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जानें बेतिया महाराज और दो पत्नियों की पूरी कहानी, जिनकी 15000 एकड़ जमीन पर नीतीश सरकार करेगी कब्जा

बेतिया राज की हजारों एकड़ जमीन पर अब बिहार सरकार का कब्जा होगा. इसको लेकर विधानसभा से प्रस्ताव पारित हो गया है. जानें इतिहास.

land of betiya raj
बेतिया राज की जमीन (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 26, 2024, 7:24 PM IST

बेतिया:बिहार विधानसभा में मंगलवार 26 नवंबर को नीतीश सरकार की ओर से बेतिया महाराज की संपत्ति से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक पास कराया गया. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल की ओर से विधेयक सदन में पेश किया गया था. जिस पर चर्चा के बाद उसे सदन से पास कराया गया.

सरकार की हुई बेतिया राज की जमीन:विधेयक पास होने पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने बातचीत में कहा कि बेतिया महाराज की अंतिम रानी को कोई संतान नहीं थी. अंग्रेज सरकार ने उन्हें अक्षम घोषित कर उनकी संपत्ति को कोर्ट ऑफ वार्डस को दिया गया था. बिहार सरकार के पास लंबे समय से यह मामला था और मंगलवार को सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बेतिया महाराज की 15200 एकड़ से अधिक जमीन को लेकर विधेयक पास कराया है. अब यह संपत्ति सरकार के अधीन हो जाएगा.

सरकार की हुई बेतिया राज की जमीन (ETV Bharat)

"हमलोगों ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. 143 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश में भी बेतिया राज की है. इस कानून के तहत बिहार को वह जमीन भी प्राप्त होगी और इसके लिए वहां की राज्य सरकार से बातचीत की जाएगी. काफी कीमती जमीन है."-दिलीप जायसवाल, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री, बिहार

ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

अतिक्रमण मुक्त करायी जाएगी हजारों एकड़ जमीन:बेतिया महाराज की संपत्ति का मामला लंबे समय से विवादों में रहा है और अब सरकार की तरफ से कानून बनाया गया है, इस पर दिलीप जायसवाल ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए ही विधेयक पास कराया गया है. बेतिया राज की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों पर अब बिहार सरकार का डंडा चलेगा. बेतिया राज की जमीन को हर हाल में अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए बिहार सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है.

बेतिया राज की हजारों एकड़ जमीन पर अतिक्रमण (ETV Bharat)

बेतिया में लगभग 10000 एकड़ बेतिया राज की जमीन: बता दें कि पूरे बिहार में बेतिया राज की 15000 एकड़ जमीन है. सिर्फ बेतिया में लगभग 10000 एकड़ जमीन है. राजस्व पर्षद अध्यक्ष केके पाठक के निर्देश पर बेतिया राज के अतिक्रमित भूमि को बहुत जल्द अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा. इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है. कुछ दिन पहले बेतिया डीएम दिनेश कुमार राय ने खुद बेतिया राज सचिवालय का निरीक्षण किया था. एक-एक बिंदुओं पर जांच की और रिपोर्ट तैयार कर बिहार सरकार को भेजा.

ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

"किसी भी हाल में अतिक्रमणकारियों को बक्शा नहीं जाएगा. हर हाल में बेतिया राज की 10000 एकड़ जमीन है, उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा. इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है."-दिनेश कुमार राय, डीएम, बेतिया

करीब 3221 एकड़ जमीन पर लोगों का अतिक्रमण (ETV Bharat)

बेतिया में 6505 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण: एक रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम चंपारण में बेतिया राज की 9759 एकड़ जमीन है. इसमें से 6505 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है. पूर्वी चंपारण में बेतिया राज की 5320 एकड़ जमीन है. करीब 3221 एकड़ जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. इन स्थानों के अलावा गोपालगंज, सिवान, सारण और पटना में भी बेतिया राज की जमीन है. जिसका पूरा खाका बिहार सरकार ने तैयार कर लिया है और अब उन अतिक्रमणकारियों पर सरकार अपना डंडा चलाने वाली है और बेतिया राज के जो भी जमीन अतिक्रमित है उन्हें मुक्त करने की तैयारी में लग गई है.

बेतिया महाराज की 15200 एकड़ से अधिक जमीन (ETV Bharat)

अरबों में जमीन की कीमत: बता दें कि बेतिया राज का कोई भी उत्तराधिकारी नहीं हैं. जिस कारण बेतिया राज की संपत्ति करीब सौ वर्षों से कोर्ट ऑफ वार्ड्स के अधीन है. जमींदारी कानून में बदलाव के करीब 70 साल बाद बिहार की तीसरी सबसे बड़ी जमींदारी में शामिल बेतिया राज की 15 हजार एकड़ जमीन का बिहार सरकार अधिग्रहण करने की तैयारी कर चुकी है. बेतिया राज के पूरे जमीन का मूल्य करीब 7,960 करोड़ है.

बेतिया में लगभग 10000 एकड़ बेतिया राज की जमीन (ETV Bharat)

बेतिया नरेश की 1893 में मृत्यु: बेतिया राज के राज परिवार के इतिहास पर एक नजर डाले तो बेतिया नरेश राजा हरेंद्र किशोर सिंह की 26 मार्च 1893 को मृत्यु हो गई थी. उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं था. राजा हरेंद्र किशोर सिंह की दो पत्नियां- महारानी शिव रत्ना कुंवर और महारानी जानकी कुंवर थीं.

अरबों में जमीन की कीमत (ETV Bharat)

दूसरी रानी को अंग्रेजों ने घोषित किया था अक्षम: राजा हरेंद्र किशोर सिंह की पहली पत्नी शिव रत्ना कुंवर की मृत्यु 1896 में हो गई. बताया जाता है कि महारानी जानकी कुंवर संपत्ति का प्रबंधन करने में सक्षम नहीं थीं. इसलिए इसका प्रबंधन ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ द्वारा किया गया. महारानी जानकी कुंवर की मृत्यु 1954 में हो गई. पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों के अलावा बेतिया राज की जमीन बिहार के गोपालगंज, सिवान, सारण और पटना तक फैली थी.

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