नारायणपुर: आईटीबीपी के दो जवान माओवादियों के लगाए आईईडी बम की चपेट में आने से शहीद हो गए. शहीद होने वाले दोनों जवान भारत तिब्बत सीमा पुलिस के हैं. पुलिस ने बताया कि घटना शनिवार दोपहर 12 बजे की है. फोर्स अबूझमाड़ के कोडलियार गांव के पास रुटीन सर्चिंग अभियान के दौरान पहुंची. तभी नक्सलियों के लगाए आईईडी बम की चपेट में जवान आ गए. घटना में दो जवान शहीद हो गए जबकी दो पुलिसकर्मी गंभीर रुप से घायल हुए हैं. घायल जवानों का इलाज चल रहा है.
अबूझमाड़ में 2 जवान शहीद:पुलिस के मुताबिक सीमा सुरक्षा बल, आईटीबीपी और जिला रिजर्व गार्ड की टीम एंटी नक्सल ऑपरेशन पर निकली थी. फोर्स जब कोडलियार गांव के पास पहुंची तो नक्सलियों के लगाए आईईडी में विस्फोट हो गया. घटना के वक्त फोर्स गश्त कर वापस लौट रही थी. घायल जवानों की हालत खतरे से बाहर है. शहीद होने वाले जवानों में अमर पवार हैं जो महाराष्ट्र के सतारा के रहने वाले थे. दूसरे शहीद जवान का नाम राजेश है. शहीद जवान राजेश आंध्र प्रदेश के कड़पा के रहने वाले थे. दोनों ही जवान आईटीबीपी की 53वीं बटालियन में थे.
नारायणपुर जिले के ग्राम कोडलियर के समीप जंगल में आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से आईटीबीपी के 2 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए. ब्लास्ट में 2 पुलिस जवानों के घायल होने की भी दुःखद सूचना प्राप्त हुई है. ईश्वर से शहीद जवानों की आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करने और घायल जवानों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. : विष्णु देव साय, सीएम
शहीद जवानों के नाम
शहीद जवान अमर पवार 36 साल के थे. अमर महाराष्ट्र के सतारा जिले के रहने वाले थे. आईटीबीपी की 53वीं बटालियन में तैनात थे.
शहीद जवान राजेश की उम्र 36 साल की थी. जवान राजेश आंध्र प्रदेश के कड़पा के रहने वाले थे. राजेश आईटीबीपी की 53वीं बटालियन में पदस्थ थे.
नारायणपुर एसपी ने की पुष्टि: नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने घटना की पुष्टि करते कहा है कि घायल दो जवानों की हालत स्थिर है. एसपी ने बताया कि संयुक्त फोर्स धुरबेड़ा की ओर से रवाना हुई थी. सुबह साढ़े 11 बजे से 12 बजे के बीच जवान बम की चपेट में आए. घटना के बाद से इलाके में सर्चिंग अभियान तेज कर दिया गया है.
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आईईडी ब्लास्ट की बड़ी घटनाएं
17 जुलाई 2024: उग्रवाद प्रभावित बस्तर क्षेत्र के बीजापुर जिले के जंगलों में माओवादी विरोधी अभियान के दौरान एक आईईडी विस्फोट में दो सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई और चार घायल हो गए.
26 जून 2023: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में उग्रवाद विरोधी अभियान से लौट रहे दस सुरक्षाकर्मियों और एक Civilian Driver की मौत हो गई. जिस वाहन में वे यात्रा कर रहे थे, उसे माओवादियों ने उड़ा दिया.
27 मार्च 2023: उग्रवाद प्रभावित बीजापुर जिले में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) विस्फोट के कारण हुए विस्फोट में अज्ञात माओवादियों ने छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) के एक सहायक प्लाटून कमांडर की हत्या कर दी.
8 फरवरी 2022: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों द्वारा किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के चार जवान घायल हो गए.
13 मार्च 2018: सुरक्षा बलों पर सबसे घातक हमले में, माओवादियों ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक बारूदी सुरंग सुरक्षा वाहन (एमपीवी) को उड़ा दिया, जिसमें नौ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान मारे गए और दो गंभीर रूप से घायल हो गए.
27 अक्टूबर 2018: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा बारूदी सुरंग से सुरक्षित वाहन (एमपीवी) को उड़ा देने से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के चार जवानों की मौत हो गई और दो घायल हो गए. पुलिस ने कहा कि यह घटना शाम 4 बजे आवापल्ली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सीआरपीएफ के मुरदंडा कैंप के आसपास हुई, जब इसकी 168वीं बटालियन "एरिया डोमिनेशन" पर निकली थी.
11 मार्च 2017: बारह सीआरपीएफ कर्मी उस समय मारे गए जब वे "घात लगाकर हमला कर रहे थे". छत्तीसगढ़ के सुकमा में माओवादियों ने साजिश रची. यह घटना सुबह करीब 9.15 बजे हुई, जब सीआरपीएफ के सौ से अधिक जवान एक सड़क निर्माण दल को सुरक्षा देने के लिए जा रहे थे. सैनिक पहले भारी गोलीबारी की चपेट में आए और जब वे रक्षात्मक स्थिति लेने के लिए आगे बढ़े तो वे आईईडी से टकरा गए, जिससे सिलसिलेवार विस्फोट हुए.
18 मई 2011: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दक्षिण बस्तर क्षेत्र में सुकमा से लगभग 7 किमी दूर बोगुड़ा गांव के पास माओवादियों ने एक शक्तिशाली बारूदी सुरंग का उपयोग करके सीआरपीएफ के वाहन को उड़ा दिया, जिसमें पांच सीआरपीएफ जवानों की मौके पर ही मौत हो गई और दो घायल हो गए.
06 अप्रैल 2010: सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर अब तक का सबसे भयानक आईईडी हमला, जब माओवादियों ने पहले एसएफ के एक एंटी-लैंडमाइन वाहन को उड़ा दिया, और फिर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 75 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान और एक राज्य पुलिस का जवान मारा गया. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में घने मुकराना जंगलों के पास, चिंतलनार के तारमेटला गांव में घात लगाकर हमला किया गया.
08 मई 2010: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बुलेट प्रूफ वाहन को उड़ा दिया, जिसमें आठ सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए.
13 जुलाई 2009: राजनांदगांव में तीन अलग अलग घटनाओं में माओवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले और बारूदी सुरंग हमलों में एक पुलिस अधीक्षक सहित तीस पुलिसकर्मी मारे गए.