लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को स्वीकार करने के पक्ष में 269 वोट पड़े जबकि विरोध में 198 सांसदों ने वोट दिए. बिल को जेपीसी भेजने की सिफारिश की गई. इसी के साथ लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश - PARLIAMENT WINTER SESSION 2024
Published : Dec 17, 2024, 9:47 AM IST
|Updated : Dec 17, 2024, 2:07 PM IST
नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया. यह बिल लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने का प्रावधान करता है. मेघवाल ने संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम, 1963, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 तथा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करने के लिए भी एक विधेयक पेश किया. इस विधेयक का उद्देश्य एक साथ चुनाव कराने के उद्देश्य से दिल्ली, जम्मू-कश्मीर तथा पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों को एक समान बनाना है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में इस विधेयक को मंजूरी दी थी.
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक सहित अन्य विपक्षी दलों ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का विरोध किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर में एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था. इस समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे थे. पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में इन सिफारिशों को उठाया था. समिति ने दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी. इसके तहत पहले चरण में लोकसभा, विधानसभा चुनाव एक साथ कराने और आम चुनावों के 100 दिनों के भीतर पंचायत और नगर पालिका कराने की सिफारिश की. इसने कहा कि सभी चुनावों के लिए एक समान मतदाता सूची होनी चाहिए.
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लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल के पक्ष में 269 वोट पड़े
शिवसेना (यूबीटी) ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का विरोध किया
शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल देसाई ने कहा, 'मैं इस विधेयक के पेश किए जाने का विरोध करता हूं. भारत राज्यों का एक संघ है और इस विधेयक पर विचार करते हुए, यह संघवाद पर सीधा हमला होगा और यह राज्यों की सत्ता को कमजोर करेगा.'
विपक्ष ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर मत विभाजन की मांग की
कानून मंत्री द्वारा लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किए जाने पर विपक्ष ने बिल पर मत विभाजन की मांग की. बिल पेश करने के प्रस्ताव पर मत विभाजन जारी है. यह पहली बार है कि नई संसद में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है. केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करने का प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव का उद्देश्य देश भर में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराना है.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को स्वीकर करने पर वोटिंग
लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल स्वीकर करने पर वोटिंग हो रही है.
सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा- राज्य विधानसभा की स्वायत्तता छीनी जा रही है
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर कहा, 'यह प्रस्तावित विधेयक संविधान के मूल ढांचे पर ही प्रहार करता है. यदि कोई विधेयक वास्तव में संविधान के मूल ढांचे पर प्रहार करता है तो वह संविधान के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. हमें याद रखना चाहिए कि राज्य सरकार और राज्य विधानसभा केंद्र सरकार या संसद के अधीन नहीं हैं. इस संसद के पास सातवीं अनुसूची की सूची एक और सूची तीन के तहत कानून बनाने का अधिकार है. इसी तरह, राज्य विधानसभा के पास सातवीं अनुसूची की सूची दो और सूची तीन के तहत कानून बनाने का अधिकार है. इसलिए, इस प्रक्रिया से राज्य विधानसभा की स्वायत्तता छीनी जा रही है.'
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल संविधान के मूल ढांचे पर हमला है: मनीष तिवारी
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'मैं संविधान 129वें संशोधन विधेयक 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून संशोधन विधेयक 2024 को पेश किए जाने का विरोध करता हूं. संविधान की सातवीं अनुसूची से परे मूल संरचना सिद्धांत है और मूल संरचना सिद्धांत बताता है कि भारतीय संविधान की कुछ विशेषताएं हैं. इसलिए कानून और न्याय मंत्री द्वारा पेश किए गए विधेयक संविधान के मूल ढांचे पर पूरी तरह से हमला करते हैं और इस सदन की विधायी क्षमता से परे हैं और इसलिए उनका विरोध किया जाना चाहिए और उन विधेयकों को पेश किए जाने पर रोक लगाई जानी चाहिए.'
कांग्रेस के लिए अल्पसंख्यक सिर्फ मुसलमान हैं: सुकांत मजूमदार
सुकांत मजूमदार ने कहा, 'भारत में कांग्रेस ने कभी अल्पसंख्यकों के अलावा किसी और के बारे में नहीं सोचा और उनके लिए अल्पसंख्यक सिर्फ मुसलमान हैं. दूसरे अल्पसंख्यकों के बारे में भूल जाइए. वे कभी उनके बारे में बात नहीं करते. यह नई बात है कि वे हिंदुओं और वो भी बांग्लादेशी हिंदुओं के बारे में बात कर रहे हैं.'
अनुच्छेद 370 और 35A पंडित नेहरू की देन: जेपी नड्डा
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में संविधान बहस के दौरान कहा, 'अनुच्छेद 370 में 35A को 1954 में राष्ट्रपति के आदेश के जरिए लाया गया था. 35A को राष्ट्रपति का दर्जा दिया गया था, वो भी संसद में बहस के बिना. आजकल लोकतंत्र की बहुत चर्चा होती है लेकिन आप अनुच्छेद 370 में 35A को राष्ट्रपति के आदेश के जरिए लाते हैं. आप इस पर बहस भी नहीं करते.
35A में परिभाषित किया गया था कि जम्मू-कश्मीर का नागरिक कौन होगा. केवल उन्हें ही नागरिक माना जाएगा जो 1944 से पहले रहते थे. प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को एक काम दिया गया था और हम सबने इसे पिछले दरवाजे से अनुच्छेद 370 और 35A के रूप में देखा. अनुच्छेद 370 के प्रभाव पर कभी चर्चा नहीं की गई.
भारतीय संसद द्वारा पारित 106 कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं थे, जिसमें अत्याचार निवारण अधिनियम, मानवाधिकार अधिनियम शामिल हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जम्मू-कश्मीर में पॉक्सो (POCSO) लागू नहीं था. जवाहरलाल नेहरू महिलाओं के संपत्ति के अधिकार के सबसे बड़े पैरोकार थे, लेकिन इसे 1944 में जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं किया गया. आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि अगर कोई कश्मीरी बहन किसी गैर-कश्मीरी से शादी कर लेती थी, तो उसे संपत्ति के अधिकार से भी वंचित कर दिया जाता था.'
लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक पेश किया.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पीएम मोदी का ऐतिहासिक कदम है: सांसद रवि किशन
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा, 'जनता का कई लाख करोड़ रुपया बचेगा. प्रशासन, पुलिस, शिक्षक सभी जुड़े हुए हैं. साल के 12 महीने चुनाव होते रहते हैं. हमें इन सबसे मुक्ति मिलेगी, देश का विकास होगा. यह पीएम मोदी का ऐतिहासिक कदम है.
नड्डा ने कांग्रेस पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का आरोप लगाया
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का आरोप लगाया. नड्डा ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने तीन तलाक की प्रथा को समाप्त कर देश की मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाया जबकि कांग्रेस ने अपनी अल्पसंख्यक तुष्टीकरण नीतियों के कारण ऐसा कभी नहीं किया. उन्होंने कहा कि कई मुस्लिम बहुल देशों में यह व्यवस्था नहीं है लेकिन भारत की धर्मनिरपेक्षता इसकी अनुमति देती है.
नड्डा कहा,'हम सभी जानते हैं कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है. जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि यह लोकतंत्र की जननी है. इसे हमें समझना होगा. भारतीय लोकाचार के अनुसार, लोकतंत्र में स्वतंत्रता, स्वीकार्यता, समानता और समावेशिता शामिल है, जो नागरिकों को सम्मानजनक जीवन जीने की अनुमति देता है.'
अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए संसद के आभारी: जेपी नड्डा
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा 'कश्मीर मुद्दे पर बात करते हुए नड्डा ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए संसद के आभारी हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना है. विपक्ष ने तब इस कदम का विरोध किया था.
जेपी नड्डा ने कहा, 'जब हम संस्कृति की बात करते हैं, तो कई लोगों को लगता है कि हम प्रगतिशील नहीं हैं. मैं उनका ध्यान दिलाना चाहता हूं कि संविधान की मूल प्रति में अजंता और एलोरा की गुफाओं की छाप भी थी. हम उस पर कमल की छाप भी देखते हैं. कमल इस बात को दर्शाता है कि कीचड़ और दलदल से निकलकर आजादी की लड़ाई लड़ने के बाद हम एक नई सुबह के साथ और नए संविधान के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं. इसलिए हमारा संविधान भी हमें कमल के फूल से प्रेरणा देता है कि तमाम परेशानियों के बावजूद हम लोकतंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.'
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर सबको समर्थन करना चाहिए: गिरिराज सिंह
भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर कहा, 'विपक्ष समेत पूरी संसद को इस पर एकजुट होना चाहिए, क्योंकि यह कोई नई बात नहीं है. 1967 तक चुनाव एक साथ होते थे. कांग्रेस ने पीएम मोदी द्वारा लाए जाने वाले किसी भी विधेयक का विरोध करने का मन बना लिया है. 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' देश के लिए है, विकास के लिए है, लोग इसे चाहते हैं, पूरे विपक्ष को इस विधेयक का समर्थन करना चाहिए.'
जे.पी. नड्डा ने संविधान पर बहस शुरू की
केंद्रीय मंत्री एवं सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने राज्यसभा में संविधान पर बहस शुरू की. नड्डा ने संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला. नड्डा ने कहा, 'हम जो यह उत्सव मनाते हैं, वह एक प्रकार से संविधान के प्रति हमारी निष्ठा, संविधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है. मुझे विश्वास है कि हम राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस अवसर का सदुपयोग करेंगे. हम सभी जानते हैं कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि यह न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है बल्कि यह लोकतंत्र की जननी है.'
विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया
विपक्षी सांसदों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.
राज्यसभा ने पद्म विभूषण जाकिर हुसैन को नमन किया
लोकसभा में शून्य काल शुरू हो गया. वहीं, राज्यसभा में मशहूर तबला वादक पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर दु:खद जताया और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि दी गई.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण: रिजिजू
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'ये देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है. यह किसी पार्टी या किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है. यह देश के लिए है. वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया जाएगा, तो मुझे उम्मीद है कि देश कांग्रेस को नकारात्मक खेल खेलते हुए देखेगा. जब भारत को आजादी मिली, तो 2 दशकों तक भारत में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल था.
कांग्रेस द्वारा अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करने के बाद ही संसद और कुछ राज्यों के बीच अलग-अलग चुनाव हुए. क्या कांग्रेस का यह कहना है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू की इतने लंबे समय तक सरकार अवैध थी क्योंकि उस समय एक राष्ट्र, एक चुनाव था? क्या कांग्रेस का यह मतलब है कि देश को 5 साल तक महीने-दर-महीने चुनाव करवाते रहना चाहिए? हमें यह समझना चाहिए कि हम देश और इस देश के लोगों की सेवा के लिए चुनाव करवाते हैं.'
कांग्रेस पार्टी वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का विरोध करेगी: जयराम रमेश
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी इस विधेयक को पूरी तरह खारिज करती है. हम इसे पेश किए जाने का विरोध करेंगे. हम इसे संयुक्त संसदीय समिति को सौंपे जाने की मांग करेंगे. हमारा मानना है कि यह असंवैधानिक है. हमारा मानना है कि यह मूल ढांचे के खिलाफ है और इसका उद्देश्य इस देश में लोकतंत्र और जवाबदेही को खत्म करना है.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को लेकर जेपीसी होनी चाहिए : सुप्रिया सुले
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, 'हम मांग कर रहे हैं कि जेपीसी होनी चाहिए और चर्चा होनी चाहिए. हमारी पार्टी जेपीसी की मांग कर रही है.
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को कानून के खिलाफ बताया
शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव को फिर से सत्ता के केंद्रीकरण की आड़ में लाया जा रहा है. जब दो दिनों तक लोकसभा में संविधान पर विस्तृत चर्चा हुई और आज राज्यसभा में भी जारी रहेगी, तो मेरा मानना है कि इस तरह से संविधान पर हमला करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. चुनाव की प्रक्रिया से छेड़छाड़ करना, संघवाद के खिलाफ काम करना केंद्र सरकार का सत्ता के केंद्रीकरण का एक तरीका है. अभी यह पता नहीं है कि यह कितना लागत प्रभावी होगा. मेरा मानना है कि यह गलत है और संविधान के खिलाफ है और यह बहुत तय है कि जब यह लोकसभा में पेश किया जाएगा तो विपक्ष इसका कड़ा विरोध करेगा और इसे सेलेक्ट कमेटी या जेपीसी के पास भेजा जाएगा.'
बीजेपी और कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा के अपने सभी सांसदों को 17 दिसंबर को उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों पर बहस का जवाब दे सकती हैं. सरकार एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयक भी पेश करने वाली है. मंगलवार को लोकसभा के सूचीबद्ध एजेंडे में एक साथ चुनाव कराने से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक भी शामिल है. इसी के साथ कांग्रेस पार्टी की ओर से भी व्हिप जारी किया गया है.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर प्रमोद तिवारी ने कहा- बीजेपी इसे पारित नहीं करा सकती
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, 'वे इसे सदन में पेश कर रहे हैं, और आप देखेंगे कि वे इसे एक समिति को सौंप देंगे, क्योंकि वे स्वयं इसके लिए तैयार नहीं हैं. वे अच्छी तरह जानते हैं कि न तो उनकी नीति और न ही इरादा सही है. वे जानते हैं कि वे इसे पारित नहीं करा सकते, वे इसके लिए विपक्षी दलों के साथ चर्चा कर सकते थे.'
बेरोजगारी को लेकर सांसद विजय वसंत का स्थगन प्रस्ताव का नोटिस
कांग्रेस सांसद विजय वसंत ने लोकसभा में 'भारत के गहराते बेरोजगारी संकट' पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. इसमें सीएमआईई और पीएलएफएस के आंकड़ों का हवाला दिया गया है जो सितंबर 2024 में बेरोजगारी दर 7.8फीसदी दिखाते हैं. सरकारी दावों के बावजूद जुलाई 2023 और जून 2024 के बीच रोजगार में कोई पर्याप्त सुधार नहीं हुआ है.
किसानों के मुद्दे पर मणिकम टैगोर का लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की चल रही भूख हड़ताल पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को लेकर मनीष तिवारी का नोटिस
लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया जाएगा. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस बिल का विरोध करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया.
नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया. यह बिल लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने का प्रावधान करता है. मेघवाल ने संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम, 1963, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 तथा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करने के लिए भी एक विधेयक पेश किया. इस विधेयक का उद्देश्य एक साथ चुनाव कराने के उद्देश्य से दिल्ली, जम्मू-कश्मीर तथा पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों को एक समान बनाना है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में इस विधेयक को मंजूरी दी थी.
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक सहित अन्य विपक्षी दलों ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का विरोध किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर में एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था. इस समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे थे. पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में इन सिफारिशों को उठाया था. समिति ने दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी. इसके तहत पहले चरण में लोकसभा, विधानसभा चुनाव एक साथ कराने और आम चुनावों के 100 दिनों के भीतर पंचायत और नगर पालिका कराने की सिफारिश की. इसने कहा कि सभी चुनावों के लिए एक समान मतदाता सूची होनी चाहिए.
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लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल के पक्ष में 269 वोट पड़े
लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को स्वीकार करने के पक्ष में 269 वोट पड़े जबकि विरोध में 198 सांसदों ने वोट दिए. बिल को जेपीसी भेजने की सिफारिश की गई. इसी के साथ लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
शिवसेना (यूबीटी) ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का विरोध किया
शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल देसाई ने कहा, 'मैं इस विधेयक के पेश किए जाने का विरोध करता हूं. भारत राज्यों का एक संघ है और इस विधेयक पर विचार करते हुए, यह संघवाद पर सीधा हमला होगा और यह राज्यों की सत्ता को कमजोर करेगा.'
विपक्ष ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर मत विभाजन की मांग की
कानून मंत्री द्वारा लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किए जाने पर विपक्ष ने बिल पर मत विभाजन की मांग की. बिल पेश करने के प्रस्ताव पर मत विभाजन जारी है. यह पहली बार है कि नई संसद में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है. केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करने का प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव का उद्देश्य देश भर में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराना है.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को स्वीकर करने पर वोटिंग
लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल स्वीकर करने पर वोटिंग हो रही है.
सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा- राज्य विधानसभा की स्वायत्तता छीनी जा रही है
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर कहा, 'यह प्रस्तावित विधेयक संविधान के मूल ढांचे पर ही प्रहार करता है. यदि कोई विधेयक वास्तव में संविधान के मूल ढांचे पर प्रहार करता है तो वह संविधान के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. हमें याद रखना चाहिए कि राज्य सरकार और राज्य विधानसभा केंद्र सरकार या संसद के अधीन नहीं हैं. इस संसद के पास सातवीं अनुसूची की सूची एक और सूची तीन के तहत कानून बनाने का अधिकार है. इसी तरह, राज्य विधानसभा के पास सातवीं अनुसूची की सूची दो और सूची तीन के तहत कानून बनाने का अधिकार है. इसलिए, इस प्रक्रिया से राज्य विधानसभा की स्वायत्तता छीनी जा रही है.'
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल संविधान के मूल ढांचे पर हमला है: मनीष तिवारी
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'मैं संविधान 129वें संशोधन विधेयक 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून संशोधन विधेयक 2024 को पेश किए जाने का विरोध करता हूं. संविधान की सातवीं अनुसूची से परे मूल संरचना सिद्धांत है और मूल संरचना सिद्धांत बताता है कि भारतीय संविधान की कुछ विशेषताएं हैं. इसलिए कानून और न्याय मंत्री द्वारा पेश किए गए विधेयक संविधान के मूल ढांचे पर पूरी तरह से हमला करते हैं और इस सदन की विधायी क्षमता से परे हैं और इसलिए उनका विरोध किया जाना चाहिए और उन विधेयकों को पेश किए जाने पर रोक लगाई जानी चाहिए.'
कांग्रेस के लिए अल्पसंख्यक सिर्फ मुसलमान हैं: सुकांत मजूमदार
सुकांत मजूमदार ने कहा, 'भारत में कांग्रेस ने कभी अल्पसंख्यकों के अलावा किसी और के बारे में नहीं सोचा और उनके लिए अल्पसंख्यक सिर्फ मुसलमान हैं. दूसरे अल्पसंख्यकों के बारे में भूल जाइए. वे कभी उनके बारे में बात नहीं करते. यह नई बात है कि वे हिंदुओं और वो भी बांग्लादेशी हिंदुओं के बारे में बात कर रहे हैं.'
अनुच्छेद 370 और 35A पंडित नेहरू की देन: जेपी नड्डा
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में संविधान बहस के दौरान कहा, 'अनुच्छेद 370 में 35A को 1954 में राष्ट्रपति के आदेश के जरिए लाया गया था. 35A को राष्ट्रपति का दर्जा दिया गया था, वो भी संसद में बहस के बिना. आजकल लोकतंत्र की बहुत चर्चा होती है लेकिन आप अनुच्छेद 370 में 35A को राष्ट्रपति के आदेश के जरिए लाते हैं. आप इस पर बहस भी नहीं करते.
35A में परिभाषित किया गया था कि जम्मू-कश्मीर का नागरिक कौन होगा. केवल उन्हें ही नागरिक माना जाएगा जो 1944 से पहले रहते थे. प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को एक काम दिया गया था और हम सबने इसे पिछले दरवाजे से अनुच्छेद 370 और 35A के रूप में देखा. अनुच्छेद 370 के प्रभाव पर कभी चर्चा नहीं की गई.
भारतीय संसद द्वारा पारित 106 कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं थे, जिसमें अत्याचार निवारण अधिनियम, मानवाधिकार अधिनियम शामिल हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जम्मू-कश्मीर में पॉक्सो (POCSO) लागू नहीं था. जवाहरलाल नेहरू महिलाओं के संपत्ति के अधिकार के सबसे बड़े पैरोकार थे, लेकिन इसे 1944 में जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं किया गया. आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि अगर कोई कश्मीरी बहन किसी गैर-कश्मीरी से शादी कर लेती थी, तो उसे संपत्ति के अधिकार से भी वंचित कर दिया जाता था.'
लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक पेश किया.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पीएम मोदी का ऐतिहासिक कदम है: सांसद रवि किशन
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा, 'जनता का कई लाख करोड़ रुपया बचेगा. प्रशासन, पुलिस, शिक्षक सभी जुड़े हुए हैं. साल के 12 महीने चुनाव होते रहते हैं. हमें इन सबसे मुक्ति मिलेगी, देश का विकास होगा. यह पीएम मोदी का ऐतिहासिक कदम है.
नड्डा ने कांग्रेस पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का आरोप लगाया
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का आरोप लगाया. नड्डा ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने तीन तलाक की प्रथा को समाप्त कर देश की मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाया जबकि कांग्रेस ने अपनी अल्पसंख्यक तुष्टीकरण नीतियों के कारण ऐसा कभी नहीं किया. उन्होंने कहा कि कई मुस्लिम बहुल देशों में यह व्यवस्था नहीं है लेकिन भारत की धर्मनिरपेक्षता इसकी अनुमति देती है.
नड्डा कहा,'हम सभी जानते हैं कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है. जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि यह लोकतंत्र की जननी है. इसे हमें समझना होगा. भारतीय लोकाचार के अनुसार, लोकतंत्र में स्वतंत्रता, स्वीकार्यता, समानता और समावेशिता शामिल है, जो नागरिकों को सम्मानजनक जीवन जीने की अनुमति देता है.'
अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए संसद के आभारी: जेपी नड्डा
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा 'कश्मीर मुद्दे पर बात करते हुए नड्डा ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए संसद के आभारी हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना है. विपक्ष ने तब इस कदम का विरोध किया था.
जेपी नड्डा ने कहा, 'जब हम संस्कृति की बात करते हैं, तो कई लोगों को लगता है कि हम प्रगतिशील नहीं हैं. मैं उनका ध्यान दिलाना चाहता हूं कि संविधान की मूल प्रति में अजंता और एलोरा की गुफाओं की छाप भी थी. हम उस पर कमल की छाप भी देखते हैं. कमल इस बात को दर्शाता है कि कीचड़ और दलदल से निकलकर आजादी की लड़ाई लड़ने के बाद हम एक नई सुबह के साथ और नए संविधान के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं. इसलिए हमारा संविधान भी हमें कमल के फूल से प्रेरणा देता है कि तमाम परेशानियों के बावजूद हम लोकतंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.'
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर सबको समर्थन करना चाहिए: गिरिराज सिंह
भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर कहा, 'विपक्ष समेत पूरी संसद को इस पर एकजुट होना चाहिए, क्योंकि यह कोई नई बात नहीं है. 1967 तक चुनाव एक साथ होते थे. कांग्रेस ने पीएम मोदी द्वारा लाए जाने वाले किसी भी विधेयक का विरोध करने का मन बना लिया है. 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' देश के लिए है, विकास के लिए है, लोग इसे चाहते हैं, पूरे विपक्ष को इस विधेयक का समर्थन करना चाहिए.'
जे.पी. नड्डा ने संविधान पर बहस शुरू की
केंद्रीय मंत्री एवं सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने राज्यसभा में संविधान पर बहस शुरू की. नड्डा ने संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला. नड्डा ने कहा, 'हम जो यह उत्सव मनाते हैं, वह एक प्रकार से संविधान के प्रति हमारी निष्ठा, संविधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है. मुझे विश्वास है कि हम राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस अवसर का सदुपयोग करेंगे. हम सभी जानते हैं कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि यह न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है बल्कि यह लोकतंत्र की जननी है.'
विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया
विपक्षी सांसदों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.
राज्यसभा ने पद्म विभूषण जाकिर हुसैन को नमन किया
लोकसभा में शून्य काल शुरू हो गया. वहीं, राज्यसभा में मशहूर तबला वादक पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर दु:खद जताया और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि दी गई.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण: रिजिजू
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'ये देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है. यह किसी पार्टी या किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है. यह देश के लिए है. वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया जाएगा, तो मुझे उम्मीद है कि देश कांग्रेस को नकारात्मक खेल खेलते हुए देखेगा. जब भारत को आजादी मिली, तो 2 दशकों तक भारत में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल था.
कांग्रेस द्वारा अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करने के बाद ही संसद और कुछ राज्यों के बीच अलग-अलग चुनाव हुए. क्या कांग्रेस का यह कहना है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू की इतने लंबे समय तक सरकार अवैध थी क्योंकि उस समय एक राष्ट्र, एक चुनाव था? क्या कांग्रेस का यह मतलब है कि देश को 5 साल तक महीने-दर-महीने चुनाव करवाते रहना चाहिए? हमें यह समझना चाहिए कि हम देश और इस देश के लोगों की सेवा के लिए चुनाव करवाते हैं.'
कांग्रेस पार्टी वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का विरोध करेगी: जयराम रमेश
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी इस विधेयक को पूरी तरह खारिज करती है. हम इसे पेश किए जाने का विरोध करेंगे. हम इसे संयुक्त संसदीय समिति को सौंपे जाने की मांग करेंगे. हमारा मानना है कि यह असंवैधानिक है. हमारा मानना है कि यह मूल ढांचे के खिलाफ है और इसका उद्देश्य इस देश में लोकतंत्र और जवाबदेही को खत्म करना है.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को लेकर जेपीसी होनी चाहिए : सुप्रिया सुले
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, 'हम मांग कर रहे हैं कि जेपीसी होनी चाहिए और चर्चा होनी चाहिए. हमारी पार्टी जेपीसी की मांग कर रही है.
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को कानून के खिलाफ बताया
शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव को फिर से सत्ता के केंद्रीकरण की आड़ में लाया जा रहा है. जब दो दिनों तक लोकसभा में संविधान पर विस्तृत चर्चा हुई और आज राज्यसभा में भी जारी रहेगी, तो मेरा मानना है कि इस तरह से संविधान पर हमला करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. चुनाव की प्रक्रिया से छेड़छाड़ करना, संघवाद के खिलाफ काम करना केंद्र सरकार का सत्ता के केंद्रीकरण का एक तरीका है. अभी यह पता नहीं है कि यह कितना लागत प्रभावी होगा. मेरा मानना है कि यह गलत है और संविधान के खिलाफ है और यह बहुत तय है कि जब यह लोकसभा में पेश किया जाएगा तो विपक्ष इसका कड़ा विरोध करेगा और इसे सेलेक्ट कमेटी या जेपीसी के पास भेजा जाएगा.'
बीजेपी और कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा के अपने सभी सांसदों को 17 दिसंबर को उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों पर बहस का जवाब दे सकती हैं. सरकार एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयक भी पेश करने वाली है. मंगलवार को लोकसभा के सूचीबद्ध एजेंडे में एक साथ चुनाव कराने से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक भी शामिल है. इसी के साथ कांग्रेस पार्टी की ओर से भी व्हिप जारी किया गया है.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर प्रमोद तिवारी ने कहा- बीजेपी इसे पारित नहीं करा सकती
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, 'वे इसे सदन में पेश कर रहे हैं, और आप देखेंगे कि वे इसे एक समिति को सौंप देंगे, क्योंकि वे स्वयं इसके लिए तैयार नहीं हैं. वे अच्छी तरह जानते हैं कि न तो उनकी नीति और न ही इरादा सही है. वे जानते हैं कि वे इसे पारित नहीं करा सकते, वे इसके लिए विपक्षी दलों के साथ चर्चा कर सकते थे.'
बेरोजगारी को लेकर सांसद विजय वसंत का स्थगन प्रस्ताव का नोटिस
कांग्रेस सांसद विजय वसंत ने लोकसभा में 'भारत के गहराते बेरोजगारी संकट' पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. इसमें सीएमआईई और पीएलएफएस के आंकड़ों का हवाला दिया गया है जो सितंबर 2024 में बेरोजगारी दर 7.8फीसदी दिखाते हैं. सरकारी दावों के बावजूद जुलाई 2023 और जून 2024 के बीच रोजगार में कोई पर्याप्त सुधार नहीं हुआ है.
किसानों के मुद्दे पर मणिकम टैगोर का लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की चल रही भूख हड़ताल पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को लेकर मनीष तिवारी का नोटिस
लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया जाएगा. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस बिल का विरोध करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया.