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ओडिशा, UP और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का दावा - HEATWAVES DAYS

IMD ने पिछले पांच साल में गंभीर मौसम घटनाओं के पूर्वानुमान की सटीकता में 40 से 50 प्रतिशत सुधार किया है.

डॉ जितेंद्र सिंह
डॉ जितेंद्र सिंह (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 5, 2024, 4:55 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल 2024 में सबसे अधिक हीटवेव वाले तीन राज्य हैं. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में यह जानकारी देते हुए कहा कि ओडिशा में 2024 में 37 हीटवेव दिन रहे, इसके बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में 33, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 32 और पश्चिम बंगाल में 31 दिन रहे.

सिंह ने कहा, "भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और स्थानीय स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर देश के कई हिस्सों में हीट एक्शन प्लान (HAP) शुरू किया है, ताकि गर्मी की लहरों के बारे में पहले से चेतावनी दी जा सके और ऐसे मौकों पर उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी सलाह दी जा सके."

हीटवेव के प्रभाव को कम करने के लिए दिशा-निर्देश विकसित
उन्होंने बताया कि एनडीएमए ने मजदूरों पर हीटवेव के प्रभाव को कम करने के लिए दिशा-निर्देश भी विकसित किए हैं. उन्होंने कहा कि आईएमडी द्वारा हीटवेव पूर्वानुमान और चेतावनी की जानकारी केंद्र सरकार के मंत्रालयों, राज्य सरकारों और स्थानीय सरकारी निकायों सहित सभी हितधारकों को प्रदान की जाती है.

सिंह ने कहा, "आईएमडी जनता और आपदा प्रबंधन अधिकारियों के लिए हीटवेव सहित चरम मौसम की घटनाओं के लिए तैयार रहने के लिए विभिन्न दृष्टिकोण/पूर्वानुमान/चेतावनी जारी करता है. अलर्ट जारी करते समय, अपेक्षित गंभीर मौसम के प्रभाव को उजागर करने और आसन्न आपदा मौसम की घटना के संबंध में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में आपदा प्रबंधन को संकेत देने के लिए एक उपयुक्त रंग कोड का उपयोग किया जाता है."

चेतावनियां और सलाह जारी करता है आईएमडी
मंत्री के अनुसार, आईएमडी तैयारियों के लिए पहले से ही आवश्यक चेतावनियां और सलाह जारी करता है. इन सभी रियल टाइम प्रोडक्ट्स को एक वेबसाइट, एपीआई, कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल (सीएपी), वॉट्सऐप और ई-मेल का उपयोग करके सभी उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाया गया. गर्मी के मौसम की शुरुआत से बहुत पहले राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय हीटवेव तैयारी बैठकों की एक चैन आयोजित की जाती है, साथ ही मौसम के दौरान समय-समय पर नियमित समीक्षा बैठकें भी की जाती हैं.

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग ने पिछले पांच साल में भारी बारिश, कोहरा, गर्मी/शीत लहरें और आंधी जैसी सभी गंभीर मौसम घटनाओं के पूर्वानुमान की सटीकता में 40 से 50 प्रतिशत सुधार किया है. उन्होंने कहा, "मंत्रालय मौसम संबंधी अवलोकन, संचार, मॉडलिंग उपकरण और पूर्वानुमान प्रणालियों को लगातार बढ़ाता और उन्नत करता है."

उल्लेखनीय है कि हीटवेव दिन वे दिन होते हैं, जब तापमान किसी क्षेत्र और वर्ष के समय के लिए सामान्य से असामान्य रूप से अधिक होता है. ऐसी हीटवेव का मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बड़ा असर हो सकता है. हालांकि, जिस तापमान पर हीटवेव घोषित की जाती है, वह क्षेत्र आधारित होता है और यह उस क्षेत्र के ऐतिहासिक तापमान पर भी निर्भर करता है.

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