नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद सुरक्षा चूक के मामले की आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया.
कोर्ट ने 9 सितंबर को जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान नीलम आजाद की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा था कि आरोपी को झूठे तरीके से फंसाया गया है. उन्होंने कहा था कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट और दो पूरक चार्जशीट दाखिल किया है और कोर्ट ने उस पर संज्ञान ले लिया है.
'संसद के बाहर थीं नीलम आजाद'
नीलम आजाद के वकील ने कहा था कि आरोपी मनोरंजन डी और सागर शर्मा संसद की वेल में कूदे थे और धुआं छोड़ा था. नीलम आजाद संसद के बाहर थीं और बेरोजगार युवकों की समस्या को उठाने के लिए धूआं छोड़ा. नीलम आजाद के वकील ने कहा था कि धुआं नुकसान पहुंचाने वाला नहीं था. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि ये एक गंभीर अपराध है. आरोपी ने देश की संप्रभुता और अखंडता को बाधा पहुंचाने का काम किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि नीलम आजाद के खिलाफ पुख्ता और प्रामाणिक साक्ष्य हैं जो आरोपी को जमानत का हकदार नहीं बनाते हैं.
जानिए, क्या है पुलिस की चार्जशीट में
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आरोपी संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे. चार्जशीट में कहा गया है कि संसद पर हमले के लिए आरोपी दो साल से योजना बना रहे थे. करीब एक हजार पेजों के चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी एक-दूसरे से सोशल मीडिया पर मिले थे. आरोपियों ने मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल पांच बैठकें की थी. उनकी पहली मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी. दिल्ली पुलिस के इस चार्जशीट पर कोर्ट ने 3 अगस्त को संज्ञान लिया था.