दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

UCC नियमवाली को मंजूरी, शादी और लिव-इन रिलेशन में रहने वालों के लिए बदल जाएंगे नियम - UNIFORM CIVIL CODE

यूसीसी लागू होने पर हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, और अन्य समुदायों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ को हटाकर समान कानून लागू हो जाएगा.

UNIFORM CIVIL CODE
UCC के तहत लिव-इन रिलेशन में रहने वालों के लिए बदल जाएंगे नियम (सांकेतिक तस्वीर)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 20, 2025, 12:47 PM IST

नई दिल्ली:उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को बुलाई गई मंत्रिमंडल की बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड की नियमावली को मंजूरी दे दी है. सरकार इसी महीने राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू कर सकती है. उम्मीद जताई जा रही है कि 26 जवनरी को देहरादून के परेड ग्राउंड से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसका ऐलान कर सकते हैं.

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होते ही प्रदेश के कई नियम बदल जाएंगे. इसके लागू होने पर सभी जाति, धर्म , संपद्राय के लोगों को मिलने वाले ज्यादातर पर्सनल कानूनों खत्म हो जाएंगे और सभी लोगों के लिए एक ही कानून होगा.

सीएम पुष्कर सिंह धामी का बयान
इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में UCC लागू करना प्रदेश की जनता के साथ सरकार का वादा और संकल्प था.यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किए जाने को लेकर सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं. साथ ही प्रशिक्षण का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है. सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी कोई बांटने वाली राजनीति नहीं है, क्योंकि यूसीसी में सभी के लिए एक समान व्यवस्था की गई है और सभी के लिए एक समान कानून होगा.

विवाह और लिव-इन रिलेशन के लिए बदल जाएंगे नियम
यूसीसी के लागू होने के साथ ही विवाह और लिव-इन रिलेशन में रहने वाले लोगों के लिए भी नियम बदल जाएंगे. इसके लिए करीब 2 हजार कर्मचारियों को ट्रेंड किया जा रहा है. राज्य सरकार ने अधिकारियों को यूसीसी पोर्टल से परिचित कराने के लिए सोमवार से खास ट्रेनिंग शुरू की है.

लिव-इन रिलेशन के लिए क्या होंगे नियम?
इंडियन एक्सप्रेसके मुताबिक यूसीसी के तहत पोर्टल में सभी लिव-इन रिलेशन का शादी की तरह ही रजिस्ट्रेशन होगा. इसके अलावा गवाहों की वीडियो रिकॉर्डिंग, फोटो और आधार जैसी डिटेल की जरूरत होगी. वहीं, लिव-इन में रहने वाले कपल्स को यूसीसी नियमों के मुताबिक पोर्टल में अपने पार्टनर के नाम, उम्र का प्रमाण पत्र, राष्ट्रीयता, धर्म, पूर्व संबंध स्थिति और फोन नंबर जैसी जानकारी दर्ज करनी होगी.

लागू होगा समान कानून
यूसीसी लागू होने पर हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, और अन्य समुदायों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ को हटाकर समान कानून लागू हो जाएगा. सरकार का दावा है कि इससे महिलाओं और बच्चों के लिए समानता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी, जिससे उनके अधिकारों का सम्मान होगा. यह कानून बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करेगा, बच्चों को संपत्ति और पारिवारिक अधिकारों में समानता मिलेगी.

लिव इन रिलेशनशिप को लेकर अब तक क्या थे नियम?
अब तक पार्लियामेंट और किसी स्टेट के विधानमंडल ने लिव इन रिलेशनशिप पर कोई व्यवस्थित सहिंताबद्ध अधिनियम का निर्माण नहीं किया था, लेकिन घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 की धारा 2(f) के अंतर्गत लिव इन रिलेशनशिप की परिभाषा प्राप्त होती है, क्योंकि घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत लिव इन रिलेशनशिप में साथ रहने वाले लोग भी संरक्षण प्राप्त कर सकते हैं.

क्या है लिव इन रिलेशन?
लिव इन रिलेशनशिप एक ज्वलंत मुद्दा है, जो पश्चिम के देशों में काफी प्रचलित है और धीरे धीरे अब यह भारत में भी आम हो रहा है. लिव इन रिलेशनशिप मैरिज का एक विकल्प है. इसके तहत दो लोग बिना शादी के एक साथ रहते हैं. भारत में सामाजिक स्तर पर लिव इन को मान्यता नहीं दी गई है और विभिन्न धर्मों में इसे गलत माना जाता है. हालांकि, इंडियन लॉ लिव इन रिलेशनशिप को कोई अपराध नहीं मानता है.

यह भी पढ़ें- आरजी कर रेप मर्डर केस के दोषी संजय रॉय की सजा पर फैसला आज

ABOUT THE AUTHOR

...view details