श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 24 सीटों पर 18 सितंबर को मतदान होना है. इस चरण में 219 उम्मीदवार मैदान में हैं. पहले चरण में नौ महिला उम्मीदवार भी दावेदारी पेश कर रही हैं, जो चर्चा में हैं. इन महिला उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि अलग-अलग है. राजनीतिक दिग्गज से लेकर नए चेहरे भी शामिल हैं. पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्र में लैंगिक विविधता की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव है. आइए इनके बारे में जानते हैं.
डेजी रैना
56 वर्षीय डेजी रैना पुलवामा जिले की राजपोरा सीट से रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. गवर्नमेंट वूमेन कॉलेज अनंतनाग से स्नातक रैना इस सीट से सबसे धनी उम्मीदवार हैं. उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में 2.3 करोड़ रुपये की आवासीय संपत्ति और एक करोड़ रुपये के सोने के आभूषणों का खुलासा हुआ है. उनकी संपत्ति में 5 लाख रुपये की कार शामिल है. रैना राजनीति में अपने विनम्र दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं और वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में जमीनी स्तर पर विकास और महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रही हैं. रैना ने स्थानीय मुद्दों की गहरी समझ रखने वाले एक नेता के रूप में स्थानीय लोगों के बीच मजबूत पकड़ बनाई है.
गुलशन अख्तर
अनंतनाग पश्चिम सीट से निर्दलीय उम्मीदवार 60 वर्षीय गुलशन अख्तर रिटायर्ड सरकारी शिक्षिका हैं. वह अर्थशास्त्र और अंग्रेजी में स्नातकोत्तर के साथ-साथ बीएडधारी है. उन्होंने बैंक जमा के रूप में केवल 3 लाख रुपये घोषित किए हैं और उनके पास कोई अन्य महत्वपूर्ण संपत्ति नहीं है. उनकी राजनीति सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और पार्टी राजनीति के प्रभाव के विपरीत है. गुलशन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा पहुंचकर लोगों की आवाज बनना चाहती हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 भी लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा.
इल्तिजा मुफ्ती
श्रीगुफवारा-बिजबेहरा से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की उम्मीदवार 37 वर्षीय इल्तिजा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर के बड़े राजनीतिक परिवार से आती हैं. उनकी मां महबूबा मुफ्ती वर्तमान में पीडीपी की अध्यक्ष हैं और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. लंदन के वारविक विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर डिग्री हासिल करने वालीं इल्तिजा मुफ्ती को स्थानीय मुद्दों की गहरी समझ के साथ वैश्विक परिदृश्य को भी अच्छी तरह समझती हैं. इल्तिजा की उम्मीदवारी मुफ्ती परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की ओर इशारा करती है. उनकी संपत्ति में 3 लाख रुपये नकद और 25 लाख रुपये के सोने के गहने शामिल हैं. अपने मुखर स्वभाव के लिए जानी जाने वाली इल्तिजा खुद को जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आधुनिक और प्रगतिशील आवाज के रूप में पेश कर रही हैं. राजनीतिक क्षेत्र में उनके प्रवेश पर सबकी नजर है.
अफरोजा बानो
37 वर्षीय अफरोजा बानो कुलगाम से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. जमीनी स्तर की राजनीति से मजबूत जुड़ाव रखने वालीं अफरोजा ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (BDC) की पूर्व अध्यक्ष हैं. 10वीं पास बानो लोगों की समस्याओं का समाधान करने और स्थानीय विकास के प्रति समर्पण के लिए जानी जाती हैं. उनके पास मामूली संपत्ति है, जिसमें 50,000 रुपये नकद, एक लाख रुपये के सोने के गहने और 6 लाख रुपये की कार शामिल है. वह अपने चुनाव अभियान में विकास, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा पर जोर दे रही हैं. उनके पति रियाज अहमद शाह अपनी पारिवारिक संपत्ति से चुनाव में उनका समर्थन कर रहे हैं.
सकीना मसूद इटू
52 वर्षीय सकीना मसूद इटू अनुभवी राजनेता हैं और डीएच पोरा से नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की उम्मीदवार हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व नेता वली मोहम्मद इटू की बेटी सकीना ने 1994 में अपने पिता की हत्या के बाद राजनीति में प्रवेश करने के लिए मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी थी. वह विधायक, एमएलसी और मंत्री रह चुकी हैं. सकीना ने एक दृढ़ और समर्पित नेता के रूप में लोगों के बीच अपनी छवि बनाई है. उनकी संपत्ति में 1.2 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति, 54 लाख रुपये का सोना और 40 लाख रुपये से अधिक बैंक जमा शामिल हैं. सकीना का चुनाव अभियान अपने पिता की विरासत को जारी रखने पर आधारित है. साथ ही वह युवा बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मुद्दों पर जोर दे रही हैं.