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बाबा रामदेव को फिर लगी फटकार, माफीनामा अस्वीकार, कोर्ट ने कहा- करेंगे कार्रवाई - Patanjali advertising case

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 2, 2024, 12:00 PM IST

Updated : Apr 2, 2024, 1:55 PM IST

PATANJALI ADVERTISING CASE: कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि आप लोगों से दो हलफनामे दायर करने को कहा गया था, लेकिन अभी तक सिर्फ एक ही दायर किया गया.

PATANJALI ADVERTISING CASE
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त मांगी माफी

नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में योग गुरु बाबा रामदेव को देश की सर्वोच्च अदालत ने तलब किया था. मंगलवार को पतंजलि भ्रामक विज्ञापनों मामलों की सुनवाई को लेकर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट से मांफी मांगी है. बता दे, दोनों ने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है.

सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण से कहा कि इस केस के हलफनामे कहां हैं. बता दें, इस केस की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहला और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ कर रही है. जैसे ही कोर्ट ने हलफनामे की बात कही तो दोनों ने माफी मांगी. कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यह अदालती कार्रवाई है. इसको हल्के में कतई नहीं लेना चाहिए. कोर्ट ने दोनों की माफी को अस्वीकार कर दिया.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आपका मीडिया विभाग आपसे कतई अलग नहीं है. आप लोगों ने आखिर क्या सोचकर ऐसा किया. कोर्ट ने आगे कहा कि पिछले साल नवंबर में भी आपको चेतावनी दी गई थी. इसको नजरअंदाज करते हुए आप लोगों ने प्रेस कॉफ्रेंस की. कोर्ट ने आगे कहा कि आप लोगों को दो हलफनामे दायर करने को कहा गया था, लेकिन अभी तक सिर्फ एक ही हलफनामे दायर किया है. नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि आप लोगों ने एक्ट का विरोध कैसे किया. कोर्ट ने कहा कि अब आप लोग परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहिए. आपने किसी से किसी भी प्रकार का संपर्क किया, इसका जवाब आपको देना होगा.

पतंजलि ने मांगी माफी
इन सबके बाद पतंजलि ने कोर्ट से कहा कि हम लोगों से गलती हुई है. कोर्ट ने इन दोनों से अवमानना का जवाब देने को कहा है. पतंजलि की ओर से वकील ने कहा कि हम माफीनामा साथ लेकर आए हैं. कोर्ट ने इस पर भी फटकार लगाई. कोर्ट के सख्त रुख के बाद पतंजलि की ओर से माफी मांगी गई. बाबा रामदेव ने भी कोर्ट से माफी मांगी.

जानिए क्या है यह मामला
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का आरोप है कि पतंजलि ने कोरोना काल के दौरान कोविड-19 वैक्सीन को लेकर एक अभियान चलाया था. इस पर अदालत ने चेतावनी भी दी थी. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत बंद करने होंगे. आईएमए ने अपनी दायर याचिका में कोर्ट से कहा कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों से एलोपैथी दवाइयों की उपेक्षा हो रही है.

पढ़ें:पतंजलि विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश- बाबा रामदेव और बालकृष्ण पेश हों

Last Updated : Apr 2, 2024, 1:55 PM IST

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