नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद के दोनों सदनों के ज्वाइंट सेशन में दिए संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तुलना में अधिक स्क्रीन प्रेजेंस मिली.
उन्होंने यह भी बताया कि 51 मिनट चले राष्ट्रपति के अभिभाषण में किस नेता को कितनी बार दिखाया गया? उन्होंने बताया कि सदन के नेता नरेंद्र मोदी को 73 बार स्क्रीन पर दिखाया गया, जबकि विपक्ष के नेता राहुल गांधी को 6 बार ही स्क्रीन पर जगह मिली. वहीं, सत्ता पक्ष को 108 बार और विपक्ष को महज 18 बार ही स्क्रीन पर दिखाया गया.
जयराम रमेश ने संसद टीवी पर भी निशाना साधा. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि संसद टीवी सदन की कार्यवाही दिखाने के लिए है, कैमराजीवी की आत्ममुग्धता के लिए नहीं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अभिभाषण पर क्या कहा?
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा के गठन के बाद पहली बार संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल की कड़ी आलोचना की. राष्ट्रपति ने इसे संविधान पर सबसे बड़ा हमला और काला अध्याय बताया. राष्ट्रपति ने कहा, "सरकार भारत के संविधान को केवल शासन का माध्यम नहीं मानती है, बल्कि हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि हमारा संविधान जनचेतना का हिस्सा बने."
खड़गे ने साधा निशाना
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर कहा, "मोदी सरकार द्वारा लिखे गए राष्ट्रपति के अभिभाषण को सुनकर ऐसा लगा कि प्रधानमंत्री हमेशा इनकार की मुद्रा में रहते हैं! जनादेश उनके खिलाफ था, क्योंकि देश की जनता ने उनके '400 पार' के नारे को नकार दिया और बीजेपी को 272 के आंकड़े से दूर रखा." उन्होंने कहा कि पीएम मोदी इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए वे दिखावा कर रहे हैं कि कुछ नहीं बदला है, लेकिन सच्चाई यह है कि देश की जनता ने बदलाव की मांग की थी.
'कहने को कुछ नया नहीं'
वहीं, कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि उन्होंने (राष्ट्रपति मुर्मू) पुराने भाषणों में कुछ बदलाव किए हैं. आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था. आपातकाल के बाद से कई चुनाव हुए हैं, जिनमें बीजेपी की हार हुई है. उनके पास कहने के लिए कुछ भी नया नहीं है."
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