राजसमंद.राजस्थान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा शहर में जन्माष्टमी पर पुरातन परम्परा के तहत आधी रात को कृष्ण जन्म की खुशी में श्रीनाथजी को 21 तोपों की सलामी दी गई. इस अनूठे आयोजन के हजारों लोग साक्षी बने. एक के बाद एक तोप के धमाके होते रहे और साथ में श्रीनाथजी व कृष्ण कन्हैया के जयकारों से वातावरण गूंज उठा. दो तोपों की जोड़ी से लगातार 21 गोले दाग कर सलामी दी गई. दुनिया में यह एकमात्र मंदिर है, जहां जन्माष्टमी पर 21 बार तोप से सलामी देने की अनूठी परम्परा है.
पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ के श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा में परम्परानुसार श्रीनाथजी के बाल स्वरूप को केसर कस्तूरी युक्त पंचामृत से स्नान कराया गया. शाम को संध्या आरती के बाद दस बजे तक श्रीनाथजी के दर्शन के लिए हजारों की संख्या लोग उमड़ पड़े. दर्शन के बाद मंदिर से 300 मीटर की दूरी पर स्थित रसाला चौक में दो तोपों से 21 बार गोले दागकर सलामी दी गई. इस तरह श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर लोगों ने श्रीनाथजी व कृष्ण कन्हैया लाल के जयकारे लगाए. इस तरह नाथद्वारा में एक बारगी ब्रज जैसा माहौल बन गया और रिसाला चौक में मौजूद हर शख्स की जुबां पर कृष्ण कन्हैया के जयकारों की गूंज थी. इससे पहले संध्या दर्शन के बाद नाथद्वारा शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें मंदिर के सेवादार, शहरवासी शामिल हुए. रिसाला चौक से रवाना हुई शोभायात्रा चौपाटी बाजार, देहली बाजार, गोविन्द चौक, बड़ा बाजार, मार्ग होते हुए प्रीतमपोली, नयाबाज़ार, चौपाटी होते हुए रिसाला चौक पहुंची. फिर रात ठीक 12 बजे श्री कृष्ण जन्म पर उनके वस्त्र बदले गए और दो तोपों से 21 बार गोले दाग कर सलामी देने की रस्म निभाई गई.