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निज्जर हत्याकांड: जयशंकर का भारतीय संलिप्तता के सबूत मिलने से इनकार - Canadas Nijjar killing

Canadas Nijjar killing, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारतीय के शामिल होने के सबूत मिलने से इनकार किया है. उक्त बातें उन्होंने मीडिया के द्वारा पूछे गए सवाल पर कहीं.

Foreign Minister S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर (IANS (file photo))

By PTI

Published : May 13, 2024, 4:28 PM IST

मुंबई : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर कनाडा में भारत-नामित खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई सबूत मिलने से इनकार किया है. यहां मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, 'मैंने यह भी पढ़ा है कि एक और गिरफ्तारी की गई है. यदि वह व्यक्ति भारतीय नागरिक है, तो आमतौर पर कांसुलर द्वारा आप मूल देश की सरकार या दूतावास को सूचित करते हैं. लेकिन इसके अलावा, हम लंबे समय से यह कहते आए हैं कि अगर कनाडा में किसी भी घटना, कनाडा में किसी भी हिंसा के बारे में कोई सबूत या जानकारी है जो भारत में जांच के लिए प्रासंगिक है, तो हम इसकी जांच करने के लिए तैयार हैं,'

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि किसी भी भारतीय नागरिक की गिरफ्तारी से आमतौर पर सरकार या दूतावास को सूचना मिल जाती है, लेकिन भारतीय एजेंसियों द्वारा जांच को उचित ठहराने वाला कोई विशेष सबूत आज तक प्राप्त नहीं हुआ है. लेकिन आज तक, हमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला है जो विशिष्ट हो और हमारी जांच एजेंसियों द्वारा जांचे जाने योग्य हो. सोमवार को विदेश मंत्री ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 'भारतीय पूंजी बाजार विकसित भारत के लिए रोडमैप' विषय पर एक सेमिनार पर मीडिया से बातचीत में कहा कि मुझे इस संबंध में पिछले कुछ दिनों में कुछ बदलाव की जानकारी नहीं है.

कनाडा स्थित सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडाई पुलिस ने शनिवार को निज्जर की हत्या में कथित संलिप्तता को लेकर चौथे संदिग्ध को गिरफ्तार किया था. बता दें कि निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी. मामले में आरोपी की पहचान अमनदीप सिंह (22) के रूप में की गई थी. ब्रिटिश कोलंबिया में इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (IHIT) के अनुसार अमनदीप सिंह पहले से ही असंबंधित आग्नेयास्त्र आरोपों के लिए ओंटारियो में पील क्षेत्रीय पुलिस की हिरासत में था.

पुलिस के बयान में कहा गया है कि आईएचआईटी ने सबूतों के आधार पर अमनदीप सिंह पर प्रथम डिग्री हत्या और हत्या की साजिश का आरोप लगाने के लिए पर्याप्त जानकारी प्राप्त की. पुलिस ने कहा कि सिंह एक भारतीय नागरिक है, जो कनाडा में ब्रैम्पटन, ओंटारियो में अपना समय बिता रहा है. सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सरे, ब्रिटिश कोलंबिया और एबॉट्सफ़ोर्ड, ब्रिटिश कोलंबिया में जांचकर्ताओं ने चल रही जांच और अदालती प्रक्रियाओं का हवाला देते हुए गिरफ्तारी का कोई और विवरण नहीं दिया है.

यह बात कनाडाई पुलिस द्वारा एडमॉन्टन में तीन भारतीय नागरिकों - करण बराड़, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह को गिरफ्तार करने के कुछ दिनों बाद आई है. तीनों पर हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. हरदीप सिंह निज्जर को भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा 2020 में आतंकवादी घोषित किया गया था. निज्जर की पिछले साल जून में सरे के एक गुरुद्वारे से बाहर निकलते ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमले में छह लोग और दो वाहन शामिल थे. जैसा कि कनाडाई मीडिया में अनुमान लगाया जा रहा था कि कनाडाई पुलिस ने भारत से किसी भी संबंध का कोई सबूत नहीं दिया है.

निज्जर की हत्या से कनाडा और भारत के बीच राजनयिक तनाव पैदा हो गया था, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था. हालांकि नई दिल्ली ने इस दावे को खारिज कर देने के साथ ही इसे बेतुका और प्रेरित बताया था. इस सप्ताह की शुरुआत में, विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि कनाडा ने हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामले में कोई विशिष्ट सबूत या प्रासंगिक जानकारी प्रदान नहीं दी है और कथित तौर पर शामिल तीन भारतीयों की गिरफ्तारी पर भारत को कोई औपचारिक जानकारी प्रदान नहीं की गई है.

बता दें कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कनाडा में निज्जर हत्या के मामले में तीन भारतीयों की गिरफ्तारी पर कहा था इस मामले में हमें कोई विशिष्ट या प्रासंगिक सबूत या जानकारी नहीं दी गई है. साथ ही कनाडा ने हमें गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया है. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने निज्जर हत्या मामले में गिरफ्तार तीन भारतीयों को राजनयिक पहुंच प्रदान की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें इसके लिए कनाडाई पक्ष से कोई अनुरोध नहीं मिला है क्योंकि आरोपियों ने अभी तक राजनयिक पहुंच की मांग नहीं की है.

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