नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बांग्लादेश के साथ व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम बंगाल में एक लैंड पोर्ट सुविधा का उद्घाटन इस बात का एक और उदाहरण है कि कैसे भारत हाल के दिनों में राजनीतिक उथल-पुथल से गुजर रहे पड़ोसी देशों के साथ संबंध बनाए रखा है.
शाह ने रविवार को लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एलपीएआई) द्वारा 487 करोड़ रुपये की लागत से पश्चिम बंगाल के पेट्रापोल में बनाए गए नए यात्री टर्मिनल भवन और मैत्री द्वार का उद्घाटन किया.
लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और लगभग 60,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैले यात्री टर्मिनल भवन में प्रतिदिन 25,000 यात्रियों को संभालने की क्षमता है. शाह ने कहा कि इससे चिकित्सा और शैक्षिक पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि एलपीएआई की यह पहल भारत की सीमाओं को सुरक्षित करेगी और विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाएगी.
मैत्री द्वार का निर्माण 6 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, जो प्रतिदिन 600-700 ट्रकों की हैंडलिंग क्षमता के साथ परिवहन को सुचारू रूप से चलाने की अनुमति देगा.
गृह मंत्री ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि मार्गों के जरिये कुल व्यापार का 70 प्रतिशत पेट्रापोल के माध्यम से होता है. उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016-17 में इसकी शुरुआत की थी, तब 18,000 करोड़ रुपये का व्यापार होता था, जो 2023-24 में 64 प्रतिशत बढ़कर 30,500 करोड़ रुपये हो गया है.
पेट्रापोल में नए लैंड पोर्ट का उद्घाटन ऐसे समय में हुआ है जब बीते अगस्त में ढाका में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंध नाजुक स्थिति में हैं. 5 अगस्त को, भारत की करीबी दोस्त मानी जाने वाली बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के तीन दिन बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार को मंजूरी दी थी.
हसीना के भारत में शरण लेने के बाद से, दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं और अब तक दोनों पक्षों की ओर से कोई उच्च स्तरीय यात्रा नहीं हुई है. इस बीच, बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और उनके कई सहयोगियों के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है, जो अगस्त में हुए उथल-पुथल के बाद देश छोड़कर भाग गए थे.
इन सबके मद्देनजर पेट्रापोल में लैंड पोर्ट का उद्घाटन महत्वपूर्ण हो गया है. नई दिल्ली ने यह संकेत दिया है कि वह सरकार में बदलाव के बावजूद अपने पड़ोसियों के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है.
लैंड पोर्ट व्यापार के मामले में बड़ा बदलाव
नई दिल्ली स्थित रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग नेशंस (आरआईएस) थिंक टैंक के प्रोफेसर प्रबीर डे ने ईटीवी भारत को बताया, "पेट्रापोल में लैंड पोर्ट का उद्घाटन भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार के मामले में बड़ा बदलाव है. इस परियोजना का भारत की पड़ोसी पहले नीति पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा. यह संकेत देता है कि सरकार में बदलाव के बावजूद भारत बांग्लादेश के साथ मैत्रीपूर्ण रवैया अपना रहा है."
डे ने कहा कि 2023-24 में भारत-बांग्लादेश व्यापार 14 बिलियन डॉलर था, जिसमें से भारत का निर्यात 13 बिलियन डॉलर था. यह व्यापार पेट्रापोल-बेनापोल मार्ग से होता है. बेनापोल सीमा के बांग्लादेश की तरफ है.
डे ने कहा, "सालाना करीब 6 लाख लोग इस मार्ग का इस्तेमाल करते हैं." उन्होंने कहा, "भारत ने अपना काम कर दिया है. नई सुविधा का इस्तेमाल ज्यादातर बांग्लादेश के लोग करेंगे. अब, बेनापोल में सुविधा को अपग्रेड करने की बारी बांग्लादेश की है. तब यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा."