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NEET परीक्षा विवाद: शिक्षा मंत्रालय ने बनाई उच्च स्तरीय समिति, पूर्व इसरो अध्यक्ष करेंगे नेतृत्व - NEET Exam Controversy

शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं को पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष कराने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. यह समिति पूर्व इसरो अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन के नेतृत्व में काम करेगी.

NEET Exam Controversy
NEET परीक्षा विवाद (फोटो - IANS Photo)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 22, 2024, 3:57 PM IST

Updated : Jun 22, 2024, 4:02 PM IST

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी है कि शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी.

शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि समिति 2 महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. जानकारी के अनुसार पूर्व इसरो अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति का नेतृत्व करेंगे.

बता दें कि हाल ही में लीक हुए NEET UGC के पेपर को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है. जहां इसे लेकर छात्र सड़कों पर उतरे हुए हैं, वहीं राजनीतिक पार्टियां इस पर राजनीति कर रही है. लेकिन इन सबके बीच शुक्रवार की रात पेपर लीक को लेकर कानून पारित कर दिया गया है, जिससे अब इसे लेकर कड़ाई बरती जाएगी.

अधिनियम में परीक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी को समय से पहले प्रकट करने तथा परीक्षा केन्द्रों में अनधिकृत लोगों के प्रवेश कर व्यवधान उत्पन्न करने पर भी प्रतिबन्ध लगाया गया है. इन अपराधों के लिए तीन से पांच वर्ष तक कारावास तथा 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. विधेयक के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती तथा गैर-समझौता योग्य होंगे.

Last Updated : Jun 22, 2024, 4:02 PM IST

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