नई दिल्ली:रेहड़ी-पटरी वालों को कारोबार के लिए लोन मुहैया कराने की योजना पीएम स्वनिधि ने अपना असर तो दिखाया है, लेकिन किस्त चुकाने आंकड़े चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं. 50 हजार रुपये के तीसरे लोन की अदायगी का आलम यह है कि साढ़े चार लाख से अधिक कर्जदारों में से सिर्फ 773 ने ही अपना कर्ज चुकाया है.
गौरतलब है कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहले दस हजार और फिर बीस हजार रुपये का लोन दिया जाता है और यह रकम लौटाने के बाद आवेदक पचास हजार रुपये का लोन पाने के पात्र हो जाते हैं. आंकड़ों के मुताबिक पहली और दूसरी अवधि के लोन की अदायगी की दर अच्छी है. करीब 70 से 80 फीसदी लोन चुकाया जा चुका है.
योजना के तहत आवेदकों को सात फीसदी की दर से ब्याज अनुदान दिया जाता है और उन्हें एक साल के भीतर किस्तों में लोन चुकाना होता है. तीसरी अवधि के लोन की अदायगी की धीमी गति के बारे में शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है. तीसरा लोन तभी मिलता है, जब आवेदक पहले दो लोन चुका दे.