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टेरर फंडिंग के आरोपी शब्बीर अहमद शाह की याचिका पर NIA को नोटिस जारी - SHABIR AHMAD SHAH TERROR FUNDING

अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी. शाह ने जेल में टेलीफोन और ई-मुलाकात की अनुमति मांगी है.

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शब्बीर अहमद शाह (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 22, 2024, 3:37 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता और टेरर फंडिंग के आरोपी शब्बीर अहमद शाह के खिलाफ एनआईए को नोटिस जारी किया है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने इस मामले में नोटिस जारी करने का आदेश दिया, जिसके तहत एनआईए से जवाब मांगा गया है.

दरअसल, शब्बीर शाह ने अदालत में याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने जेल प्रशासन के एक सर्कुलर को चुनौती दी. इस सर्कुलर में उल्लेख किया गया है कि टेलीफोन पर बात और ई-मुलाकात के लिए जांच एजेंसी की अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) की आवश्यकता होगी. इसके कारण शब्बीर शाह न तो किसी से टेलीफोन पर बात कर पा रहे हैं और न ही वे ई-मुलाकात का लाभ उठा पा रहे हैं.

हाल ही में, पटियाला हाउस कोर्ट ने शब्बीर शाह को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 27 अगस्त को जमानत दी थी, जबकि वे पहले से ही टेरर फंडिंग के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. यह मामला न केवल शब्बीर शाह के लिए बल्कि सभी संबंधित आरोपियों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनमें हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, और यासिन मलिक शामिल हैं. पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को इन सभी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

यह भी पढ़ें- अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मिली जमानत, अन्य अपराधों के लिए जेल में रहेंगे

शब्बीर शाह पर लगे आरोप: एनआईए के अनुसार, शब्बीर शाह और अन्य आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से विभिन्न आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तोयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ और जैश-ए-मोहम्मद को वित्तीय सहायता प्रदान की. इन संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों के खिलाफ हमलों को अंजाम दिया.

एनआईए ने बताया कि हाफिज सईद और हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के बीच हवाला और अन्य चैनलों के माध्यम से धन का लेन-देन किया गया, जिसका इस्तेमाल घाटी में अशांति पैदा करने, स्कूलों को जलाने, और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया. इस संदर्भ में, गृह मंत्रालय से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.

यह भी पढ़ें- केंद्र सरकार ने अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी को प्रतिबंधित किया

यह भी पढ़ें- Delhi High Court: कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की जमानत याचिका पर सुनवाई 22 सितंबर तक टली

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता और टेरर फंडिंग के आरोपी शब्बीर अहमद शाह के खिलाफ एनआईए को नोटिस जारी किया है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने इस मामले में नोटिस जारी करने का आदेश दिया, जिसके तहत एनआईए से जवाब मांगा गया है.

दरअसल, शब्बीर शाह ने अदालत में याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने जेल प्रशासन के एक सर्कुलर को चुनौती दी. इस सर्कुलर में उल्लेख किया गया है कि टेलीफोन पर बात और ई-मुलाकात के लिए जांच एजेंसी की अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) की आवश्यकता होगी. इसके कारण शब्बीर शाह न तो किसी से टेलीफोन पर बात कर पा रहे हैं और न ही वे ई-मुलाकात का लाभ उठा पा रहे हैं.

हाल ही में, पटियाला हाउस कोर्ट ने शब्बीर शाह को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 27 अगस्त को जमानत दी थी, जबकि वे पहले से ही टेरर फंडिंग के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. यह मामला न केवल शब्बीर शाह के लिए बल्कि सभी संबंधित आरोपियों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनमें हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, और यासिन मलिक शामिल हैं. पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को इन सभी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

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शब्बीर शाह पर लगे आरोप: एनआईए के अनुसार, शब्बीर शाह और अन्य आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से विभिन्न आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तोयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ और जैश-ए-मोहम्मद को वित्तीय सहायता प्रदान की. इन संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों के खिलाफ हमलों को अंजाम दिया.

एनआईए ने बताया कि हाफिज सईद और हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के बीच हवाला और अन्य चैनलों के माध्यम से धन का लेन-देन किया गया, जिसका इस्तेमाल घाटी में अशांति पैदा करने, स्कूलों को जलाने, और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया. इस संदर्भ में, गृह मंत्रालय से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.

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