टेकलगुड़ा मुठभेड़ में बड़ा खुलासा, नक्सली कमांडर हिड़मा और देवा ने अटैक किया लीड, बीजीएल और स्नाइपर्स की मदद से बोला हमला - बीजापुर सुकमा बॉर्डर
Tekalguda encounter बीजापुर नक्सली हमले में बड़ा खुलासा हुआ है. सुकमा एसपी ने बताया कि इस हमले को नक्सली कमांडर हिड़मा और देवा ने लीड किया. नक्सलियों ने बीजीएल और देसी मिसाइल से हमला बोला. करीब 400 की संख्या में नक्सली आए थे Naxalites attacked security forces from BGL, Hidma Deva led the attack
बस्तर: बस्तर में बीजापुर सुकमा बॉर्डर पर 30 जनवरी को नक्सली हमला हुआ. यह अटैक टेकलगुड़ा में हुआ जिसमें तीन जवान शहीद हो गए. जबकि 14 जवान घायल हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. एनकाउंटर टेकलगुड़ा में जिस जगह पर हुआ. उस जगह पर सुरक्षाबलों की टीम के साथ ईटीवी भारत की टीम पहुंची. यहां अब भी एनकाउंटर के निशान देखने को मिले. मौके पर मिले हथियारों से यह समझा जा सकता है कि यह एनकाउंटर कितना भीषण रहा होगा. यह भी खुलासा हुआ है कि इस नक्सली हमले में नक्सली हिड़मा और देवा की भी मौजूदगी थी.
नक्सली कमांडर हिड़मा और देवा था मौजूद: इस नक्सली हमले को लेकर बड़ा खुलसा यह हुआ है कि इस अटैक में नक्सलियों का टॉप कमांडर हिड़मा और देवा मौजूद था. करीब 400 की संख्या में नक्सली मौजूद थे. सभी नक्सलियों के पास मॉर्डन वेपन थे और वो लगातार सुरक्षाबलों के जवानों पर फायरिंग कर रहे थे. जिसका बहादुरी से सुरक्षाबलों के जवानों ने जवाब दिया. सिक्योरिटी फोर्स की जवाबी फायरिंग से नक्सली मौके से भाग खड़े हुए. लेकिन इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए और 14 जवान घायल हो गए.
"30 जनवरी को टेकलगुड़ा में कोबरा, सीआरपीएफ, DRG और जिला बल की मदद से नवीन कैम्प स्थापित किया गया. साथ ही कोबरा, DRG, और सीआरपीएफ की टीम आगे बढ़कर टेकलगुड़ा गांव में पोजीशन ले रही थी. इसी दौरान PLGA बटालियन का टॉप कमांडर बारसे देवा और हिड़मा की मौजूदगी में 400 की संख्या में नक्सली आ धमके. सभी नक्सली अत्याधुनिक हथियार से लैस थे. एक एक कर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षाबलों ने भी माकूल जवाब दिया. यह मुठभेड़ करीब चार घंटे तक चली.नक्सलियों ने कई BGL दागे, इसके अलावा स्नाइपर का भी इस्तेमाल नक्सलियों ने किया. एनकाउंटर में 8 से 10 नक्सली भी मारे गए" :किरण चव्हाण, एसपी, सुकमा
नक्सलियों ने बीजीएल और स्नाइपर का किया उपयोग: एसपी के मुताबिक नक्सलियों ने इस अटैक में पहली बार 15, 15 किलों के बीजीएल का प्रयोग किया. नक्सलियों की बटालियन नंबर 1, कंपनी नंबर 2 के साथ आसपास की सारी एरिया कमिटी के नक्सली इस हमले में शामिल थे. नक्सलियों की संख्या 350 से 400 के करीब थी. नक्सलियों ने इस दौरान पहली बार स्नाइपर्स का उपयोग किया. वहीं नक्सलियों ने जवानों पर 15 किलो के BGL ग्रेनेड भी दागे. जिनकी लंबाई 3 फीट तक थी. इस हमले में नक्सलियों ने जवानों पर 1000 से अधिक देशी मिसाइल दागे. इनमे से कुछ ग्रेनेड तो 3 फीट लंबे थे. जिनमें 15 किलो से अधिक बारूद भरा हुआ था.