ETV Bharat / bharat

गजब का घोटाला! हिमाचल में खच्चर ने कर दी 1.5 करोड़ की ढुलाई, BPL मालिक बना करोड़पति - GOODS TRANSPORT BILL ON MULE

चंबा जिले में एक खच्चर की ढुलाई का डेढ़ करोड़ से अधिक का सरकारी बिल बना है. पुलिस ने मामले की जांच की है.

चंबा में एक खच्चर की ढुलाई का बिल बना डेढ़ करोड़ रुपये
चंबा में एक खच्चर की ढुलाई का बिल बना डेढ़ करोड़ रुपये (कॉन्सेप्ट इमेज)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 13, 2025, 9:26 PM IST

Updated : Feb 13, 2025, 11:01 PM IST

चंबा: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले से एक भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है. यहां एक खच्चर ने अपने मालिक को डेढ़ करोड़ से अधिक की कमाई करके दी है. कागजों में खच्चर से सरकारी सामान की ढुलाई की गई है. यह मामला चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत सनवाल से सामने आया है. हर कोई हैरान है कि खच्चर ने ऐसे कौन से सामान की ढुलाई कर दी जिससे खच्चर मालिक करोड़पति बन गया.

ग्रामीणों ने पुलिस को दी थी शिकायत

बीते 20 जनवरी को ग्रामीणों ने पुलिस को शिकायत दी कि ग्राम पंचायत सनवाल में पंचयात वेंडरों की आड़ में करोड़ों रुपये की धांधली हो रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि पंचायत में वेंडरों के माध्यम से करोड़ों रुपये का गलत तरीके से लेन-देन हुआ है.

पुलिस जांच में हुआ खुलासा

ग्रामीणों की शिकायत मिलने पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. शुरुआती जांच में पुलिस ने खुलासा किया कि ग्राम पंचायत सनवाल में एक खच्चर के दम पर डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की ढुलाई की गई है और इस ढुलान को करने वाला शख्स बीपीएल श्रेणी में आता है. संबंधित शख्स के पास केवल एक ही खच्चर है जिससे मालिक ने ढुलाई करके इतनी रकम कमाई है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि खच्चर मालिक के खाते में पहले ढुलाई की रकम डाली गई और बाद में खच्चर मालिक के बैंक खाते से इस राशि को पंचायत प्रतिनिधियों और उनके रिश्तेदारों के खातों में चेक व अन्य माध्यम से ट्रांसफर किया गया.

पुलिस अब इन पहलुओं पर कर रही जांच

पुलिस अब इस जांच में जुटी है कि वेंडर ने ऐसे कौन से सामान की ढुलाई की है जिसका बिल डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का बना है और इतनी बड़ी राशि खच्चर मालिक ने जनप्रतिनिधियों के खाते में क्यों ट्रांसफर की? बता दें कि पंचायत में सामग्री ढुलान के लिए लिए वेंडर लगाए जाते हैं. इसके लिए सनवाल में खच्चर का वेंडर लगाया गया था. वेंडर के कई कार्यों में ढुलान के बिल लगाए गए, जिसके लिए सरकारी खाते से वेंडर को लाखों रुपये मिलते थे, लेकिन बिल अदायगी के बाद यह राशि वेंडर के खाते से पंचायत प्रतिनिधियों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती थी. बहरहाल पुलिस की छानबीन में हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

एसपी का बयान

एसपी चंबा अभिषेक यादव का कहना है "मामले में ग्राम पंचायत प्रधान सनवाल, वाहन वेंडर और खच्चर वेंडर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस बारे में ग्रामीणों की ओर से शिकायत की गई थी. शिकायत मिलने के बाद पुलिस को जांच के दौरान एक करोड़ 53 लाख 55 हजार रुपये की ढुलाई एक खच्चर के माध्यम से करवाने के बारे में पता चला है. पुलिस इस मामले की गहनता के साथ छानबीन में जुट गई है. पुलिस पंचायत के सभी वेंडरों के खाते की जांच करेगी."

सेब घोटाले के मामले की पहले ही चल रही जांच

पुलिस की ओर से सनवाल पंचायत में सेब गड़बड़ी की पहले ही जांच की जा रही है. सेब घोटाले की जांच में यह सामने आया था कि 1.20 करोड़ रुपये से मनरेगा के तहत 48 हजार सेब के पौधे लगाए जाने थे लेकिन जब मामले की शिकायत हुई थी तो दो साल पहले तत्कालीन एसडीएम की जांच के बाद 19 हजार 367 पौधे लगाए जाने की पुष्टि हुई थी.

इस पर सेब मामले में पंचायत प्रधान, उप-प्रधान, पूर्व वार्ड सदस्य व अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी. यह मामला साल 2022 का था. इस मामले में उपायुक्त की ओर से प्रधान को निष्कासित किया गया था लेकिन, मंडलायुक्त कांगड़ा द्वारा इस मामले में स्टे दिया गया है और अभी मामले की जांच चल रही है.

ये भी पढ़ें: गाय हत्या मामला: SIT ने 500 लोगों से की पूछताछ, 3 संदिग्धों के DNA भेजे लैब

चंबा: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले से एक भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है. यहां एक खच्चर ने अपने मालिक को डेढ़ करोड़ से अधिक की कमाई करके दी है. कागजों में खच्चर से सरकारी सामान की ढुलाई की गई है. यह मामला चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत सनवाल से सामने आया है. हर कोई हैरान है कि खच्चर ने ऐसे कौन से सामान की ढुलाई कर दी जिससे खच्चर मालिक करोड़पति बन गया.

ग्रामीणों ने पुलिस को दी थी शिकायत

बीते 20 जनवरी को ग्रामीणों ने पुलिस को शिकायत दी कि ग्राम पंचायत सनवाल में पंचयात वेंडरों की आड़ में करोड़ों रुपये की धांधली हो रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि पंचायत में वेंडरों के माध्यम से करोड़ों रुपये का गलत तरीके से लेन-देन हुआ है.

पुलिस जांच में हुआ खुलासा

ग्रामीणों की शिकायत मिलने पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. शुरुआती जांच में पुलिस ने खुलासा किया कि ग्राम पंचायत सनवाल में एक खच्चर के दम पर डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की ढुलाई की गई है और इस ढुलान को करने वाला शख्स बीपीएल श्रेणी में आता है. संबंधित शख्स के पास केवल एक ही खच्चर है जिससे मालिक ने ढुलाई करके इतनी रकम कमाई है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि खच्चर मालिक के खाते में पहले ढुलाई की रकम डाली गई और बाद में खच्चर मालिक के बैंक खाते से इस राशि को पंचायत प्रतिनिधियों और उनके रिश्तेदारों के खातों में चेक व अन्य माध्यम से ट्रांसफर किया गया.

पुलिस अब इन पहलुओं पर कर रही जांच

पुलिस अब इस जांच में जुटी है कि वेंडर ने ऐसे कौन से सामान की ढुलाई की है जिसका बिल डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का बना है और इतनी बड़ी राशि खच्चर मालिक ने जनप्रतिनिधियों के खाते में क्यों ट्रांसफर की? बता दें कि पंचायत में सामग्री ढुलान के लिए लिए वेंडर लगाए जाते हैं. इसके लिए सनवाल में खच्चर का वेंडर लगाया गया था. वेंडर के कई कार्यों में ढुलान के बिल लगाए गए, जिसके लिए सरकारी खाते से वेंडर को लाखों रुपये मिलते थे, लेकिन बिल अदायगी के बाद यह राशि वेंडर के खाते से पंचायत प्रतिनिधियों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती थी. बहरहाल पुलिस की छानबीन में हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

एसपी का बयान

एसपी चंबा अभिषेक यादव का कहना है "मामले में ग्राम पंचायत प्रधान सनवाल, वाहन वेंडर और खच्चर वेंडर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस बारे में ग्रामीणों की ओर से शिकायत की गई थी. शिकायत मिलने के बाद पुलिस को जांच के दौरान एक करोड़ 53 लाख 55 हजार रुपये की ढुलाई एक खच्चर के माध्यम से करवाने के बारे में पता चला है. पुलिस इस मामले की गहनता के साथ छानबीन में जुट गई है. पुलिस पंचायत के सभी वेंडरों के खाते की जांच करेगी."

सेब घोटाले के मामले की पहले ही चल रही जांच

पुलिस की ओर से सनवाल पंचायत में सेब गड़बड़ी की पहले ही जांच की जा रही है. सेब घोटाले की जांच में यह सामने आया था कि 1.20 करोड़ रुपये से मनरेगा के तहत 48 हजार सेब के पौधे लगाए जाने थे लेकिन जब मामले की शिकायत हुई थी तो दो साल पहले तत्कालीन एसडीएम की जांच के बाद 19 हजार 367 पौधे लगाए जाने की पुष्टि हुई थी.

इस पर सेब मामले में पंचायत प्रधान, उप-प्रधान, पूर्व वार्ड सदस्य व अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी. यह मामला साल 2022 का था. इस मामले में उपायुक्त की ओर से प्रधान को निष्कासित किया गया था लेकिन, मंडलायुक्त कांगड़ा द्वारा इस मामले में स्टे दिया गया है और अभी मामले की जांच चल रही है.

ये भी पढ़ें: गाय हत्या मामला: SIT ने 500 लोगों से की पूछताछ, 3 संदिग्धों के DNA भेजे लैब

Last Updated : Feb 13, 2025, 11:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.