नई दिल्ली: पिछले संसद सत्र कि तरह इस बार शीतकालीन सत्र की शुरुआत भी विपक्ष के हंगामे के साथ ही हुई. हालांकि प्रधानंत्री ने संसद की शुरुआत होते ही विपक्ष को जमकर घेरा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि, विपक्ष के कुछ लोग संसद को कंट्रोल करना चाहते हैं. संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होते ही संसद के दोनों ही सदन में संभल की घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला. जिसका नतीजा यह हुआ कि, पहले ही दिन सत्र विपक्ष के हंगामे की भेट चढ़ गया.
सूत्रों की माने तो सरकार विपक्ष की सभी मांगों को इतनी आसानी से नहीं मानने वाली है. स्पीकर लगातार विपक्ष के साथ बैठक भी करते रहे. हालांकि, मगंलवार को संविधान दिवस के कारण विपक्ष का रुख कुछ नरम पड़ सकता है. हालांकि, विपक्षी पार्टियां सम्भल ,मणिपुर और प्रदूषण जैसे मामलों पर सरकार से चर्चा कराने की मांग पर अड़ी हुई है.
संसद की शुरुआत होते ही संभावित हंगामा शुरू हो गया. कांग्रेस मणिपुर और संभल में हिंसा इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण जैसे मुद्दों पर चर्चा करने पर अड़ी हुई है. सत्र की शुरुआत होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विपक्ष को काफी खरी-खोटी सुनाई.
कुल मिलाकर देखा जाए तो विपक्ष के सभी मांगों पर केंद्र सरकार इतनी आसानी से राजी नहीं होगी. वहीं विपक्ष में बैठी समाजवादी पार्टी के सांसदों ने भी स्पीकर से मुलाकात कर संभल की हिंसा पर सख्त करवाई और स्थिति नियंत्रण में करने की मांग की. हालांकि, सरकार ने रविवार को विपक्षी पार्टियों से कहा था कि दोनों सदनों की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी चर्चा कर मुद्दों पर निर्णय लेगी. बावजूद विपक्ष का रवैया लगातार आक्रामक बना हुआ है.
हर सत्र की तरह इस बार भी संसद का शीतकालीन सत्र ऐसा लगता है कि, हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा. वह इसलिए क्योंकि सूत्रों की माने तो सरकार किसी भी तरह से संभल पर चर्चा कराने पर राजी नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष इस मुद्दे को हाथ से जाने नहीं देना चाहती.