नीट मामले पर AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा, "अगर शिक्षा मंत्री ने कहा है कि पेपर लीक नहीं हुआ तो यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण बयान है. आज लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है. जब पेपर लीक होता है तो छात्र बेहद आहत होता है. अगर पेपर लीक नहीं हुआ तो सीबीआई जांच क्यों कर रही है और लोगों को क्यों गिरफ्तार कर रही है? आज शिक्षा मंत्री का जवाब सुनकर युवा आहत जरूर होगा, हम इस बयान की निंदा करते हैं...देश में दो आईपीएल चल रहे हैं, एक इंडियन प्रीमियर लीग और दूसरा इंडियन पेपर लीक."
नीट-यूजी परीक्षा 2024 मामला, पेपर लीक को लेकर सीजेआई ने किए बड़े सवाल - SC NEET UG 2024
Published : Jul 22, 2024, 10:12 AM IST
|Updated : Jul 22, 2024, 2:55 PM IST
नई दिल्ली:नीट यूजी परीक्षा 2024 को रद्द करने और कथित धांधली को लेकर दायर 40 से अधिक याचिकाओं पर सोमवार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कई अहम सवाल किए. सीजेआई ने कहा कि अदालत को यह देखना होगा कि क्या लीक स्थानीय है और केवल हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है या यह व्यापक और योजनाबद्धहै.
इस पर याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि एनटीए के अनुसार 24 अप्रैल को पेपर भेजे गए और 3 मई को पेपर बैंक में पहुंच गए. इसलिए 24 अप्रैल से 3 मई के बीच पेपर निजी लोगों के हाथों में रहे.
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देश में दो आईपीएल चल रहे हैं
सीजेआई ने पूछा, क्या यह पूरी तरह से परीक्षा रद्द करने या केवल सीकर में रद्द करने का आधार हो सकता है?
सीजेआई ने कहा, 'मान लीजिए कि ऐसा है, तो क्या यह पूरे देश में परीक्षा रद्द करने या केवल सीकर में परीक्षा रद्द करने का आधार हो सकता है? उन्होंने पूछा कि याचिकाकर्ता यह कैसे साबित करेंगे कि हजारीबाग आदि में हुई घटनाएं पूरे देश में फैल गई हैं, जिससे पता चलता है कि यह एक प्रणालीगत विफलता है.' सीजेआई ने कहा, 'क्या आप इस नीट के नतीजों को चुनौती दे रहे हैं या आप उन लोगों का समर्थन कर रहे हैं जो नीट बिल्कुल नहीं चाहते. आपको हमें यह दिखाना होगा कि एक प्रणालीगत विफलता है जिसने परीक्षा की पवित्रता को नष्ट कर दिया है.'
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले की सुनवाई के दौरान कई अहम सवाल किए. इसमें प्रमुख रूप से उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नीट यूजी प्रश्नपत्र लीक 4 मई से पहले हुआ था. वहीं, हरियाणा के एक परीक्षा केंद्र पर कथित गलत प्रश्न पत्र देने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि कैसे छात्रों को गलत प्रश्नपत्र का उत्तर देने की अनुमति दी गई. सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं के वकील से डेटा दिखाने को कहा, ताकि यह साबित हो सके कि लीक व्यापक था.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कुछ केंद्रों में गलत प्रश्नपत्र वितरण के संबंध में एनटीए से निम्नलिखित प्रश्न पूछे. कितने केंद्रों में गलत प्रश्न वितरित किए गए? और कितने छात्रों का मूल्यांकन केनरा बैंक प्रश्नपत्र के आधार पर किया गया. एनटीए ने केनरा बैंक के प्रश्नपत्र की उत्तर कुंजी क्यों घोषित नहीं की? झज्जर में सिटी कोऑर्डिनेटर प्रश्नपत्र एकत्र करने के लिए एसबीआई और केनरा बैंक दोनों में क्यों गए?
हरियाणा के झज्जर केंद्र पर केनरा बैंक से लाए गए प्रश्नपत्र पर सीजेआई ने उठाए सवाल
याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हरियाणा के झज्जर स्थित हरदयाल स्कूल के प्रिंसिपल दोनों बैंकों (एसबीआई और केनरा बैंक) में गए और प्रश्नपत्र लेकर आए. केनरा बैंक से प्रश्नपत्र अभ्यर्थियों को वितरित किए गए जबकि एसबीआई के प्रश्नपत्र वितरित किए जाने थे, केनरा बैंक के नहीं. सीजेआई ने पूछा कि जब एसबीआई के प्रश्नपत्र वितरित किए जाने थे, तो झज्जर केंद्र प्रभारी केनरा बैंक कैसे गए और प्रश्नपत्र कैसे लाए?
अदालत को यह देखना होगा कि क्या ये लीक स्थानीय है व्यापक: सीजेआई
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत को यह देखना होगा कि क्या लीक स्थानीय है और केवल हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है या यह व्यापक और योजनाबद्धहै. याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि एनटीए के अनुसार 24 अप्रैल को पेपर भेजे गए और 3 मई को पेपर बैंक में पहुंच गए. इसलिए 24 अप्रैल से 3 मई के बीच पेपर निजी लोगों के हाथों में रहे.
सीकर में 94 फीसदी छात्रों ने 550 से ज्यादा अंक हासिल किए, ये बिना धांधली संभव नहीं: वकील
नीट-यूजी परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर एडवोकेट धीरज कुमार सिंह ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एनटीए (NTA) ने रिजल्ट का डेटा जारी किया है. छात्रों के नाम और रोल नंबर छिपाए गए हैं. सीरियल नंबर और सीक्वेंसिंग भी गड़बड़ है. इससे यह पता लगाना मुश्किल हो गया है कि एक सेंटर में कितने अभ्यर्थी बैठे थे. देश के टॉप 50 सेंटर में से 31 सेंटर सीकर के हैं. देश के टॉप 100 सेंटर में से 71 सेंटर राजस्थान के चार जगहों के हैं. सीकर के कुछ सेंटर में 94फीसदी छात्रों ने 550 से ज्यादा अंक हासिल किए हैं जो बिना चीटिंग आदि के संभव नहीं है. इस मामले को कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा.
जांच से पता चलता है कि 3 मई से पहले पेपर लीक हुआ: याचिकाकर्ता
नीट-यूजी परीक्षा 2024 में कथित धांधली को लेकर बिहार पुलिस द्वारा दर्ज किए गए बयानों पर बहस जारी है. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि बिहार पुलिस की जांच से पता चलता है कि लीक 3 मई से पहले हुआ था. याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि केंद्र सरकार का कहना है कि लीक 5 मई की सुबह हुआ था. उन्होंने कहा, 'हमने डेटा के आधार पर एक नोट प्रस्तुत किया है. वे मानते हैं कि पेपर लीक हुआ है, वे मानते हैं कि व्हाट्सएप पर इसका प्रसार हुआ. बिहार पुलिस की सामग्री से पता चलता है कि छात्रों को 4 तारीख को लीक पेपर दिए गए थे. लीक 5 मई की सुबह नहीं हुआ, जैसा कि सुझाव दिया गया. मेरा मानना है कि लीक 3 मई से पहले हुआ.
बिहार पुलिस द्वारा दर्ज किए गए बयानों पर बहस
नीट-यूजी परीक्षा 2024 में कथित धांधली को लेकर बिहार पुलिस द्वारा दर्ज किए गए बयानों पर अदालत में बहस हुई. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने बिहार पुलिस द्वारा दर्ज किए गए बयानों को पढ़ा. इस बीच याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि गवाहों के बयानों से पता चलता है कि लीक परीक्षा से बहुत पहले हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू
नीट यूजी परीक्षा 2024 को रद्द करने और कथित धांधली को लेकर दायर 40 से अधिक याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एनटीए (NTA) ने पेपर लीक होने और व्हाट्सएप के जरिए लीक हुए प्रश्नपत्र के प्रसार की बात स्वीकार की है.