कोटा. मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी के लिए कोटा में एडमिशन लेने वाले कोचिंग स्टूडेंट्स के लिए केंद्र और राज्य सरकार की नई गाइडलाइनजारी हुई थी, जिसमें 10वीं कक्षा और 16 साल की उम्र के बाद ही कोचिंगों में प्रवेश के निर्देश थे. इस संबंध में कोटा में एक कोचिंग संस्थान में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बयान जारी किया है. उन्होंने मीडिया से वार्ता में कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार से गाइडलाइन के संबंध में बात की जा रही है. मैं यह मानता हूं कि कोचिंग में प्रवेश लेने वाला हर विद्यार्थी परिपक्व होता है.
बता दें कि मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी के लिए कोटा को सबसे बेहतर माना जाता है. कोटा ब्रांड ने यह अपने रिजल्ट के दम पर कई बार साबित भी किया है. यहां से पढ़ने वाले विद्यार्थी जेईई और नीट यूजी जैसे एग्जाम टॉपर रहे हैं और कोटा की बादशाहत को कायम किया है. कोटा में पढ़ रहे बच्चों को लेकर कई गाइडलाइन भी जारी हुई है, जिसके तहत नवीनतम गाइडलाइन में 16 साल और 10वीं पास करने के बाद ही विद्यार्थी को प्रवेश देने के निर्देश दिए गए हैं. इस बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अपना विचार जाहिर किया है. बिरला ने कहा कि यह सामान्य गाइडलाइन है, लेकिन मेरा मानना है कि कोचिंग में पढ़ने वाला हर विद्यार्थी परिपक्व होता है. जिस तरह खिलाड़ी को अपने प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, उसी तरह शिक्षा में विद्यार्थी को प्रशिक्षण की जरूरत पड़ती है. यह भी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे स्टूडेंट्स स्वेच्छा से भी करते आए हैं. हमारे स्कूल-कॉलेज बेहतर हो यह हमारा प्रयास रहता है. इन्हें और बेहतरीन करना चाहिए.