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तेल क्षेत्र (नियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक 2024 को राज्यसभा में मिली मंजूरी, वित्त मंत्री ने बैंकिंग से संबंधित कई बिल पेश किये

PARLIAMENT WINTER SESSION 2024
प्रतीकात्मक तस्वीर. (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 3, 2024, 10:36 AM IST

Updated : Dec 3, 2024, 5:19 PM IST

सरकार और विपक्ष के बीच एक सप्ताह से चल रहे गतिरोध के बाद, आज से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से चला. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से बुलाई गई सभी पार्टियों के फ्लोर लीडर्स की बैठक सोमवार को हुई और सभी ने सत्र के दौरान संविधान पर विशेष चर्चा के लिए सहमति जताई गयी थी. सरकार ने बांग्लादेश की स्थिति और संभल में हिंसा जैसे कुछ मुद्दों को शून्यकाल के दौरान उठाने की अनुमति देने पर सहमति जताई है. संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हुआ और 20 दिसंबर तक चलेगा.

LIVE FEED

5:08 PM, 3 Dec 2024 (IST)

इंडिया गठबंधन के विरोध प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर

संसद परिसर में इंडिया गठबंधन के विरोध प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह मोदी सरकार की नीतियों से जुड़ा हुआ एक बहुत बड़ा मुद्दा है... ईमानदारी से कहें तो यह सत्तारूढ़ पार्टी के लिए एक तरह से स्पष्ट संकेत है कि उनकी कई नीतियों का पूरे देश में बहुत कड़ा विरोध हुआ है. हालांकि हम आज सुबह से सदन में सहयोग करने जा रहे हैं, फिर भी संसदीय प्रक्रियाओं में बहस और भाग लेने से पहले हमारा विरोध प्रतीकात्मक था. असल में, हम संसद में पिछले 6 दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन को समाप्त कर रहे हैं.

5:01 PM, 3 Dec 2024 (IST)

तेल क्षेत्र (नियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक 2024 को राज्यसभा में मिली मंजूरी

तेल को राष्ट्रीय संपत्ति बताते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश के विकास के लिए इसका समुचित तरीके से दोहन किया जाना चाहिए और बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों में इस क्षेत्र में आत्म निर्भरता बेहद जरूरी है. तेल क्षेत्र (नियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक 2024 पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि तेल एवं गैस क्षेत्र में बड़े निवेश की जरूरत होती है और परिणाम मिलने में लंबा समय लगता है.

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की नीतिगत पंगुता का खामियाजा हमें भुगतना पड़ा. 2006 से 2014 का समय वह था जब कई विदेशी कंपनियों ने हमसे मुंह मोड़ लिया था क्योंकि उन्हें देश में काम करने की अनुमति नहीं मिल पाई थी. इसके प्रतिकूल परिणाम मिले.

उन्होंने कहा कि दुनिया में पांच बड़ी तेल कंपनियां हैं. हम इनका लाभ नहीं उठा सके. पुरी ने कहा कि 3.5 मिलियन वर्ग मीटर क्षेत्र है जिसमें कुछ हिस्सा निषिद्ध क्षेत्र है. 2014 में जब नीतियां बदलीं तो नए अनुबंध हुए और इस क्षेत्र में तेल की खोज शुरु हुई जिसका लाभ देश को मिला.

उन्होंने कहा कि संशोधन विधेयक के अनुसार, तेल क्षेत्र के विवाद के हल के लिए मध्यस्थता की व्यवस्था रहेगी और अधिकार क्षेत्र की व्यवस्था इसलिए है ताकि नियमों का उल्लंघन न हो. उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम लीज का जिम्मा आज भी राज्यों के पास ही होगा. पुरी ने कहा कि पेट्रोलियम भंडार सात दिनों का होने की बात सही नहीं है, यह भंडार पर्याप्त है. इसमें आपात स्थिति को भी ध्यान में रखा गया है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक आयात पर निर्भरता रही और 37 देश तेल आयात करने वाले थे जबकि आज यह संख्या 23 हो चुकी है. भारत आत्म निर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रहा है.

उन्होंने कहा कि बदलती भू-राजनीतिक स्थिति के कारण निर्यातक देश भी बदले हैं. उन्होंने कहा कि आज आयात की प्रक्रिया भी बदली है और यह धारणा सही नहीं है कि सस्ता तेल होने की वजह से किसी खास देश से ही आयात किया जाता है. पुरी ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटने के बावजूद देश वासियों को राहत नहीं दिए जाने के विपक्ष के आरोपों पर कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं उनमें विभिन्न शुल्कों में कटौती कर पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि आज भारत में एलपीजी सिलेंडर दुनिया में सबसे कम कीमत में दिया जाता है. देश में गैस के कनेक्शन 2014 के 14 करोड़ से बढ़ कर 33 करोड़ हो चुके हैं जिसका मतलब है कि देश में एलजीपी सिलेंडर का उपयोग करने वालों की संख्या बढ़ी है. पुरी ने कहा कि वर्ष 2014 में जैव ईंधन में मिश्रण 1.4 फीसदी था और आज पर्याप्त इकोसिस्टम के कारण पिछले माह एथेनाल मिश्रण 16.9 फीसदी रहा. हमारा लक्ष्य 2030 तक 20 फीसदी मिश्रण करने का है. लेकिन जो प्रगति है, उसे देख कर लगता है कि हम अक्टूबर 2025 तक यह लक्ष्य हासिल कर लेंगे.

ग्रीन हाइड्रोजन का जिक्र करते हुए पुरी ने कहा कि देश में इसकी मांग, उत्पादन और खपत की पूरी गुंजाइश और संभावना है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक यह सुनिश्चित करेगा कि निवेशक एक ही लीज, एक ही लाइसेंस के साथ अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर सकें और विवादों का समाधान भी तय समय पर होगा. पुरी ने कहा कि राज्यों के लिए भी इस विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, लाभकारी स्थिति है. उन्होंने कहा कि तेल एक राष्ट्रीय संपत्ति है और देश की बेहतरी के लिए इसका दोहन किया जाता है.

उन्होंने कहा कि तमाम पहलुओं को ध्यान में रख कर ही यह संशोधन विधेयक लाया गया है. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी. माकपा के जॉन ब्रिटास तथा ए रहीम ने अपने अपने संशोधन पेश किए जिन्हें मंजूरी नहीं मिली.

4:53 PM, 3 Dec 2024 (IST)

देश की बैंकिंग प्रणाली भेदभाव वाली: कांग्रेस

कांग्रेस ने देश की बैंकिंग व्यवस्था को भेदभावपूर्ण और वंचितों के लिए अलाभकारी बताते हुए मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर देश की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. लोकसभा में बैंककारी विधियां (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली देश की आर्थिक स्थिति से जुड़ी है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आर्थिक स्थिति का जो ढांचा वर्तमान सरकार ने तोड़ दिया है, उसकी शुरुआत आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू करने के साथ हुई थी.

गोगोई ने पूछा कि सरकार बताए कि उसने नोटबंदी लागू करने के बाद इन आठ साल में क्या हासिल किया? उन्होंने दावा किया कि सरकार ने नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को डिजिटल करने का दावा किया था, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि 2023 में लोगों के हाथ में 2015-16 के मुकाबले अधिक नकदी थी. गोगोई ने कहा कि इसका अर्थ है कि लोग आज भी नकदी पर निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि आज देश की बैंकिंग व्यवस्था भेदभावपूर्ण है जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों और गरीबों को लाभ नहीं मिल रहा.

गोगोई ने कहा कि सभी बैंकों को बताना चाहिए कि उनके बड़े निवेश कहां-कहां किए गए हैं. उन्होंने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को अधिक शक्तियां दिए जाने की जरूरत भी बताई. उन्होंने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर मंगलवार को लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि विदेश मंत्री कहते हैं कि 2020 में चीन के साथ टकराव की स्थिति होने के बाद से रिश्ता पहले जैसा नहीं है, वहीं वाणिज्य मंत्री कहते हैं कि चीन से अधिक आयात किया जा रहा है. गोगोई ने कहा कि मंत्रियों के बयानों में विरोधाभास है. कांग्रेस सांसद ने कहा कि 'इलेक्टोरल बांड' भी इस सरकार की एक नाकामी है जिसका विरोध रिजर्व बैंक के एक डिप्टी गवर्नर ने भी किया था. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लाया गया बैंककारी विधियां संशोधन विधेयक अधूरा है और भारत की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए उसे संपूर्ण और ताकतवर विधेयक लाना चाहिए था.

इस दौरान गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'एक हैं तो सेफ हैं' कथन का जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा. पीठासीन सभापति कृष्ण प्रसाद तेन्नेटी ने गोगोई को अपना भाषण बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित विधेयक के पहलुओं तक ही सीमित रहने को कहा. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि काफी दिन बाद आज सदन की कार्यवाही अच्छी तरह से चल रही है, वित्त मंत्री ने एक विधेयक पेश किया है जिस पर चर्चा होनी है. उन्होंने गोगोई के भाषणों में उठाए गए कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विधेयक पर चर्चा का एक मानक होता है. गोगोई नए सदस्य नहीं है. वह विपक्ष के उपनेता भी हैं.

अपने भाषण की सीमा तय किए बिना उन्हें प्रधानमंत्री या किसी उद्यमी के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए. यह चर्चा का स्तर गिराना है. सदन की एक गरिमा होती है. उसका ध्यान रखा जाना चाहिए. इस दौरान विपक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और हंगामा करने लगे. पीठासीन सभापति तेन्नेटी ने उनसे कहा कि आप इस तरह सदन को बाधित नहीं कर सकते. उन्होंने संसद की कार्य प्रक्रिया के एक नियम का हवाला देते हुए कहा कि किसी विधेयक पर चर्चा के दौरान भाषण देते समय कोई सदस्य विधेयक के समर्थन में या उसके विरोध में अपनी बात रख सकते हैं और किसी सामान्य तरीके की चर्चा नहीं कर सकते.

4:21 PM, 3 Dec 2024 (IST)

धन की कमी के कारण कोई भी मां इलाज से वंचित नहीं रहेगी: नि:शुल्क प्रसव योजना पर बोले नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि देश में कोई भी गर्भवती महिला धन की कमी के कारण इलाज से वंचित नहीं रहेगी क्योंकि सरकार के जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके) का मकसद ही सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त में इलाज मुहैया कराना है.

प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए नड्डा ने राज्यसभा को बताया कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम जरूरत आधारित है. बजट कोई मुद्दा नहीं है. इस योजना के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में, गर्भवती महिलाओं को सीजेरियन सहित प्रसव की सुविधा नि:शुल्क दी जाती है.

इस योजना के संदर्भ में दो सदस्यों द्वारा अपने अपने राज्यों की तुलना किए जाने पर नड्डा ने कहा कि केरल की तुलना महाराष्ट्र से न करें क्योंकि यह कार्यक्रम जनसंख्या आधारित है. इसके तहत हर मां का ख्याल रखा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि धन की कमी के कारण कोई भी मां इलाज से वंचित नहीं रहेगी...इस योजना के लाभों से वह वंचित नहीं रहेगी. केरल में भी यह जरूरत आधारित है.

नड्डा ने आश्वासन दिया कि केरल में सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में हर मां को नि:शुल्क प्रसव की सुविधा मिलेगी. मंत्री ने कहा कि महिला के गर्भधारण करने के साथ ही, योजना के तहत प्रसव पूर्व जांच शुरू हो जाती है. प्रसव से पहले उसे सभी आवश्यक टीके दिए जाते हैं.

उन्होंने कहा कि हर महीने की 9 तारीख को जिला अस्पताल में गर्भवती महिला की स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा निःशुल्क जांच की सुविधा होती है. आशा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे उच्च जोखिम वाले रोगियों का इलाज करें क्योंकि उन्हें अधिक जांच की आवश्यकता होती है. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रसव संस्थान में ही हो.

योजना का ब्यौरा देते हुए नड्डा ने कहा कि जब प्रसव होता है तो अगर यह सी-सेक्शन है, तो (अस्पताल में) सात दिनों तक रहना होता है. यह निःशुल्क है. अगर बच्चे के साथ कोई जटिलता है तो बच्चे के साथ 10 दिनों तक रहना होता है, जो निःशुल्क है.

उन्होंने कहा कि मां को अस्पताल ले जाने और प्रसव के बाद उसे वापस घर छोड़ने के लिए सरकार द्वारा परिवहन की सुविधा दी जाती है. उल्लेखनीय है कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके) की शुरुआत केंद्र सरकार ने एक जून, 2011 को की थी. इस योजना का मकसद, गर्भवती महिलाओं और जन्म के एक साल तक के बच्चों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ़्त में इलाज मुहैया कराना है. इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को विभिन्न सुविधाएं मिलती हैं.

3:42 PM, 3 Dec 2024 (IST)

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक शासन को मजबूत करेगा, ग्राहक सुविधा को बढ़ाएगा: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 के माध्यम से प्रस्तावित परिवर्तन इस क्षेत्र में शासन को मजबूत करेंगे और ग्राहक सुविधा को बढ़ाएंगे. लोकसभा में विधेयक को विचार और पारित करने के लिए पेश करते हुए, मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955, बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में बदलाव लाने के लिए कुल 19 संशोधन प्रस्तावित किए जा रहे हैं.

इस विधेयक में बैंक खाताधारक को अपने खाते में अधिकतम चार नामांकित व्यक्ति रखने की अनुमति देने का प्रस्ताव है. विधेयक में दावा न किए गए लाभांश, शेयर और ब्याज या बांड के मोचन को निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष (IEPF) में स्थानांतरित करने का भी प्रावधान है, जिससे व्यक्तियों को कोष से स्थानांतरण या रिफंड का दावा करने की अनुमति मिलेगी, जिससे निवेशकों के हितों की रक्षा होगी. विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के एक बयान के अनुसार, चूंकि बैंकिंग क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है और बैंक प्रशासन और निवेशक संरक्षण में सुधार करने के उद्देश्य से, पांच अधिनियमों में कुछ संशोधन करना आवश्यक हो गया है.

विधेयक को पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन बैंकिंग क्षेत्र में प्रशासन को मजबूत करेंगे और निवेशकों के नामांकन और संरक्षण के संबंध में ग्राहक सुविधा को बढ़ाएंगे. प्रस्तावित विधेयक में प्रशासन मानकों में सुधार, बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक को रिपोर्टिंग में स्थिरता प्रदान करने, जमाकर्ताओं और निवेशकों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लेखा परीक्षा की गुणवत्ता में सुधार, नामांकन के संबंध में ग्राहक सुविधा लाने और सहकारी बैंकों में निदेशकों के कार्यकाल में वृद्धि प्रदान करने का प्रावधान है. प्रस्तावित एक अन्य परिवर्तन निदेशक पदों के लिए 'पर्याप्त ब्याज' को पुनः परिभाषित करने से संबंधित है, जो वर्तमान सीमा 5 लाख रुपये के बजाय 2 करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है, जिसे लगभग छह दशक पहले तय किया गया था.

बैंकिंग क्षेत्र में काम करने वाली सहकारी समितियों के संबंध में, सीतारमण ने कहा कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन केवल सहकारी बैंकों या सहकारी समितियों के उस हिस्से पर लागू होंगे जो बैंकों के रूप में काम कर रहे हैं. विधेयक में सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) के कार्यकाल को 8 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष करने का प्रस्ताव है, ताकि संविधान (सत्तानवेवें संशोधन) अधिनियम, 2011 के साथ संरेखित किया जा सके.

एक बार पारित होने के बाद, विधेयक केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक को राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड में सेवा करने की अनुमति देगा. विधेयक में वैधानिक लेखा परीक्षकों को दिए जाने वाले पारिश्रमिक को तय करने में बैंकों को अधिक स्वतंत्रता देने का भी प्रयास किया गया है. इसमें बैंकों के लिए विनियामक अनुपालन के लिए रिपोर्टिंग तिथियों को दूसरे और चौथे शुक्रवार के बजाय हर महीने की 15वीं और आखिरी तारीख को फिर से परिभाषित करने का भी प्रयास किया गया है. बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन की घोषणा वित्त मंत्री ने 2023-24 के बजट भाषण में की थी.

3:27 PM, 3 Dec 2024 (IST)

लोस अध्यक्ष ने कहा: दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए संबंधित मंत्रियों को सदन में रहना चाहिए

लोकसभा में मंगलवार को शून्यकाल शुरू होने से पहले कार्यसूची में विभिन्न मंत्रियों के नाम से अंकित दस्तावेज संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा प्रस्तुत किए जाने पर अप्रसन्नता जताते हुए अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संबंधित मंत्रियों को सदन में उपस्थित रहना चाहिए. सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद दोपहर 12 बजे कार्यसूची में अंकित आवश्यक कागजात संबंधित मंत्रियों द्वारा सदन के पटल पर रखे जाते हैं. मंत्रियों के सदन में उपस्थित नहीं होने पर उनकी ओर से सामान्य तौर पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री इन्हें प्रस्तुत करते हैं.

मंगलवार को सदन में जरूरी प्रपत्र पेश किए जाने के दौरान वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद के नाम पर अंकित एक दस्तावेज को संसदीय कार्य राज्य मंत्री मेघवाल ने रखा. इस दौरान बिरला ने कहा कि उद्योग मंत्री पीयूष गोयल सदन में बैठे हैं और उन्हें दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा जाना चाहिए था. इसके बाद गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार को अपने नाम से अंकित दस्तावेज सदन के पटल पर प्रस्तुत करना था और उन्हें कठिनाई होने पर अन्य मंत्री उन्हें बता रहे थे.

इस पर बिरला ने मंत्रियों से कहा कि आप एक-दूसरे को मत समझाओ. उन्होंने मेघवाल से ही संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा. इसके बाद जब मेघवाल ने ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान के नाम पर अंकित एक कागजात भी प्रस्तुत किया तो अध्यक्ष बिरला ने नाखुशी जताते हुए कहा कि संसदीय कार्य मंत्री जी, यह प्रयास करो कि जिन मंत्री का नाम कार्यसूची में है, वे सदन में उपस्थित रहें. नहीं तो आप ही सारे जवाब दे दो. इस दौरान सदन में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू भी उपस्थित थे.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला. (PTI)

3:12 PM, 3 Dec 2024 (IST)

वायु प्रदूषण, ऑनलाइन सट्टेबाजी के खतरों सहित कई मुद्दे उठे राज्यसभा में

राज्यसभा में मंगलवार को सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान वायु प्रदूषण, अवैध जुए और ऑनलाइन सट्टेबाजी के खतरों सहित कई अन्य मुद्दे उठाए और केंद्र सरकार से इनके निदान के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की. शून्यकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अजीत गोपछड़े ने अवैध जुए और ऑनलाइन सट्टेबाजी का मुद्दा उठाया. उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया. उन्होंने कहा कि अवैध जुए और ऑनलाइन सट्टेबाजी आतंकवाद के वित्तपोषण का माध्यम भी बन रही हैं.

उन्होंने कहा कि इंटरनेट की पहुंच व्यापक होने के साथ ही ऑनलाइन सट्टेबाजी गांवों तक पहुंच गई है और इसका युवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार से इस दिशा में ठोस कार्रवाई करने की मांग की. आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा ने उत्तर भारत में वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाया और साथ ही समस्या से निजात पाने के लिए महत्त्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए. उन्होंने कहा कि प्रदूषण के लिए किसानों को दोषी ठहरा दिया जाता है जबकि यह प्रदूषण की इकलौती वजह नहीं है.

उन्होंने पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आने का दावा किया और कहा कि किसान मजबूरी में पराली जलाता है. पराली से निजात पाने के लिए उन्होंने हरियाणा व पंजाब के किसानों को 2,500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की भी मांग की.

उन्होंने कहा कि इसमें से 2,000 रुपये केंद्र सरकार और 500 रुपये राज्य सरकारें दें. भाजपा के बृजलाल ने पराली जलाने की समस्या के समाधान के लिए धान की जगह मोटे अनाज सहित वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने का सुझाव दिया. इसके साथ ही उन्होंने पराली के सदुपयोग के जरिए मशरूम की खेती को प्रोत्साहित करने का विकल्प भी सुझाया.

वाईएसआर कांग्रेस के अयोध्या रामी रेड्डी ने ओलंपिक खेलों में भारत के प्रदर्शन पर चिंता जताई और इस दिशा में योजनाबद्ध तरीके से राज्यों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के मामले में हम दुनिया में पांचवें स्थान पर पहुंच गए लेकिन ओलंपिक में पदक तालिका में हम 71वें स्थान पर हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार को इससे संबंधित खामियों को तुरंत दूर करना चाहिए और जरूरत के अनुरूप रणनीति बनानी चाहिए. भाजपा के सामिक भट्टाचार्य ने कोलकाता स्थित साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लिर फिजिक्स के परिसर के इर्दगिर्द बांग्लादेशी रोहिंग्याओं के बसने का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि वोटबैंक की राजनीति की खातिर इन्हें वहां बसाया जा रहा है. उन्होंने इसे सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा बताया और केंद्र सरकार से आवश्यक कार्रवाई की मांग की.

बीजू जनता दल के सुभाष खूंटिया ने पुरी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के निर्माण का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार से इसके निर्माण में तेजी लाने का अनुरोध किया. कांग्रेस के नीरज डांगी ने लुप्तप्राय हो रहे वन्यजीवों की निगरानी के लिए कृत्रिम मेधा के उपयोग का मुद्दा उठाया ताकि इनका संरक्षण किया जा सके. भाजपा के धनंजय महादिक ने गन्ना किसानों की समस्याएं उठाई और चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपये प्रति किलोग्राम करने की मांग की. इसी प्रकार तृणमूल कांग्रेस के प्रकाश चिक बाराइक और निर्दलीय अजीत कुमार भूयान ने भी अपने-अपने मुद्दे उठाए.

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह मंगलवार को नई दिल्ली में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आप सांसद राघव चड्ढा को सदन में बोलते हुए सुनते हुए. (PTI)

3:01 PM, 3 Dec 2024 (IST)

बैंकिंग बिलों पर चर्चा के दौरान लोकसभा में हंगामा

बैंकिंग बिलों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगई ने अपने भाषण में नोटबंदी और जीएसटी का जिक्र किया. जिसे लेकर संदन में हंगामा होने लगा.

2:33 PM, 3 Dec 2024 (IST)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 सहित कई अन्य विधेयक पेश किये

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955, बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करने के लिए बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया. विधेयक को विचार और पारित करने के लिए पेश किया गया.

2:08 PM, 3 Dec 2024 (IST)

विदेश मंत्री चीन के साथ संबंधों पर बयान दे रहे हैं

विदेश मंत्री चीन के साथ संबंधों पर बयान दे रहे हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन संबंध 2020 से असामान्य हैं जब चीनी कार्रवाइयों के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग हुई. उन्होंने कहा कि हाल के घटनाक्रम जो निरंतर कूटनीतिक जुड़ाव को दर्शाते हैं, ने भारत-चीन संबंधों को कुछ सुधार की दिशा में आगे बढ़ाया है.

लोकसभा में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मैं सदन को भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में हाल के कुछ घटनाक्रमों और हमारे समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर उनके प्रभावों से अवगत कराना चाहता हूं. सदन को पता है कि 2020 से हमारे संबंध असामान्य रहे हैं, जब चीनी कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द भंग हुआ था. हाल के घटनाक्रम जो तब से हमारे निरंतर कूटनीतिक जुड़ाव को दर्शाते हैं, ने हमारे संबंधों को कुछ सुधार की दिशा में स्थापित किया है.

उन्होंने कहा कि सदन इस तथ्य से अवगत है कि 1962 के संघर्षों और उससे पहले की घटना के परिणामस्वरूप चीन ने अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है. इसके अलावा, पाकिस्तान ने 1963 में अवैध रूप से 5,180 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र चीन को सौंप दिया, जो 1948 से उसके कब्जे में है. भारत और चीन ने सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए कई दशकों तक बातचीत की है. सीमा विवाद के समाधान के लिए निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य रूपरेखा पर पहुंचने के लिए द्विपक्षीय चर्चा की गई.

विदेश मंत्री ने कहा, सदस्यों को याद होगा कि अप्रैल-मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करने के परिणामस्वरूप कई बिंदुओं पर हमारी सेनाओं के साथ आमना-सामना हुआ. इस स्थिति के कारण गश्ती गतिविधियों में भी बाधा उत्पन्न हुई. यह हमारे सशस्त्र बलों के लिए श्रेय की बात है कि रसद संबंधी चुनौतियों और तत्कालीन कोविड स्थिति के बावजूद, वे तेजी से और प्रभावी ढंग से जवाबी तैनाती करने में सक्षम थे.

लोकसभा में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि सदन जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों से भली-भांति परिचित है. उसके बाद के महीनों में, हम ऐसी स्थिति से निपट रहे थे, जिसमें न केवल 45 वर्षों में पहली बार मौतें हुई थीं, बल्कि घटनाओं का ऐसा मोड़ भी आया था, जो इतना गंभीर था कि LAC के करीब भारी हथियारों की तैनाती करनी पड़ी. जबकि पर्याप्त क्षमता की एक दृढ़ जवाबी तैनाती सरकार की तत्काल प्रतिक्रिया थी, इन बढ़े हुए तनावों को कम करने और शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए एक कूटनीतिक प्रयास की भी अनिवार्यता थी.

चीन के साथ हमारे संबंधों का समकालीन चरण 1988 से शुरू होता है, जब यह स्पष्ट समझ थी कि चीन-भारत सीमा प्रश्न को शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण परामर्श के माध्यम से सुलझाया जाएगा. 1991 में, दोनों पक्ष सीमा प्रश्न के अंतिम समाधान तक LAC के साथ क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने पर सहमत हुए. इसके बाद, 1993 में शांति और सौहार्द बनाए रखने पर एक समझौता हुआ. इसके बाद, 1996 में भारत और चीन सैन्य क्षेत्र में विश्वास-निर्माण उपायों पर सहमत हुए. 2003 में, हमने अपने संबंधों और व्यापक सहयोग के सिद्धांतों की घोषणा को अंतिम रूप दिया, जिसमें विशेष प्रतिनिधियों की नियुक्ति भी शामिल थी. 2005 में, LAC पर विश्वास-निर्माण उपायों के कार्यान्वयन के तौर-तरीकों पर एक प्रोटोकॉल तैयार किया गया था. साथ ही, सीमा प्रश्न के समाधान के लिए राजनीतिक मापदंडों और मार्गदर्शक सिद्धांतों पर सहमति बनी थी. 2012 में, परामर्श और समन्वय के लिए एक कार्य तंत्र WMCC की स्थापना की गई और एक साल बाद हम सीमा रक्षा सहयोग पर भी एक समझ पर पहुंचे. इन समझौतों को याद करने का मेरा उद्देश्य शांति और शांति सुनिश्चित करने के हमारे साझा प्रयासों की विस्तृत प्रकृति को रेखांकित करना और 2020 में इसके अभूतपूर्व व्यवधान ने हमारे समग्र संबंधों के लिए जो कुछ भी निहित किया है, उसकी गंभीरता पर जोर देना है.

1:53 PM, 3 Dec 2024 (IST)

संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश में शांति सेना भेजने का आग्रह करें: टीएमसी ने सरकार से कहा

बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने पर चिंता जताते हुए तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह संयुक्त राष्ट्र से पड़ोसी देश में तत्काल शांति सेना भेजने का आग्रह करे. टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जा रहा है. उनकी हत्या की जा रही है. उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि वह संयुक्त राष्ट्र से तत्काल शांति सेना भेजने का आग्रह करे.

बांग्लादेश का निकटतम पड़ोसी होने के नाते पश्चिम बंगाल वहां की घटनाओं से सीधे तौर पर प्रभावित है. उन्होंने कहा कि पहले भी शरणार्थियों की बाढ़ आई थी. बंद्योपाध्याय ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक चुप्पी साध रखी है. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर को मामले में नवीनतम घटनाक्रम से सदन को अवगत कराना चाहिए.

रिपोर्ट के अनुसार, 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश के 50 जिलों में हिंदुओं पर 200 से अधिक हमले हुए हैं. बांग्लादेश की 170 मिलियन की आबादी में हिंदू लगभग 8 प्रतिशत हैं. सोमवार को, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से बांग्लादेश में शांति मिशन की तैनाती के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने का आग्रह किया.

बनर्जी ने कहा कि इस मामले पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी करना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस मुद्दे को बांग्लादेश के अधिकारियों और यदि आवश्यक हो, तो संयुक्त राष्ट्र के समक्ष उठाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो, तो वहां की सरकार से बात करने के बाद सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद के लिए एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना बांग्लादेश भेजी जानी चाहिए.

टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय मंगलवार को नई दिल्ली में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में बोलते हुए. (PTI)

1:44 PM, 3 Dec 2024 (IST)

सपा ने राज्यसभा में उठाया संभल में हिंसा का मामला, किया वॉक आउट

समाजवादी पार्टी (सपा) ने मंगलवार को राज्यसभा में उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा का मुद्दा उठाया. पार्टी ने दावा किया कि विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुई 'चुनावी गड़बड़ियों' से ध्यान भटकाने के लिए हिंसा को 'योजनाबद्ध तरीके' से अंजाम दिया गया. सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाया और फिर बाद में उनकी पार्टी के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया.

यादव ने कहा कि संभल में 500 साल पुरानी मस्जिद के सर्वे के लिए 19 नवंबर को एक वकील ने मुंसिफ मजिस्ट्रेट के यहां एक आवेदन दिया और दो घंटे के अंदर शांतिमय तरीके से सर्वे भी हो गया. उन्होंने कहा कि इसके बाद 24 नवंबर को सुबह छह बजे पूरे संभल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. थोड़ी देर बाद वहां के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आवेदन देने वाले वकील और कुछ लोग ढोल-नगाड़े बजाते हुए मस्जिद में प्रवेश कर गए. यादव ने कहा कि इससे स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि वे मस्जिद में तोड़फोड़ करने जा रहे हैं और फिर वहां अशांति फैली.

उन्होंने कहा कि पुलिस ने गोली चलाई, पांच लोग मारे गए और 20 से अधिक लोग घायल हुए. सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए. बहुत सारे लोग जेलों में हैं और जिन्हें पकड़ लिया गया उन्हें बुरी तरह मारा गया. उन्होंने कहा कि मेरा और लोगों का यह मानना है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में जो चुनाव हुए थे. उसमें बगल के जिलों में किसी को वोट डालने नहीं दिया गया. जबरदस्ती चुनाव पर कब्जा कर लिया था. उससे ध्यान बंटाने के लिए यह सब योजनाबद्ध तरीके से कराया गया.

यादव अभी बोल ही रहे थे कि सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आपसे आशा करता हूं कि आप संयम बरतेंगे. सभापति ने यादव से कहा कि आपने अपनी बात रख दी. इसके बाद उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी संदोष कुमार का नाम पुकारा. यादव ने आसन से कहा कि अभी तीन मिनट तो हुए भी नहीं है फिर भी उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है. शून्यकाल के दौरान सदस्य को अपनी बात रखने के लिए उन्हें तीन मिनट का समय दिया जाता है. इसके बाद सपा के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए.

12:52 PM, 3 Dec 2024 (IST)

बिरला ने बालू से कहा: क्या आप उप्र, उत्तराखंड और गुजरात में द्रमुक का विस्तार करना चाहते हैं

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान द्रमुक नेता टी आर बालू से चुटीले अंदाज में सवाल किया कि क्या वह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं. उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की जब बालू ने मनरेगा से जुड़ा पूरक प्रश्न पूछा. बालू ने इस मुद्दे को उठाते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में मनरेगा का मानदेय कम होने का दावा किया.

इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि क्या बालू जी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात में पार्टी का विस्तार करना चाह रहे हो? मनरेगा से जुड़े पूरक प्रश्न पूछे जाने के दौरान बिरला ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी पर भी व्यंग्यात्मक अंदाज में टिप्पणी की. प्रश्नकाल में पूरक प्रश्न पूछने के लिए आसन से नाम पुकारे जाने पर जब बनर्जी खड़े नहीं हुए जो बिरला ने कहा कि थोड़ा कानों को ठीक रखो कल्याण बाबू.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला. (PTI)

12:45 PM, 3 Dec 2024 (IST)

संभल हिंसा सोची-समझी साजिश के तहत हुई, जिम्मेदार अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चले: अखिलेश

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले दिनों हुई हिंसा को 'सोची-समझी साजिश' करार देते हुए मंगलवार को लोकसभा में मांग की कि घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निलंबित किया जाए और उन पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए.

कन्नौज से सपा सांसद अखिलेश यादव ने निचले सदन में शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा कि संभल में पिछले दिनों अचानक हुई हिंसा की घटना को सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया. संभल में सालों से लोग भाईचारे से रहते आए हैं. इस घटना से इस भाईचारे को 'गोली मारने' का काम किया गया.

उन्होंने संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वे का जिक्र करते हुए इस तरह की घटनाओं के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा. यादव ने कहा कि देश के कोने-कोने में भाजपा और उसके सहयोगी, समर्थक और शुभचिंतक बार-बार 'खुदाई' की बात करते हैं जिससे देश का सौहार्द, भाईचारा और गंगा-जमुनी तहजीब खो जाएगी.

उन्होंने दावा किया कि एक बार स्थानीय अदालत के आदेश पर संभल की शाही जामा मस्जिद के अंदर सर्वे का काम पूरा कर चुके पुलिस और प्रशासन के अधिकारी कुछ दिन बाद दोबारा सर्वे के लिए पहुंच गए और उनके पास अदालत का कोई आदेश नहीं था. यादव ने आरोप लगाया कि इस दौरान सूचना मिलने पर मस्जिद पहुंच गए स्थानीय लोगों ने जब कार्रवाई का कारण जानना चाहा तो पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बदसलूकी की और नाराज होकर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया जिसके बाद पुलिस गोलीबारी में पांच मासूम मारे गए.

उन्होंने कहा कि संभल का माहौल बिगाड़ने में सर्वे की याचिका दायर करने वाले लोगों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन के लोग जिम्मेदार हैं. जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए और उन पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए. यादव ने कहा कि हम यूं ही नहीं कहते कि सरकार संविधान को नहीं मानती.

कांग्रेस के उज्ज्वल रमण सिंह ने भी शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि संभल को इंसाफ मिलना चाहिए और पूरे घटनाक्रम की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश के नेतृत्व में कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. इससे पहले सपा समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने संभल में हिंसा की घटना के विरोध में प्रश्नकाल के दौरान सदन से वॉकआउट किया.

12:35 PM, 3 Dec 2024 (IST)

कई दिनों तक सदन में कामकाज ठप रहने के बाद मंगलवार को राज्यसभा में कामकाज सामान्य रूप से शुरू हुआ

कई दिनों तक सदन में कामकाज ठप रहने के बाद मंगलवार को सदन में कामकाज सामान्य रूप से शुरू हुआ. सदस्यों ने सार्वजनिक महत्व के मुद्दे उठाए. सदन में निर्धारित शून्यकाल शुरू हुआ, जिसके बाद प्रश्नकाल हुआ. 25 नवंबर को शीतकालीन सत्र की शुरुआत के बाद से राज्यसभा में कोई कामकाज नहीं हो सका, क्योंकि विपक्षी सदस्य अडानी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा सहित कई मुद्दों पर लगातार हंगामा कर रहे थे.

समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को शून्यकाल (सुबह का सत्र) के दौरान सदन से वॉकआउट किया. टीएमसी सदस्यों ने भी कुछ समय के लिए वॉकआउट किया. इससे पहले, सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के तहत 42 स्थगन नोटिस मिले हैं, जो संविधान को अपनाने के बाद सदी के आखिरी 25 सालों में अब तक के सबसे अधिक हैं.

उन्होंने कोई भी नोटिस स्वीकार नहीं किया. धनखड़ ने बताया कि एक सांसद ने नियम 267 के तहत एक से अधिक नोटिस दिए हैं. ऐसे में सदस्य को शामिल करना मानवीय रूप से असंभव है. उन्होंने इस बात पर भी दुख जताया कि नियम 267 के नोटिस को विचार किए जाने से पहले ही सार्वजनिक कर दिया गया. सभापति ने इसे 'प्रावधानों की अवहेलना' करार दिया और कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को विभिन्न दलों के नेताओं के समक्ष उठाया जाएगा और सदस्यों से उच्चतम नैतिक मानकों को बनाए रखने का आग्रह किया. बाद में, सदन की कार्यवाही शून्यकाल के साथ आगे बढ़ी, जिसमें अध्यक्ष की पूर्व अनुमति से मुद्दे उठाए जाते हैं.

एम मोहम्मद अब्दुल्ला (डीएमके) और वाइको (एमडीएमके) ने तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल के कारण उत्पन्न समस्याओं पर प्रकाश डाला. सुभाशीष खुंटिया (बीजेडी) ने ओडिशा के पुरी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पूरा होने और संचालन में तेजी लाने की मांग की. राम गोपाल यादव (एसपी) ने संभल में हाल ही में हुई हिंसा का मुद्दा उठाया. कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने भी इस मुद्दे पर बात की.

12:13 PM, 3 Dec 2024 (IST)

अखिलेश यादव ने लोकसभा में संभल की घटना का विवरण पेश किया, कहा- यह घटना दिल्ली और लखनऊ की लड़ाई का परिणाम

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव लोकसभा में संभल की घटना का विवरण पेश कर रहे हैं. सत्ता पक्ष की ओर से टोकाटोकी जारी है. इससे पहले आज दिन में उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत लोकसभा में लगभग पूरा विपक्ष मंगलवार को सदन से कुछ देर के लिए वॉकआउट कर गया. जैसे ही सदन प्रश्नकाल के लिए बैठा, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव अपनी सीट से उठे और इस मुद्दे को उठाया तथा स्पीकर ओम बिरला से इस विषय पर बोलने की अनुमति मांगी.

यादव को यह कहते हुए सुना गया कि यह बहुत गंभीर मामला है. पांच लोगों की जान चली गई है. जब स्पीकर ने कहा कि सदस्य इस मुद्दे को शून्यकाल में उठा सकते हैं, तो यादव और उनकी पार्टी के सहयोगी विरोध में वॉकआउट करने लगे. इस बीच, कुछ सपा सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए. जब सपा सदस्य सदन के वेल में विरोध कर रहे थे, तब डीएमके सदस्य ए राजा कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी सदस्यों से अपनी सीटों से उठकर सपा के विरोध में शामिल होने का आग्रह करते देखे गए.

राकांपा और शिवसेना-यूबीटी के सदस्य समाजवादी पार्टी के सांसदों के समर्थन में खड़े हो गए. कांग्रेस के कुछ सदस्य भी खड़े हो गए और सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी विरोध प्रदर्शन के समर्थन में सदन में आ गए. विरोध प्रदर्शन के दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए यादव से संपर्क किया. कुछ देर बाद यादव को अपनी पार्टी के सांसदों को जाने का इशारा करते हुए देखा गया और गांधी समेत विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. इसके बाद सांसद चल रहे प्रश्नकाल में भाग लेने के लिए वापस लौट आए.

12:01 PM, 3 Dec 2024 (IST)

राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा- अधिकारी बिगाड़ रहे संभल का महौल

राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कहा कि 24 दिसंबर को सुबह 6 बजे पूरे संभल में पुलिस तैनात कर दी गई. संभल के लोगों को पता ही नहीं था कि पुलिस क्यों तैनात की जा रही है. कुछ देर बाद डीएम, एसएसपी, वकील और कुछ लोग पुलिस के साथ ढोल बजाते हुए मस्जिद में घुस गए. भीड़ को शक था कि वे मस्जिद में तोड़फोड़ करने जा रहे हैं. एसडीएम ने पानी की टंकी खोली और जब पानी बाहर निकलने लगा तो लोगों को शक हुआ कि उसमें कुछ गड़बड़ है और फिर वहां अशांति फैल गई. पुलिस ने गोलियां चलाईं, 5 लोग मारे गए, 20 लोग घायल हुए, सैकड़ों लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए और कई लोग जेल में हैं, जो पकड़े गए उन्हें बुरी तरह पीटा गया. मेरा और कई अन्य लोगों का मानना ​​है कि उत्तर प्रदेश में पहले जो चुनाव हुए थे, उसमें पड़ोसी जिलों की पुलिस ने किसी को वोट नहीं डालने दिया और जबरन चुनाव अपने कब्जे में ले लिया. यह सब एक तरह से उससे ध्यान भटकाने के लिए हुआ.

11:56 AM, 3 Dec 2024 (IST)

कांग्रेस लोकतंत्र की मर्यादा को नुकसान पहुंचा रही है: टीएमसी सांसद

अडाणी मामले पर संसद में इंडिया अलायंस के विरोध में टीएमसी के शामिल न होने पर टीएमसी सांसद समिक भट्टाचार्य कहते हैं कि आप गठबंधन की हालत देख सकते हैं. कभी टीएमसी गायब होती है, तो कभी आप गायब होती है. कांग्रेस जहां भी लोगों के पास जाती है, वहां जनता उन्हें नकार देती है. कांग्रेस के पास अब एक ही जगह है- संसद का गेट या सदन को चलने न देना. यही कांग्रेस का एजेंडा है. कोई नहीं जानता कि टीएमसी कब और कहां जाएगी...ममता बनर्जी चाहती थीं कि मल्लिकार्जुन खड़गे इस गठबंधन का चेहरा बनें. उन्होंने उन्हें देश का पीएम बनाने का प्रस्ताव दिया था. उसी मल्लिकार्जुन खड़गे के आह्वान में अब टीएमसी शामिल नहीं है. यह सब अब एक नाटक है. वे लोकतंत्र की मर्यादा को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

11:43 AM, 3 Dec 2024 (IST)

पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़े कामों को छोटा करके कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने का अपराध किया : शिवराज सिंह चौहान

लोकसभा में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़े कामों को छोटा करके कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने का अपराध किया है. इस योजना के तहत अपात्र लोगों को पात्र बनाया गया और पात्र लोगों को अपात्र बनाया गया, यह साबित हो चुका है, ग्रामीण विकास योजनाओं के नाम बदले गए हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना का नाम बदलकर अपना नाम रखने का अपराध किया है. इसी योजना के तहत भी अपात्र लोगों को लाभ दिया गया और पात्र लोगों को छोड़ दिया गया. यह राशि दुरुपयोग के लिए नहीं है, यह अपात्र लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं है. पश्चिम बंगाल सरकार ने इस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की. जैसा कि पीएम मोदी ने कहा है 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास', लेकिन हम धन का दुरुपयोग नहीं होने देंगे...

11:22 AM, 3 Dec 2024 (IST)

अदाणी मामले को लेकर 'इंडिया' गठबंधन के घटक दलों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया

नई दिल्ली: विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के कई घटक दलों के सांसदों ने अदाणी समूह से जुड़े मुद्दे को लेकर मंगलवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग दोहराई.

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), शिवसेना (उबाठा), द्रमुक और वाम दलों सहित अन्य सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए और जवाबदेही की मांग की. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, आप के संजय सिंह, राजद की मीसा भारती और शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत ने संसद भवन के 'मकर द्वार' पर आयोजित प्रदर्शन में भाग लिया.

रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों में अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी और कंपनी के अन्य अधिकारियों पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा अभियोग लगाए जाने के बाद कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं. राहुल गांधी ने हाल ही में इस मामले को लेकर उद्योगपति गौतम अदाणी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी. अदाणी समूह ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया है.

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी, झामुमो सांसद महुआ माजी और अन्य विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को नई दिल्ली में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विरोध प्रदर्शन किया. (PTI)

11:16 AM, 3 Dec 2024 (IST)

संसद में गतिरोध जारी रहने पर विपक्ष ने किया वॉकआउट

सरकार-विपक्ष के बीच सोमवार को आम सहमति बनने के बाद संसद की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट किया.

11:10 AM, 3 Dec 2024 (IST)

संभल पर चर्चा नहीं होने दे रही सरकार: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि जिस दिन से संसद सत्र शुरू हुआ है, समाजवादी पार्टी ने संभल की घटना का मुद्दा उठाने की कोशिश की है. सदन नहीं चला, लेकिन हमारी मांग अभी भी वही है, हम संभल की घटना पर अपनी बात सदन में रखना चाहते हैं. वहां के अधिकारी मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं, मानो वे भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हों... संभल की घटना भाजपा की सोची-समझी रणनीति है, ताकि लोगों को दूसरे मुद्दों से भटकाया जा सके. जो लोग हर जगह खुदाई करना चाहते हैं - एक दिन वे देश की सौहार्द्रता और भाईचारे को खो देंगे...

11:03 AM, 3 Dec 2024 (IST)

संसद चलाने की जिम्मेदारी सरकार की है: कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी

कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा कि हम सदन चलाने के लिए अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास करते हैं क्योंकि जनता हमसे उम्मीद करती है कि हम यहां उनकी आवाज मजबूती से उठाएंगे. अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो वह चलेगा. अगर वे ऐसा नहीं चाहते हैं तो फिर साजिश क्या है, यह सबको पता है. सदन चलाना हमारी जिम्मेदारी नहीं है, जो लोग कुर्सी पर बैठे हैं और पदों पर हैं, वे इसके लिए जिम्मेदार हैं...

10:59 AM, 3 Dec 2024 (IST)

अडाणी मामले पर संसद परिसर में कांग्रेसी सांसदों ने किया विरोध

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा अडाणी मामले पर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे इंडिया ब्लॉक के सांसदों में शामिल हुईं.

Last Updated : Dec 3, 2024, 5:19 PM IST

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