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उत्तराखंड में नैनीताल के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता है सिर्फ एक छात्र, दो टीचर हैं तैनात, एक महीने बाद शून्य हो जाएगी छात्र संख्या - Ghughukham Primary School Nainital

Only one student studies in Ghughukham Primary School in Nainital केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति के जरिए देश की शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन लाना चाहती है. राज्य सरकार भी शिक्षा को लेकर आए दिन बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के मुख्यालय नैनीताल जिले में एक ऐसा स्कूल है, जहां अभी सिर्फ एक छात्र पढ़ता है. चौंकाने वाली बात ये है कि इस छात्र को पढ़ाने के लिए दो शिक्षिकाएं तैनात हैं. 31 मार्च के बाद जब ये एकमात्र छात्र 6वीं क्लास में चला जाएगा, तो इस विद्यालय में छात्र संख्या शून्य हो जाएगी.

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नैनीताल विद्यालय

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 15, 2024, 9:02 AM IST

Updated : Mar 15, 2024, 1:13 PM IST

इस स्कूल में पढ़ता है सिर्फ एक छात्र

नैनीताल: भले ही प्रदेश में सरकार शिक्षा व्यवस्था को चुस्त और दुरुस्त बना कर सरकारी स्कूलों की स्थिति को बेहतर करने के दावे कर रही हो, मगर धरातल पर सरकार के दावे कुछ और ही हकीकत बयां कर रहे हैं. नैनीताल के घुग्घूखाम के प्राथमिक विद्यालय में सिर्फ एक छात्र रह गया है. चौंकाने वाली बात ये है कि निर्मल आर्या नाम के इस एकमात्र छात्र को पढ़ाने के लिए दो शिक्षिकाओं को नियुक्त किया है.

नैनीताल के घुग्घूखाम प्राथमिक विद्यालय में सिर्फ 1 छात्र पढ़ता है

इस विद्यालय में पढ़ता है सिर्फ 1 छात्र: इस प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने केवल एक 5वीं का छात्र आता है. निर्मल नाम का ये छात्र अगले महीने से छठवीं कक्षा में चला जाएगा. ऐसे में अगर यहां बच्चों ने प्रवेश नहीं लिया तो अगले माह से इस स्कूल में छात्र संख्या शून्य हो जाएगी. बता दें कि नैनीताल जिले राजकीय प्राथमिक विद्यालय घुग्घूखाम में बीते सालों में विद्यार्थियों की संख्या काफी कम हुई है.

घुग्घूखाम विद्यालय में 1 छात्र को पढ़ाने के लिए 2 शिक्षिकाएं तैनात हैं

ऐसे घटती गई छात्रों की संख्या: घुग्घुखाम प्राथमिक विद्यालय में सत्र 2019-2020 में छात्र संख्या 15 थी. 2020-21 में यह संख्या घटकर 14 रह गयी. 2022-23 में छात्रों की संख्या घटकर सिर्फ 4 रह गयी गयी. अब 2024 में यह संख्या घटकर केवल 1 रह गयी. 31 मार्च 2024 को पांचवीं में पढ़ने वाला निर्मल आर्या भी दूसरे स्कूल में चला जाएगा. इसके बाद विद्यालय में छात्र संख्या शून्य रह जायेगी.

घुग्घूखाम विद्यालय में सिर्फ निर्मल आर्या ही पढ़ते हैं

1 छात्र को पढ़ाने के लिए 2 टीचर: वहीं स्कूल में कम हो रही छात्र संख्या को देखकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ शिक्षिकाएं भी चिंतित नजर आ रही हैं. शिक्षिका शबाना सिद्दीकी का कहना कि अभिभावक खुद अपने बच्चों का नाम कटवाकर शहर में स्थित प्राइवेट स्कूलों में भेज रहे हैं. जो लोग बाहर या नैनीताल में नौकरी करते हैं, वे वहीं जाकर कमरा लेकर या मकान बनाकर वहीं बच्चों को पढ़ा रहे हैं. हम लगातार क्षेत्र में रहने वाले परिवारों से भी बच्चों को विद्यालय में पढ़ाने के लिए भेजने को समझा रहे हैं. इसके बावजूद छात्र संख्या लगातार घट रही है. अगर 31 मार्च के बाद कोई भी एडमिशन नहीं होता तो यह संख्या शून्य हो जाएगी.

31 मार्च को छात्र 6वीं क्लास में चला जाएगा तो छात्र संख्या शून्य हो जाएगी

एक महीने बाद विद्यालय में होंगे शून्य छात्र: 12 वर्षों से स्कूल में छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहीं यशोदा रावत कहती हैं, हर वर्ष छात्र संख्या घटती रही है. इसका मुख्य कारण अभिभावकों का अपने बच्चों को नैनीताल के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना है. जबकि स्थानीय लोग कहते हैं कि लोग यहां से अपनी जमीन बेचकर बाहर जा रहे हैं. जिससे वे अपने बच्चों को भी बाहर ले जा रहे हैं. यहां रोजगार नहीं है. लोग यहां से पलायन कर रहे हैं. ग्रामीण केवल चुनाव और पूजा पाठ के दौरान गाांव आते हैं.
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Last Updated : Mar 15, 2024, 1:13 PM IST

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