वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का बचाव करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा...किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए, यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है जिन्हें कभी ये अधिकार नहीं मिले.
लोकसभा : सदन में वक्फ संशोधन बिल पेश, विपक्ष ने किया विरोध - Budget 2024
Published : Aug 8, 2024, 10:19 AM IST
|Updated : Aug 8, 2024, 2:24 PM IST
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने के लिए गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया. विधेयक का उद्देश्य राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और सर्वेक्षण तथा अतिक्रमणों को हटाने से संबंधित 'प्रभावी ढंग से मुद्दों का समाधान' करना है. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया.
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धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा: किरेन रिजिजू
लोकसभा: गृह मंत्री अमित शाह ने सपा सांसद अखिलेश यादव को टोका
सपा सांसद अखिलेश यादव ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का विरोध करते हुए कहा कि सरकार लोकसभा अध्यक्ष के अधिकारों को भी कम करना चाहती है. अध्यक्ष ओम बिरला ने अखिलेश यादव को टोकना चाहा, लेकिन सपा सांसद नहीं माने. यादव ने अध्यक्ष से कहा कि मैंने लॉबी में सुना है कि आपके अधिकारों में भी कटौती की जा रही है, हमें आपके लिए भी लड़ना होगा. इस केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपनी सीट पर खड़े हो गये. उन्होंने गुस्से में जवाब दिया. शाह ने कहा कि अध्यक्ष के अधिकार केवल विपक्ष के लिए नहीं हैं, वे पूरी लोकसभा के हैं. आप इस तरह की बात नहीं कर सकते. उन्होंने यादव से कहा कि आप अध्यक्ष के अधिकारों के संरक्षक नहीं हैं. सपा सांसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का विरोध करते हुए पूछा कि जब चुनाव के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, तो हम इसे क्यों बदल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टरों को बहुत अधिक शक्ति देने के दुष्परिणामों के ऐतिहासिक साक्ष्य हैं.
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने ललन सिंह के दावों का खंडन किया
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने ललन सिंह के दावों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि ललन सिंह ने कहा कि संशोधन मस्जिदों को विनियमित करने का प्रयास नहीं है, जो मुसलमानों के पूजा स्थल हैं, मैं बताना चाहुंगा कि मस्जिदें वक्फ बोर्ड के अधीन हैं.
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस सदन में ये संशोधन करने की क्षमता नहीं
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का विरोध करते हुए, ओवैसी ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि यह न्यायिक स्वतंत्रता, शक्तियों के दमन के सिद्धांत का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि संपत्ति का वक्फ प्रबंधन मुसलमानों के लिए एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है और इसे कानूनी मान्यता देने से इनकार करके सरकार ने मुसलमानों को अपनी वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करने के तरीके को गंभीर रूप से प्रतिबंधित करने की कोशिश की है. ओवैसी ने सरकार से कहा कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं और यह विधेयक इसका सबूत है.
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर भाजपा सांसद हेमा मालिनी
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि विपक्ष हमेशा विरोध करता है, यही उनका काम है. वे अच्छी चीजों को भी बुरा बताते हैं. पीएम ने कई अच्छी योजनाएं लाई हैं लेकिन वे कहते हैं कि ये सभी गलत हैं. मैंने भी पिछले 10 सालों से यह देखा है.
सुप्रिया सुले ने कहा- दुखद है कि हमें इस विधेयक के बारे में संसद से नहीं बल्कि मीडिया से पता चला
बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने सवाल किया कि क्या यह सरकार के काम करने का नया तरीका है. सुप्रिया सुले ने कहा कि यह कार्यालय लोकतंत्र का मंदिर है और हम अपने काम को गंभीरता से लेते हैं. कृपया मीडिया को चुनिंदा तरीके से [विधेयक] लीक करने से पहले हमें सूचित करें. सुप्रिया सुले के आरोपों का खंडन करते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह विधेयक संसद में प्रसारित किया गया था. सुले ने कहा कि यह पहले मीडिया में था. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि विधेयक सभी सांसदों को प्रसारित किया गया है, लेकिन विपक्षी सदस्य इसका विरोध कर रहे हैं.
पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने कहा कि पूजा स्थलों और वैधानिक निकायों में अंतर
पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने कहा कि इस सदन में लोग वक्फ बोर्ड की तुलना मंदिरों से कर रहे हैं, लेकिन वे अलग हैं. उन्होंने कहा कि यह मस्जिदों को विनियमित करने का प्रयास नहीं है. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड कानून के तहत स्थापित संगठन हैं. इस संशोधन का उद्देश्य इसमें पारदर्शिता लाना है. सदन में जोरदार विरोध.
वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन क्या हैं?
प्रस्तावित कानून केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में 'मुस्लिम और गैर-मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व' सुनिश्चित करेगा. विधेयक में केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण का प्रस्ताव है और 'किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित सूचना के साथ राजस्व कानूनों के अनुसार म्यूटेशन के लिए विस्तृत प्रक्रिया' का प्रावधान है.
सांसद कनिमोझी ने कहा- विधेयक न केवल संविधान के विरुद्ध है, बल्कि संघवाद और धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध भी
सांसद कनिमोझी ने कहा कि विधेयक न केवल संविधान के विरुद्ध है, बल्कि संघवाद और धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध भी है. कनिमोझी ने पूछा कि क्या मुस्लिम या ईसाई किसी हिंदू मंदिर का प्रबंधन करने वाले बोर्ड का हिस्सा बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि तो फिर, जो व्यक्ति किसी विशेष धर्म में विश्वास नहीं करता, उसे उस धर्म की ओर से निर्णय लेने का अधिकार क्यों होना चाहिए?
सपा सांसद मोहिबुल्लाह ने पूछा- मक्का के वक्फ बोर्ड का क्या करेंगे
सपा सांसद मोहिबुल्लाह ने पूछा कि अगर अन्य धर्मों को केवल अपने-अपने वैधानिक निकायों में अपने प्रतिनिधि रखने की अनुमति है तो मुसलमानों को क्यों नहीं? मोहिबुल्लाह ने पूछा कि पहला वक्फ बोर्ड मक्का में है, क्या हम इस पर भी सवाल उठाएंगे. यह एक बहुत बड़ी गलती होगी और हमें आने वाली सदियों तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि यह संघीय व्यवस्था पर स्पष्ट हमला
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर बोलते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि वक्फ बोर्डों से संबंधित डेटा संग्रह का काम राज्य सरकार देखती है, और यह विधेयक सभी डेटा संग्रह का काम केंद्र के पास ले जाएगा. उन्होंने कहा कि यह धार्मिक स्वतंत्रता पर भी हमला है.
लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश, ये है महत्वपूर्ण प्रस्तावित बदलाव
सरकार ने आज लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया, जिसका भारत ब्लॉक के कई सांसदों ने विरोध किया. विधेयक में 1995 के कानून में महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित हैं, जैसे कि वक्फ बोर्ड में मुस्लिम महिलाओं को शामिल करना और बोर्ड द्वारा वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले भूमि का सत्यापन सुनिश्चित करना. जबकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस कदम को 'अस्वीकार्य' करार दिया है, वहीं इंडिया गठबंधन के दलों ने कहा था कि वे वक्फ अधिनियम में किसी भी बदलाव का विरोध करेंगे.
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया.
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया.
सांसदों ने प्याज की माला भी पहनी, नारे लगाये- प्याज का दाम कम करो
संसद के बाहर विपक्षी दलों के सांसदों ने प्याज और अन्य सब्जियों की बढ़ती कीमतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. विरोध के प्रतीक के रूप में, सांसदों ने प्याज की माला भी पहनी और 'प्याज का दाम कम करो...' का नारा लगाया.
कांग्रेस सांसद वी. के. श्रीकंदन ने वायनाड में स्थिति को ठीक से न संभाल पाने के लिए केंद्र को दोषी ठहराया
पलक्कड़ से कांग्रेस सांसद वी. के. श्रीकंदन ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि वायनाड में जो कुछ हुआ, वह केंद्र सरकार की ठीक से न संभाल पाने की वजह से हुआ. बारिश के कारण वायनाड में बार-बार भूस्खलन होने के बावजूद, डॉपलर वेदर रडार नहीं लगाए गए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2023 में कोझिकोड में 100 किलोमीटर की निगरानी रेंज वाले एक्स-बैंड रडार को मंजूरी दी है. लेकिन आज तक साइट का निरीक्षण पूरा नहीं हुआ है. श्रीकंदन ने कहा कि उत्तरी केरल में स्थायी मौसम रडार की मांग केरल की लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन इसे अभी तक स्थापित नहीं किया गया है.
राज्यसभा में धनखड़, खड़गे और डेरेक ओ ब्रायन के बीच जोरदार बहस, सभापति बोले- ऐसे ही होती है अपातकाल की शुरूआत
मल्लिकार्जुन खड़गे ने विनेश फोगट को ओलंपिक से अयोग्य ठहराए जाने का मुद्दा उठाया, लेकिन सभापति ने इसे अस्वीकार कर दिया. सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस मामले पर सदन में पहले ही चर्चा हो चुकी है. खड़गे ने पूछा कि केवल 100 ग्राम से अयोग्य ठहराए जाने का क्या मतलब हो सकता है, इसके पीछे कौन है? सभापति धनखड़ ने एआईटीसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन पर निशाना साधा और कहा कि उनका आचरण 'सबसे घटिया' है. धनखड़ ने गुस्से में कहा कि आपकी हिम्मत कैसे हुई सभापति पर चिल्लाने की. उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के परिणामों के विस्तार के रूप में 1975 के आपातकाल का भी उल्लेख किया. धनखड़ ने कहा कि आपातकाल के दौरान हमने अपने लोकतंत्र का एक काला दौर देखा. हम जानते हैं कि यह कैसे शुरू होता है - यह सबसे पहले संसदीय संस्थाओं को चुनौती देने से शुरू होता है.
वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन के लिए आज लोकसभा में दो बिल पेश करेगी सरकार
सरकार आज वक्फ बोर्ड को मिले असीमित अधिकारों को कम करने और इसकी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए बिल में संशोधन का प्रस्ताव रखने वाली है. इसमें मुस्लिम महिलाओं समेत मुस्लिम समाज के अन्य पिछड़े वर्ग, शिया, सुन्नी, बोहरा और आगाखानी जैसे वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की भी बात कही गई है.
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू लोकसभा में आज वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से जुड़े दो अहम विधेयकों को पेश करने जा रहे हैं. लोकसभा की कार्यसूची के एजेंडे के अनुसार, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024 को लोकसभा में पेश करेंगे.
पहले बिल के जरिए वक्फ कानून 1955 में महत्वपूर्ण संशोधन लाए जाएंगे, वहीं दूसरे बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1923 को समाप्त किया जाएगा. इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू 18 फरवरी 2014 को मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के कार्यकाल में राज्यसभा में पेश किए गए वक्फ संपत्ति से जुड़े कानून को वापस लेने का विधेयक राज्यसभा में पेश करेंगे.
वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन पर बोली प्रियंका चतुर्वेदी
केंद्र सरकार की ओर से वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने के लिए विधेयक पेश किए जाने पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जिस तरह से यह विधेयक लाया जा रहा है, मैं पूछूंगी कि क्या इस पर उनके गठबंधन (एनडीए) के भीतर चर्चा हुई है. क्या जेडीयू और टीडीपी ने इस वक्फ विधेयक को देखा है और अपनी सहमति दी है? अगर ऐसा नहीं किया गया है, तो यह महत्वपूर्ण है कि जब भी ऐसा विधेयक आए, तो सभी हितधारकों, सांसदों को सुना जाना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो संशोधन किए जाने चाहिए.