नई दिल्ली:19 फरवरी का दिन भारत-पाकिस्तान के संबंधों के लिए बेहद खास माना जाता है. सन् 1999 में आज ही के दिन दिल्ली से लाहौर के लिए बस सेवा शुरू हुई थी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में, शांतिपूर्णऔर मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के लिए यह बस सेवा शुरू की गई थी. उस वक्त वे इस बस से ही शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए लाहौर गए थे. हालांकि 2019 में यह बस सेवा बंद किए जाने के बाद केवल लोगों की यादों में ही जिंदा रह गई है.
इस बस सेवा को सदा-ए-सरहद के नाम से जाना जाता था, जो काफी लंबे समय तक चली. उस वक्त लाहौर की तरफ से भी एक बस चलाई जाती थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग भारत से पाकिस्तान और पाकिस्तान से भारत आते-जाते थे. वर्ष 2004 में भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान दौरे के मद्देनजर पाकिस्तान ने लाहौर में 10 हजार भारतीयों को क्रिकेट देखने की अनुमति दी थी. तब भारतीय लोग इसी बस से धूमधाम से मैच देखने के लिए पाकिस्तान गए थे. यह बस वाघा बॉर्डर से लाहौर तक जाती थी. इसमें सफर करने के लिए यात्रियों को पासपोर्ट और वीजा की जरूरत पड़ती थी. दोनों देशों से सप्ताह में छह दिन बस चलाई जाती थी.
यहां से चलाई जाती थी बस: लाहौर के लिए दिल्ली गेट बस डिपो से यह बस चलाई जाती थी, लेकिन सेवा को बंद किए जाने के बाद, अब यह डिपो सूना पड़ा है. यहां सिर्फ वह बोर्ड बचा है, जो आज भी दो देशों के बीच की यात्रा को याद दिलाता है. इस बारे में हाल ही में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से भी ईटीवी भारत ने बात की थी. इसपर उन्होंने बताया था कि यदि पाकिस्तान की तरफ से इस बारे में कोई मांग की जाती है, तो हम जरूर इस दिशा में काम करेंगे.
पाक ने 2019 में बंद की थी बस सेवा:पूर्व में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ करता था, लेकिन 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म कर जम्मू कश्मीर से यह दर्जा हटा दिया गया था. इसके बाद पाकिस्तान ने अपनी तरफ से बस सेवा बंद कर दी थी, जिसे देखते हुए भारत से भी पाकिस्तान जाने वाली बस सेवा पर रोक लगा दी गई. तब से आज तक यह बस सेवा शुरू नहीं हो सकी है.