नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक कार्यक्रम में अपने इनकम टैक्स में डिप्टी कमिश्नर से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने तक की पूरी कहानी साझा की. इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि उनके राजनीति करने का सीधा मतलब है. लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करना, जिससे कि वह आसानी से जीवन यापन कर सकें. उन्होंने कहा कि उनका यही मॉडल है और इसी के बल पर दिल्ली में चौथी बार सरकार बनाने जा रहे हैं.
भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों की मददःकेजरीवाल ने बताया कि किस तरह से उन्होंने खुद इनकम टैक्स में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए इनकम टैक्स में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों की मदद करने के लिए खुद ही घर पर परिवर्तन नाम से एक वेबसाइट बनाई. और इस काम में सबसे पहले मनीष सिसोदिया ने साथ दिया था. इसी बीच हमें सत्येंद्र जैन मिल गए. सत्येंद्र जैन ने हमें कई सारे आइडिया दिए. उनके आइडिया पर हम आगे बढ़े.
''द दिल्ली मॉडल'' किताब का लॉन्चःकेजरीवाल ने कहा कि हमारी पूरी सरकार में सत्येंद्र जैन के कई आईडिया को अपनाया गया. इनमें मोहल्ला क्लीनिक का मॉडल भी शामिल है. केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को एक आर्किटेक्ट और आईडिया मिनिस्टर बताया. केजरीवाल ने यह बातें दिल्ली डायलॉग एवं डेवलपमेंट कमीशन के उपाध्यक्ष रहे एवं आम आदमी पार्टी के नेता जैस्मिन शाह की नई किताब ''द दिल्ली मॉडल'' के विमोचन अवसर पर बताई.
इस दौरान जैस्मिन शाह ने बताया कि उन्होंने दिल्ली सरकार के पूरे विकास मॉडल को अपनी किताब में बताया समझाया है. उन्होंने बताया कि अपनी किताब में मैंने सत्येंद्र जैन का आइडिया मिनिस्टर के रूप में परिचय कराया है. इस दौरान मुख्यमंत्री आतिशी ने भी बताया कि किस तरह से जैस्मिन दिल्ली सरकार के साथ जुड़े और फिर उनकी पॉलिसीज व आइडिया को अपनाया गया, और लोगों को आज उन्हीं चीजों का लाभ मिल रहा है.
10 दिन तक आतिशी ने जैस्मिन शाह को नहीं दिया था मिलने का समयः मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया, "जब जैस्मिन मुझसे पहली बार मिलना चाहते थे तब मैं तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की शिक्षा सलाहकार थी. जैस्मिन किसी दूसरे संस्था में पॉलिसी मेकर थे. 10 दिनों बाद उनसे मुलाकात हुई, मैंने फिर मनीष सर को जैस्मिन के बारे में बताया. फिर मैंने जैस्मिन की मनीष सर कर के घर पर ही मुलाकात कराई. इस दौरान मनीष सर ने अपने घर पर ही फाइनेंस सेक्रेटरी और एजुकेशन सेक्रेटरी को बुलाया और जैस्मिन के आइडिया और पॉलिसी को समझा. फिर उनके हिसाब से काम करना शुरू किया."
मोहल्ला क्लीनिक का मॉडलः दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी अपनी राजनीतिक शुरुआत के प्रसंग साझा किए. उन्होंने बताया, "मैं आर्किटेक्ट हूं. मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि मैं पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर बनूंगा तो ये करूंगा, वो करूंगा. मुझे बना दिया गया हेल्थ मिनिस्टर. यह सुनकर पहली बार तो मैं डर गया था. मैं अब क्या करूंगा, मुझे कुछ पता ही नहीं था. फिर भी सचिवालय से निकलकर मैं रात को अस्पतालों में विजिट करने चला गया. फिर काम करना शुरू किया. फिर ख्याल आया कि अगर लोगों को उनके घर के नजदीक यह सुविधा मिल जाए, उससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता. इसलिए अपने हाथ से मोहल्ला क्लीनिक को डिजाइन किया. उसमें एयर कंडीशन की व्यवस्था भी बनाई और फिर आगे सरकार को दिया. मॉडल पसंद आया तो पास हो गया और काम शुरू हो गया."