भुवनेश्वर: ओडिशा विधानसभा का सत्र जारी रहने के दौरान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा सदन के बाहर अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा किए जाने पर सोमवार को कांग्रेस और विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) ने आपत्ति जताई. साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया और उन पर विधानसभा का अनादर करने तथा 26 जुलाई को सदन के बाहर नीतिगत निर्णय की घोषणा करने का आरोप लगाया.
बीजद और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा सदन के सत्र के दौरान अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा करने पर हंगामा किया. इस वजह से ओडिशा विधानसभा सोमवार को शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. वरिष्ठ कांग्रेस विधायक तारा बहिनीपति ने विधानसभा के बाहर अग्निवीरों के लिए की गई घोषणा की आलोचना करते हुए कहा कि विधानसभा के इतिहास में एक शर्मनाक अध्याय जुड़ गया है. उन्होंने कहा कि एक नई परंपरा बन गई है.
सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा सदन के बाहर घोषणा करना कहां तक उचित है. मैं इस मामले में अध्यक्ष से निर्णय लेने की मांग करता हूं. वहीं बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि यह असामान्य बात नहीं है कि नई सरकार के पास किसी तरह का अनुभव नहीं है और वह गलतियां कर देती है. हालांकि, मुख्यमंत्री को सदन के समक्ष इस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने सदन की अनदेखी की और सदन के बाहर नीतिगत निर्णय की घोषणा की.