शिमला: बैंक देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है. पैसे को रखने की सबसे सेफ जगह बैंक को ही माना जा सकता है. बैंकों में लोगों की छोटी-छोटी बचत जमा होती है. लोगों की ये छोटी-छोटी बचत कई बार भारत को आर्थिक संकट से निकाल चुकी है. लोगों की इस बचत को बैंक कई पार्टियों जैसे व्यापारी, संस्था, व्यक्ति को लोन के रूप में देकर मुनाफा भी कमाते हैं, लेकिन कई बार कोई व्यापारी या तो लोगों का पैसा लेकर फुर्र हो जाता है या कोई बैंक कर्मचारी लोगों की इस बचत पूंजी का गबन कर देता है. इन बैंक घोटालों का असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है.
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित नौहराधार को-ऑपरेटिव बैंक में करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है. अभी तक हुई जांच में 4 करोड़ 2 लाख रुपये की हेरा-फेरी सामने आ चुकी है, लेकिन माना जा रहा है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी तो घोटाले की राशि का आंकड़ा भी बढ़ सकता है. इस घोटाले को किसी और का नहीं बल्कि बैंक में कार्यरत असिस्टेंट मैनेजर का ही हाथ है. इससे पहले भी कई बैंक कर्मी इस तरह के स्कैम में संलिप्त रहे हैं. इन बैंक कर्मियों की इस हेराफेरा से लोगों का बैंकिंग सिस्टम से भरोसा उठ जाता है.
7 कर्मचारी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड
बैंक प्रबंधन ने प्रथम दृष्टया में संलिप्त बैंक के 7 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है, जबकि 10 कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. इसके अलावा शाखा में तैनात अन्य कर्मचारियों को भी दूसरी जगहों पर स्थानांतरित कर दिया गया है. साथ ही इस मामले में विभागीय जांच के तुरंत आदेश जारी कर विस्तृत जानकारी भी प्रबंधन की ओर से जुटाई जा रही है.
सीबीआई से जांच की मांग
बैंक प्रबंधन की मानें तो नौहराधार शाखा में तैनात सहायक प्रबंधक द्वारा करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला बीते 3 अगस्त को प्रबंधन के सामने आया था. करीब एक हफ्ते तक प्रबंधन ने खुद मामले की जांच की. प्रबंधन की तरफ से 10 अगस्त को इस संदर्भ में संगड़ाह पुलिस थाने में आरोपी कर्मचारी सहायक प्रबंधक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई. बैंक प्रबंधन इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रहा है. जांच के लिए मामला सीबीआई को भेजा गया है.
बैंक प्रबंधन ने दिया ग्राहकों को पैसा सुरक्षित होने का आश्वासन
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने कहा कि, 'इस प्रकार की घटनाएं बैंक के लिए बेहद चिंतनीय और अस्वीकार्य है. प्रारंभिक जांच के अनुसार सहायक प्रबंधक की ओर से अभी तक 4 करोड़ 2 लाख रूपए की हेराफेरी का पता चला है. मामले में विस्तृत विभागीय जांच जारी है और गहनता से जांच पड़ताल के उपरांत ही पूरी जानकारी सामने आ सकेगी कि संबंधित कर्मचारी ने कितनी राशि की हेराफेरी की है. उन्होंने बैंक के सभी ग्राहकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा बैंक में जमा की गई राशि पूरी तरह से सुरक्षित है और उन्हें किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. बैंक उनके प्रति पूरी निष्ठा रखता है और समर्पित भाव से उन्हें सभी प्रकार की बैंक सेवाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है.'
शिमला से आई टीम ने भी जांचे दस्तावेज
नौहराधार कोऑप्रेटिव बैंक में करोड़ों रूपए के इस बैंक घोटाले में बैंक प्रबंधन ने सहायक प्रबंधक को सस्पेंड कर उसे शिमला भेज दिया था. इस पूरे मामले में 7 कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा चुका है. 3 अगस्त को मामला सामने आने के बाद करीब एक सप्ताह तक बैंक प्रबंधन ने खुद मामले की जांच की. इसके बाद 10 अगस्त को संगड़ाह पुलिस थाने में आरोपी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई. दो दिनों तक हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक मुख्यालय शिमला की टीम ने भी बैंक के सारे दस्तावेजों की जांच की.