नारायणपुर: बस्तर में लगातार चल रही सर्चिंग के बाद से माओवादियों के बीच बौखलाहट बढ़ती जा रही है. ताजा घटनाक्रम नारायणपुर जिले के आदनार पंचायत का है. गांव वालो के मुताबिक बड़ी संख्या में पहुंचे नक्सलियों ने गांव के एक परिवार के 15 सदस्यों को गांव से बाहर खदेड़ दिया है. जिन गांव वालों को नक्सलियो ने गांव से बाहर खदेड़ा है वो सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं. नक्सलियों ने जिन लोगों को गांव से बाहर खदेड़ा है उनको धमकी भी दी है कि अगर वो गांव लौटे तो उनकी हत्या कर दी जाएगी. एक हफ्ते पहले ही माओवादियों ने इसी परिवार के दो सदस्यों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी.
गरीब आदिवासियों पर आफत बनकर टूटे नक्सली, खुद को गरीबों का मसीहा बताने वालों की खुली पोल - Naxalites chased away villagers - NAXALITES CHASED AWAY VILLAGERS
नारायणपुर में एक बार नक्सलियों ने बड़ा तांडव मचाया है. माओवादियों ने एक ही परिवार के 15 लोगों को गांव से बाहर खदेड़ दिया है. आदनार पंचायत के मुर्सलनापा के ये ग्रामीण अब घर बार छोड़ रैन बसेरे में छिपे हैं. गांव वालों के मुताबिक बीते दिनों पीड़ित परिवार के घर के दो सदस्यों की हत्या भी नक्सलियों ने कर दी थी. नक्सलियों की इस कायराना करतूत के बाद गांव में दहशत का माहौल है. पीड़ित परिवार के लोगों की मदद के लिए प्रशासनिक अमला अभी तक नहीं पहुंचा है.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jun 18, 2024, 3:26 PM IST
|Updated : Jun 18, 2024, 4:35 PM IST
15 ग्रामीणों को नक्सलियों ने गांव से बाहर खदेड़ा:नक्सलियों ने जिन लोगों को गांव से बाहर किया है वो लोग किसी तरह से जान बचाकर जिला मुख्यालय होते हुए रैन बसेरे में पनाह लेकर रह रहे हैं. गांव से निकाले गए ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल है. पीड़ित परिवार की शिकायत है कि जिला प्रशासन का कोई अभी अधिकारी इस घटना के बाद मदद के लिए आगे नहीं आया. घटना के बाद से ही मुर्सलनाा गांव के ग्रामीणों में भी डर का माहौल है. गांव वालों को डर है आने वाले दिनों में नक्सली उनको भी निशाना बना सकते हैं.
लाल आतंक की खुली पोल: नाराणयपुर के नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार खुल रहे पुलिस कैंप से नक्सली बौखलाए हैं. इसी बौखलाहट में वो गांव वालों को सीधे सीधे निशाना बना रहे हैं. कभी गांव वालों को मुखबिर तो कभी पुलिस का मददगार बताकर उसकी हत्या से भी बाज नहीं आ रहे हैं. नक्सली अक्सर अपने बयानों और पर्चों के जरिए ये बताती रही है कि वो गरीब आदिवासियों की सच्ची हितैषी है. पर सच अब लोगों के सामने है. नक्सली अपनी जान बचाने के लिए कभी गांववालों को ढाल बना रहे हैं तो कभी उनको निशाना.