल के सिलीगुड़ी को जोड़ता है.
दरभंगा एम्स का शिलान्यास (ETV Bharat) बंगाल-बिहार जोड़ने की योजना : 94 किलोमीटर की सड़क अररिया के साथ सीमांचल के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा. बड़ी संख्या में सीमांचल के लोग सिलीगुड़ी और बागडोगरा का सफर करते हैं. बागडोगरा सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है और सिलीगुड़ी के लोग बेहतर इलाज और शॉपिंग आदि के लिए आते जाते हैं. इसी रास्ते से दार्जिलिंग और पूर्वोत्तर का सफर भी होता है. अररिया, किशनगंज सहित सीमांचल की सूरत इससे बदल जाएगी. पहले जहां अररिया से सिलीगुड़ी तक जाने में 4 घंटे से अधिक का समय लग जाता था. अब इस सड़क के माध्यम से 2 घंटे में ही सफर पूरा हो जाएगा.
भारत नेपाल सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण :अररिया-रानीगंज सड़क भारत-नेपाल सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है. अररिया से गलगलिया के बीच फोर लेन सड़क बनने से बिहार-नेपाल के समानांतर एक और सड़क हो जाएगा, जो आपात स्थिति में एनएच 57 के एक विकल्प के रूप में काम करेगा. वहीं अररिया के अलावा सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों से नेपाल और बंगाल आना-जाना और आसान हो जाएगा.
बाईपास निर्माण का भी शिलान्यास :अभी इस इलाके में दो लेन सड़क है. इस कारण लोगों को पूर्णिया होकर आना-जाना होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके अलावा 6 किलोमीटर लंबी दो लेन भरगामा और सुकेला रानीगंज बाईपास निर्माण का भी शिलान्यास किया, जिस पर 120 करोड़ की राशि खर्च होगी. बिजली पानी संबंधित हजारों करोड़ की योजना का भी प्रधानमंत्री ने उद्घाटन और शिलान्यास किया.
रेलवे स्टेशन का भी लोकार्पण : प्रधानमंत्री ने दरभंगा बाईपास रेल लाइन का भी उद्घाटन कर शहर को तीसरा रेलवे स्टेशन सौपा. इससे पहले दरभंगा शहर में दो रेलवे स्टेशन हैं. इस बाईपास लाइन के चालू हो जाने से सीतामढ़ी से सकरी की ओर बिना दरभंगा जक्शन आए ही ट्रेन जा सकेगी. इससे समय के साथ दरभंगा जंक्शन पर ट्रेनों का दबाव भी कम होगा साथ ही दिल्ली से बंगाल जाने के लिए एक सुलभ मार्ग उपलब्ध हो सकेगा.
मुख्यमंत्री भी रहेंगे मौजूद :प्रधानमंत्री का 13 नवंबर को कार्यक्रम मुख्य रूप से दरभंगा एम्स को लेकर ही है, लेकिन सीमांचल के लिए भी महत्वपूर्ण है. कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ स्थानीय सांसद और विधायक मौजूद रहे. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बिहार सरकार ने कई अधिकारियों को लगाया गया था.
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